HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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- Question 1 of 5
1. Question
1 pointsइरावदी डॉल्फिन (Irrawaddy dolphins) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इरावदी डॉल्फ़िन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में तटीय क्षेत्रों में पाई जाती है।
- यह तटों, नदी के मुहानों और एस्चुएरी के पास लवणीय जल में निवास करती है।
- भारत में, इरावदी डॉल्फ़िन चिलिका झील में पाई जाती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: d)
- इरावदी डॉल्फिन (Irrawaddy dolphins) दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के तटीय क्षेत्रों और तीन नदियों, अय्यारवाडी (म्यांमार), महाकम (इंडोनेशियाई बोर्नियो) और मेकांग में पाई जाती हैं।
- हालाँकि कभी-कभी इसे इरावादी नदी डॉल्फ़िन भी कहा जाता है। यह पूर्ण रूप से नदी डॉल्फ़िन की प्रजाति नहीं है। यह मुख्यतः एक समुद्री डॉल्फ़िन प्रजाति है जो तटों, नदी के मुहानों और एस्चुएरी (estuaries) के पास लवणीय जल में निवास करती है। इसने अपनी अल्प आबादी को ताजे जल की नदियों में भी स्थापित किया है, जिसमें गंगा और मेकांगनदी शामिल हैं, साथ ही इरावदी नदी भी पाई जाती है जिसके आधार पर इसे इरावदी डॉल्फिन कहा जाता है।
- विश्व में इसकी जनसंख्या लगभग 7,000 से अधिक है।
- ओडिशा वन विभाग के अधिकारियों, वन्यजीव विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने हाल ही में चिल्का झील में 146 लुप्तप्राय इरावदी डॉल्फ़िन को दर्ज किया है, जो विश्व में जलीय स्तनपायी की सबसे बड़ी एकल लैगून आबादी का है।
- प्रकृति संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (International Union for the Conservation of Nature: IUCN) की रेड लिस्ट में डाॅल्फिन को संकटग्रस्त (endangered) जीवों की श्रेणी में शामिल किया गया है।
Incorrectउत्तर: d)
- इरावदी डॉल्फिन (Irrawaddy dolphins) दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के तटीय क्षेत्रों और तीन नदियों, अय्यारवाडी (म्यांमार), महाकम (इंडोनेशियाई बोर्नियो) और मेकांग में पाई जाती हैं।
- हालाँकि कभी-कभी इसे इरावादी नदी डॉल्फ़िन भी कहा जाता है। यह पूर्ण रूप से नदी डॉल्फ़िन की प्रजाति नहीं है। यह मुख्यतः एक समुद्री डॉल्फ़िन प्रजाति है जो तटों, नदी के मुहानों और एस्चुएरी (estuaries) के पास लवणीय जल में निवास करती है। इसने अपनी अल्प आबादी को ताजे जल की नदियों में भी स्थापित किया है, जिसमें गंगा और मेकांगनदी शामिल हैं, साथ ही इरावदी नदी भी पाई जाती है जिसके आधार पर इसे इरावदी डॉल्फिन कहा जाता है।
- विश्व में इसकी जनसंख्या लगभग 7,000 से अधिक है।
- ओडिशा वन विभाग के अधिकारियों, वन्यजीव विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने हाल ही में चिल्का झील में 146 लुप्तप्राय इरावदी डॉल्फ़िन को दर्ज किया है, जो विश्व में जलीय स्तनपायी की सबसे बड़ी एकल लैगून आबादी का है।
- प्रकृति संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (International Union for the Conservation of Nature: IUCN) की रेड लिस्ट में डाॅल्फिन को संकटग्रस्त (endangered) जीवों की श्रेणी में शामिल किया गया है।
- Question 2 of 5
2. Question
1 pointsमाइक्रोप्लास्टिक्स (Microplastics) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- माइक्रोप्लास्टिक 5 mm से छोटे आकार के सिंथेटिक या सेमी-सिंथेटिक, ठोस, जल में अघुलनशील प्लास्टिक कण होते हैं।
- इसके आकार के कारण, अधिकांश माइक्रोप्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल हैं।
- माइक्रोप्लास्टिक्स को वायुजनित प्रदूषक भी माना जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Correctउत्तर: c)
