How to Follow Secure Initiative?
How to Self-evaluate your answer?
INSIGHTS NEW SECURE – 2020: YEARLONG TIMETABLE
सामान्य अध्ययन – 2
विषय: विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
1. पूर्व विधायी जांच में नागरिक समाज को शामिल करने के महत्व पर चर्चा कीजिए और इसमें सार्वजनिक सहभागिता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये जा सकते हैं? समझाइये। (250 शब्द)
सन्दर्भ: PRS INDIA
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
समझाइये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
सार्वजनिक नीति निर्माण में नागरिकों की भागीदारी के महत्व का सुझाव देते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
पूर्व विधायी जांच प्रक्रिया को समझाइए।
नीतियों की पूर्व विधायी जांच में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उपाय बताइये।
निष्कर्ष:
इस दिशा में सरकार की पिछली नीतियों के आलोक में सुझाव दीजिए कि इस दिशा में और क्या करने की आवश्यकता है एवं निष्कर्ष निकालिये।
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
2. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में प्रारंभिक स्कूलिंग के लक्ष्य के रूप में मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान का प्रस्ताव रखा गया है। क्या यह प्रयास पहले से ही तनावग्रस्त बचपन को और अधिक उलझा देगा? आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिये- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न के संदर्भ को संक्षेप में समझाते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
प्राथमिक शिक्षा के पुनर्गठन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा प्रस्तावित महत्वपूर्ण बदलावों की व्याख्या कीजिए।
“पढ़ना कैसे सीखा जाता है” के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न दृष्टिकोणों के मध्य अंतर से सम्बंधित तर्कों पर चर्चा कीजिए।
संदर्भित लेख की सहायता से समझाइए कि इस प्रकार के प्रयासों में क्या खामियां हैं।
क्या किया जाना चाहिए, इस पर चर्चा कीजिए एवं समाधान के लिए उपयुक्त सुझाव भी दीजिए।
निष्कर्ष:
प्रासंगिक आगे की राह के साथ निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन – 3
विषय: भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और निम्न अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
3. देश में डेयरी क्षेत्र की धारणीय वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ-साथ डेयरी कृषकों की आय में वृद्धि को सुनिश्चित करने वाले प्रयासों का विस्तार से वर्णन कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Financial Express
निर्देशक शब्द:
वर्णन कीजिये– ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
देश में डेयरी उद्योग से संबंधित प्रमुख तथ्यों का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए। सरकार का लक्ष्य 2025 तक भारत की वार्षिक दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता को दोगुना अर्थात 53.5 मिलियन टन से बढ़ाकर 108 मिलियन टन करना है।
विषय वस्तु:
सरकार की प्रमुख पहलों- राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम, डेयरी उद्यमिता विकास योजना, राष्ट्रीय डेयरी योजना- I, डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि, डेयरी गतिविधियों से सम्बंधित सहकारी समितियाँ और किसान उत्पादक संगठन (SDCFPO) आदि पर चर्चा कीजिए।
बताइये कि किस प्रकार यह गरीब और सीमांत डेयरी कृषकों को लाभ पहुंचाता है।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
4. भारतीय निर्यात के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए निर्यात तत्परता सूचकांक 2020 के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Live Mint
निर्देशक शब्द:
प्रकाश डालिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर लेखन में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रश्न से सम्बंधित प्रासंगिक जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
निर्यात तत्परता सूचकांक को समझाते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
निर्यात तत्परता सूचकांक 2020 के महत्वपूर्ण निष्कर्षों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
रिपोर्ट के आधार पर भारत के निर्यात क्षेत्र के समक्ष चुनौतियों की व्याख्या कीजिए।
निष्कर्ष:
इन चुनौतियों के समाधान के लिए उपाय बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।
5. विश्वभर में अंतरिक्ष उद्योग के समक्ष बढ़ती नवीन चुनौतियों के आलोक में भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए विचार किये जाने योग्य आवश्यक पहलुओं पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
अंतरिक्ष उद्योग के विस्तार से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की विशेषताओं को बताते हुए भारत के लिए इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिये।
भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए कौन-कौन से तथ्यों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है, समझाइये।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिये भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए वैश्विक शासन, नियामक और हथियार नियंत्रण मुद्दों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
सामान्य अध्ययन – 4
विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
6. ‘परिवर्तन’ एवं ‘प्रगति ’के लिए कार्य करते समय, क्या एक प्रशासक को निराश होना चाहिए क्योंकि वह बहुत कम योगदान दे सकता/ सकती है? विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिये– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न के सन्दर्भ में “परिवर्तन” एवं “प्रगति” से आपका क्या तात्पर्य है, समझाइए।
विषय वस्तु:
समझाइये कि ऐसी परिस्थितियों में एक लोक सेवक को क्या करना चाहिए।
उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से अपने विचारों की पुष्टि भी कीजिए।
निष्कर्ष:
इसलिए किसी को निराश नहीं होना चाहिए कि वह व्यवस्था को बदलने के लिए कुछ भी बड़ा नहीं कर सकता, यहां तक कि छोटे और वास्तविक कदम भी बदलाव ला सकते हैं।
विषय: मामला अध्ययन (केस स्टडी) पर आधारित प्रश्न।
7. एक बेहद लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता, जिसने जिला प्रशासन के समक्ष सदैव गरीबों और दलितों के मुद्दे को उठाया, की दिन–दहाड़े हत्या हो गयी। वह दलितों के बीच बहुत लोकप्रिय था। दस हजार लोगों की एक शक्तिशाली और दृढ़निश्चित भीड़ कलेक्ट्रेट में शव के साथ एकत्रित हुई और आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की, जो नेता को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे।
लोगों को संदेह है कि उसकी हत्या में सत्ताधारी दल के एक शक्तिशाली नेता का हाथ है। आप जिला प्रशासन के प्रमुख हैं।
आपके पास कौन– कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? प्रत्येक विकल्प के गुणों और अवगुणों का मूल्यांकन कीजिए और अपने पक्ष का सुझाव दीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्द:
मूल्यांकन कीजिये- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है की वह कथन अथवा विषय के महत्व को रेखांकित करते हुए उसकी समग्र उपयोगिता बताये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
मामले का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
विषय वस्तु:
एक जिला प्रशासन प्रमुख के रूप में आपके पास उपलब्ध सभी विकल्पों का वर्णन कीजिए।
मामले के गुण और अवगुणों का मूल्यांकन कीजिए।
निष्कर्ष:
एक निष्पक्ष एवं संतुलित राय के साथ निष्कर्ष निकालिए।