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सामान्य अध्ययन –1
विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय। स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
1. 19 वीं शताब्दी में कांग्रेस से पूर्व के राजनीतिक संगठनों का विकास कैसे हुआ? चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
सन्दर्भ: स्वतंत्रता के लिए संघर्ष: बिपिन चंद्र
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
19 वी शताब्दी में विकसित कांग्रेस से पूर्व के राजनीतिक संगठनों के महत्त्व को संक्षेप में समझाइये।
विषय वस्तु:
कांग्रेस से पूर्व के प्रमुख राजनीतिक संगठनों का उल्लेख कीजिये।
उनकी प्रकृति, स्थिति और उनके उद्देश्यों को भी बताइये।
निष्कर्ष:
कांग्रेस की स्थापना में इन राजनीतिक संगठनों की भूमिका को स्पष्ट करते हुए निष्कर्ष निकालिये।
विषय: विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
2. अमेरिकी क्रांति ने फ्रांसीसी क्रांति को प्रेरित किया लेकिन फिर भी यह इससे स्पष्ट रूप से अलग थी। विस्तार से समझाइये। (250 शब्द)
सन्दर्भ: विश्व इतिहास: नॉर्मन लोव
निर्देशक शब्द:
समझाइये-
ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
दोनों क्रांतियों के बारे में संक्षेप में बताते हुए कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को कालानुक्रम में प्रस्तुत कीजिये।
विषय वस्तु:
दोनों क्रांतियों में अंतर और समानताओं को स्पष्ट कीजिए।
समझाइए कि दोनों स्पष्ट रूप से पृथक होते हुए भी अमेरिकी क्रांति ने फ्रांसीसी क्रांति में कैसे योगदान दिया।
निष्कर्ष:
दोनों क्रांतियों के महत्त्व को बताते हुए निष्कर्ष निकालिये।
विषय: भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।
3. भारतीय युवाओं में मौत का दूसरा प्रमुख कारण आत्महत्या क्यों है? भारत इस मुद्दे से कैसे निपट रहा है? आत्महत्याओं को रोकने के लिए आगे किस प्रकार की रणनीति की आवश्यकता है? समझाइये। (250 शब्द)
सन्दर्भ: Outlook India
निर्देशक शब्द:
समझाइये-
ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के साथ प्रश्न की पृष्ठभूमि को समझाइए।
विषय वस्तु:
इस प्रकार की प्रवृत्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
इस प्रकार की प्रवृत्तियों से निपटने के लिए क्या प्रयास किये जाने चाहिए, भारत के विशेष सन्दर्भ में प्रासंगिक उपाय सुझाइये।
निष्कर्ष:
एक संतुलित राय के साथ निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन –3
विषय: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
4. भारत में विमानन क्षेत्र को विमानपत्तनों के बुनियादी ढांचे के विकास में एक प्रमुख बदलाव करने की आवश्यकता है। भारतीय विमानपत्तन आज किन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं? चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
निर्बाध एवं एकीकृत विमानपत्तन बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर चर्चा कीजिए।
विषय वस्तु:
देश के वर्तमान विमानपत्तन बुनियादी ढांचे की खामियों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
समझाइये कि अपने विमानन क्षेत्र के विस्तार के लिए आक्रामक रुख अपनाने वाला भारत, क्या अन्तर्वाह को संभालने में सक्षम है।
सरकार इस दिशा में क्या कदम उठा रही है, बताइये। वर्तमान परिस्थितियों को सुधारने और गंभीर चिंताओं को दूर करने के लिए क्या उपाय अपनाये जाने चाहिए, बताइये।
निष्कर्ष:
आगे की राह के साथ निष्कर्ष निकालिये।
विषय: आपदा और आपदा प्रबंधन।
5. आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए पूर्व-आपदा प्रबंधन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू क्षमता निर्माण है। इस सन्दर्भ में, क्षमता निर्माण के विभिन्न स्तरों और विधियों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
सन्दर्भ: www.ncbi.nlm.nih.gov, Hindustan Times
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
क्षमता निर्माण से आपका क्या तात्पर्य है, समझाइये।
विषय वस्तु:
अंतर्राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का उल्लेख करते हुए पूर्व-आपदा प्रबंधन में क्षमता निर्माण की बारीकियों पर विस्तार से चर्चा कीजिये।
क्षमता विकास के तीन स्तरों: व्यक्तिगत, संस्थागत और सक्षम पर्यावरण निर्माण का उल्लेख कीजिये।
प्रासंगिक केस स्टडी का भी उल्लेख करें।
निष्कर्ष:
क्षमता निर्माण के महत्व और इसमें सरकार के साथ- साथ समाज के योगदान की आवश्यकता को स्पष्ट करते हुए निष्कर्ष निकालिये।
सामान्य अध्ययन –4
विषय: मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
6. क्या कौटिल्य के साम, दाम, दंड और भेद के दर्शन को राजनीति और प्रशासन में वांछित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए लागू किया जाना चाहिए? यह लोगों की नैतिकता को कैसे प्रभावित करेगा? समझाइये। (250 शब्द)
सन्दर्भ: idsa.in
निर्देशक शब्द:
समझाइये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिये।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
कौटिल्य के साम, दाम, दंड और भेद के दर्शन को संक्षेप में समझाइये।
विषय वस्तु:
यह समझाते हुए कि कूटनीति का निर्माण इतिहास और महाकाव्यों में निहित ज्ञान और अनुभवों के आधार पर किया जाता है, भारत के सन्दर्भ में इस दर्शन की प्रासंगिकता को समझाइये ।
इस संदर्भ में उपयुक्त उदाहरण देते हुए अपनी राय प्रस्तुत कीजिए।
निष्कर्ष:
भारतीय संदर्भ में इस दर्शन की प्रयोज्यता का सुझाव देते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में नैतिक मुद्दे।
7. अंतरराष्ट्रीय शरणार्थियों के संकट के प्रति विश्व ने जिम्मेदारीपूर्वक प्रत्युत्तर नहीं दिया है। क्या यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नैतिकता की विफलता को दर्शाता है? चर्चा कीजिये। (250 शब्द)
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
शरणार्थी किसे कहते हैं, समझाइये। विश्व भर में उनकी निराशाजनक स्थिति को उजागर करने के लिए आवश्यक तथ्यों का उल्लेख कीजिए।
विषय वस्तु:
विश्व भर में फैले हुए वर्तमान शरणार्थी संकट को समझाइये।
शरणार्थी संकट के संदर्भ में शामिल नैतिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कीजिए और समझाइये कि इसका जिम्मेदारीपूर्वक प्रत्युत्तर देने में विश्व किस प्रकार विफल रहा।
निष्कर्ष:
उपयुक्त समाधान बताते हुए निष्कर्ष निकालिये।