- माइक्रोप्लास्टिक (Microplastics) 5 mm से छोटे आकार के सिंथेटिक या सेमी-सिंथेटिक, ठोस, जल में अघुलनशील, उच्च बहुलक प्लास्टिक के कण हैं। इनका उपयोग एक कच्चे माल के रूप में कई उत्पादों के लिए किया जाता है और ये किसी भी प्लास्टिक उत्पाद के निम्नीकरण (degradation) से उत्पन्न होते हैं। इनका सूक्ष्म आकार उन्हें अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों के माध्यम से पारित होने और समुद्रों तक सतही जल निकायों और नदियों के माध्यम से पहुंचने में सक्षम बनता है। माइक्रोप्लास्टिक्स नॉन-बायोडिग्रेडेबल (non-biodegradable) और समुद्री एवं ताजे जल में लगातार बना रहता है।
- आम तौर पर1µm से छोटे आकार के प्लास्टिक कणों को नैनोप्लास्टिक (nanoplastics) कहा जाता है। वे अपने सूक्ष्म आकार के कारण पर्यावरण के लिए उच्च जोखिम उत्पन्न करते हैं जो कि एक एल्गी सेल (algal cell) से 1000 गुना छोटा होता है।
- माइक्रोप्लास्टिक प्रकृति में भौतिक, एंजाइमैटिक और माइक्रोबियल निम्नीकरण (degradation) की विभिन्न प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है, लेकिन पूरी तरह से अवकर्षण नहीं हो पाता है।
- माइक्रोप्लास्टिक अत्यधिक हानिकारक हाइड्रोफोबिक कार्बनिक प्रदूषकों को अवशोषित कर सकता है। जलीय पर्यावरण से माइक्रोप्लास्टिक को हटाना अत्यंत कठिन होता है और इससे सभी प्लवक (plankton) आकार के जीवों का विनाश हो सकता है।
- माइक्रोप्लास्टिक्स वायु जनित प्रदूषक के रूप में हवा में मौजूद रह सकते हैं, जो प्लास्टिक टेक्सटाइल फाइबर उत्पादन से उत्पन्न होते हैं।
- पर्सनल केयर एंड कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स (personal care and cosmetic products: PCCP) में अपघर्षक (abrasives) के रूप में उपयोग किए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक्स को आमतौर पर माइक्रोबीड्स (microbeads) के रूप में जाना जाता है। अधिकांशत: गोलाकार आकार के होते हैं, जिनका उपयोग लीव-ऑन लोशन और रिंस-ऑफ प्रोडक्ट में किया जाता है।
Incorrectउत्तर: c)
- माइक्रोप्लास्टिक (Microplastics) 5 mm से छोटे आकार के सिंथेटिक या सेमी-सिंथेटिक, ठोस, जल में अघुलनशील, उच्च बहुलक प्लास्टिक के कण हैं। इनका उपयोग एक कच्चे माल के रूप में कई उत्पादों के लिए किया जाता है और ये किसी भी प्लास्टिक उत्पाद के निम्नीकरण (degradation) से उत्पन्न होते हैं। इनका सूक्ष्म आकार उन्हें अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों के माध्यम से पारित होने और समुद्रों तक सतही जल निकायों और नदियों के माध्यम से पहुंचने में सक्षम बनता है। माइक्रोप्लास्टिक्स नॉन-बायोडिग्रेडेबल (non-biodegradable) और समुद्री एवं ताजे जल में लगातार बना रहता है।
- आम तौर पर1µm से छोटे आकार के प्लास्टिक कणों को नैनोप्लास्टिक (nanoplastics) कहा जाता है। वे अपने सूक्ष्म आकार के कारण पर्यावरण के लिए उच्च जोखिम उत्पन्न करते हैं जो कि एक एल्गी सेल (algal cell) से 1000 गुना छोटा होता है।
- माइक्रोप्लास्टिक प्रकृति में भौतिक, एंजाइमैटिक और माइक्रोबियल निम्नीकरण (degradation) की विभिन्न प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है, लेकिन पूरी तरह से अवकर्षण नहीं हो पाता है।
- माइक्रोप्लास्टिक अत्यधिक हानिकारक हाइड्रोफोबिक कार्बनिक प्रदूषकों को अवशोषित कर सकता है। जलीय पर्यावरण से माइक्रोप्लास्टिक को हटाना अत्यंत कठिन होता है और इससे सभी प्लवक (plankton) आकार के जीवों का विनाश हो सकता है।
- माइक्रोप्लास्टिक्स वायु जनित प्रदूषक के रूप में हवा में मौजूद रह सकते हैं, जो प्लास्टिक टेक्सटाइल फाइबर उत्पादन से उत्पन्न होते हैं।
- पर्सनल केयर एंड कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स (personal care and cosmetic products: PCCP) में अपघर्षक (abrasives) के रूप में उपयोग किए जाने वाले माइक्रोप्लास्टिक्स को आमतौर पर माइक्रोबीड्स (microbeads) के रूप में जाना जाता है। अधिकांशत: गोलाकार आकार के होते हैं, जिनका उपयोग लीव-ऑन लोशन और रिंस-ऑफ प्रोडक्ट में किया जाता है।
- Question 3 of 5
3. Question
1 pointsबैंकिंग धोखाधड़ी के लिए सलाहकार बोर्ड (Advisory Board for Banking Frauds: ABBF) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- RBI द्वारा 50 करोड़ रुपए से अधिक की बैंकिंग धोखाधड़ी की जाँच करने और इस संदर्भ में कार्यवाही के लिये सिफारिश करने के लिए, बैंकिंग धोखाधड़ी के लिये सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया है।
- यह जांच एजेंसियों को संदर्भित करने से पूर्व प्राथमिक स्तर पर मामलों की जाँच करेगा।
- बोर्ड का क्षेत्राधिकार उन मामलों तक ही सीमित होगा, जिनमें सरकारी क्षेत्र के बैंकों के महाप्रबंधक या उससे ऊपर के स्तर के अधिकारी उधार खातों (borrowal accounts) में धोखाधड़ी के आरोप में संलिप्त पाए जाएंगे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: b)
- केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission: CVC) ने 50 करोड़ रुपए से अधिक की बैंकिंग धोखाधड़ी की जाँच करना और इस संदर्भ में कार्यवाही के लिये सिफारिश करने के लिए, बैंकिंग धोखाधड़ी के लिये सलाहकार बोर्ड (Advisory Board for Banking Frauds: ABBF) का गठन किया गया है।
- इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बोर्ड की वित्त संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ आवश्यक सचिवीय सेवाएं, लॉजिस्टिक और विश्लेषणात्मक सहायता प्रदान करेगा। बोर्ड हेतु RBI आवश्यक धन मुहैया कराएगा।
- अध्यक्ष के अलावा, बोर्ड में तीन अन्य सदस्य होते हैं।
- कार्य:
- बोर्ड का क्षेत्राधिकार उन मामलों तक ही सीमित होगा, जिनमें सरकारी क्षेत्र के बैंकों के महाप्रबंधक या उससे ऊपर के स्तर के अधिकारी उधार खातों (borrowal account) में धोखाधड़ी के आरोप में संलिप्त पाए जाएंगे।
- यह संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks: PSB) द्वारा जांच एजेंसियों को सिफ़ारिशें या संदर्भ दिए जाने से पहले सभी बड़े धोखाधड़ी के मामलों की जांच के प्राथमिक स्तर के रूप में कार्य करेगा।
- ऋणदाता (Lenders) बोर्ड को 50 करोड़ रूपये से ऊपर के सभी बड़े धोखाधड़ी के मामलों का उल्लेख करेंगे और इसकी सिफारिश या सलाह प्राप्त होने पर संबंधित बैंक ऐसे मामले में आगे की कार्रवाई करेगा।
- केंद्रीय जांच ब्यूरो किसी भी केस या मामले को बोर्ड को संदर्भित कर सकता है जहां सम्बंधित पीएसबी के साथ उसका कोई मुद्दा या कठिनाई या कोई तकनीकी मामला हो।
- यह समय-समय पर वित्तीय प्रणाली में धोखाधड़ी के विश्लेषण को भी संचालित करता है और RBI को धोखाधड़ी से संबंधित नीति निर्माण के सम्बन्ध में इनपुट भी देता है।
Incorrectउत्तर: b)
- केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission: CVC) ने 50 करोड़ रुपए से अधिक की बैंकिंग धोखाधड़ी की जाँच करना और इस संदर्भ में कार्यवाही के लिये सिफारिश करने के लिए, बैंकिंग धोखाधड़ी के लिये सलाहकार बोर्ड (Advisory Board for Banking Frauds: ABBF) का गठन किया गया है।
- इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बोर्ड की वित्त संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ आवश्यक सचिवीय सेवाएं, लॉजिस्टिक और विश्लेषणात्मक सहायता प्रदान करेगा। बोर्ड हेतु RBI आवश्यक धन मुहैया कराएगा।
- अध्यक्ष के अलावा, बोर्ड में तीन अन्य सदस्य होते हैं।
- कार्य:
- बोर्ड का क्षेत्राधिकार उन मामलों तक ही सीमित होगा, जिनमें सरकारी क्षेत्र के बैंकों के महाप्रबंधक या उससे ऊपर के स्तर के अधिकारी उधार खातों (borrowal account) में धोखाधड़ी के आरोप में संलिप्त पाए जाएंगे।
- यह संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks: PSB) द्वारा जांच एजेंसियों को सिफ़ारिशें या संदर्भ दिए जाने से पहले सभी बड़े धोखाधड़ी के मामलों की जांच के प्राथमिक स्तर के रूप में कार्य करेगा।
- ऋणदाता (Lenders) बोर्ड को 50 करोड़ रूपये से ऊपर के सभी बड़े धोखाधड़ी के मामलों का उल्लेख करेंगे और इसकी सिफारिश या सलाह प्राप्त होने पर संबंधित बैंक ऐसे मामले में आगे की कार्रवाई करेगा।
- केंद्रीय जांच ब्यूरो किसी भी केस या मामले को बोर्ड को संदर्भित कर सकता है जहां सम्बंधित पीएसबी के साथ उसका कोई मुद्दा या कठिनाई या कोई तकनीकी मामला हो।
- यह समय-समय पर वित्तीय प्रणाली में धोखाधड़ी के विश्लेषण को भी संचालित करता है और RBI को धोखाधड़ी से संबंधित नीति निर्माण के सम्बन्ध में इनपुट भी देता है।
- Question 4 of 5
4. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-से देश आसियान (ASEAN) के सदस्य हैं।
- सिंगापुर
- म्यांमार
- वियतनाम
- फिलीपींस
- न्यूजीलैंड
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: c)
Incorrectउत्तर: c)
- Question 5 of 5
5. Question
1 points‘संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय’ (United Nations Convention to Combat Desertification: UNCCD) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वर्ष 2019 में, पहली बार भारत ने संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय’ (UNCCD) के पक्षकारों के सम्मेलन की मेजबानी की थी।
- UNCCD रियो सम्मेलन के एजेंडा 21 की प्रत्यक्ष अनुशंसा से निर्मित एकमात्र अभिसमय है।
- इस अभिसमय को प्रचारित करने के लिए, वर्ष 2019 को “इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ डेजर्ट एंड डेसर्टीफिकेशन” घोषित किया गया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: c)
- भारत ने पहली बार सितंबर 2019 में भूमि निम्नीकरण और मरुस्थलीकरण के मुद्दे को संबोधित करने हेतु ‘संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय’ (United Nations Convention to Combat Desertification: UNCCD) की 14वीं कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज (COP-14) की मेजबानी की।
- भारत ने चीन से COP की अध्यक्षता ग्रहण की थी।
- UNCCD के बारे में:
- 1994 में स्थापित।
- यह पर्यावरण और विकास को संधारणीय भूमि प्रबंधन से जोड़ने वाला एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
- यह रियो सम्मेलन के एजेंडा 21 की प्रत्यक्ष अनुशंसा से निर्मित एकमात्र अभिसमय है।
- अभिसमय को प्रचारित करने के लिए, वर्ष 2006 को ” इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ डेजर्ट एंड डेसर्टीफिकेशन” घोषित किया गया था।
- फोकस क्षेत्र: कन्वेंशन विशेष रूप से शुष्क, अर्ध-शुष्क और शुष्क उप-आर्द्र क्षेत्रों ( arid, semi-arid and dry sub-humid areas) पर मुख्यतः ध्यान केन्द्रित करता है, जिन्हें शुष्क भूमि (drylands) के रूप में जाना जाता है, जहां कुछ सबसे सुभेद्य पारिस्थितिक तंत्र और मनुष्य निवास करते हैं।
- इसका अंतिम लक्ष्य भूमि को अति-उपयोग और सूखे से बचाना है, जिससे यह भोजन, जल और ऊर्जा प्रदान करना जारी रख सके।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (The Ministry of Environment, Forest and Climate Change) इस कन्वेंशन के लिए नोडल मंत्रालय है।
Incorrectउत्तर: c)
- भारत ने पहली बार सितंबर 2019 में भूमि निम्नीकरण और मरुस्थलीकरण के मुद्दे को संबोधित करने हेतु ‘संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय’ (United Nations Convention to Combat Desertification: UNCCD) की 14वीं कांफ्रेंस ऑफ़ पार्टीज (COP-14) की मेजबानी की।
- भारत ने चीन से COP की अध्यक्षता ग्रहण की थी।
- UNCCD के बारे में:
- 1994 में स्थापित।
- यह पर्यावरण और विकास को संधारणीय भूमि प्रबंधन से जोड़ने वाला एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
- यह रियो सम्मेलन के एजेंडा 21 की प्रत्यक्ष अनुशंसा से निर्मित एकमात्र अभिसमय है।
- अभिसमय को प्रचारित करने के लिए, वर्ष 2006 को ” इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ डेजर्ट एंड डेसर्टीफिकेशन” घोषित किया गया था।
- फोकस क्षेत्र: कन्वेंशन विशेष रूप से शुष्क, अर्ध-शुष्क और शुष्क उप-आर्द्र क्षेत्रों ( arid, semi-arid and dry sub-humid areas) पर मुख्यतः ध्यान केन्द्रित करता है, जिन्हें शुष्क भूमि (drylands) के रूप में जाना जाता है, जहां कुछ सबसे सुभेद्य पारिस्थितिक तंत्र और मनुष्य निवास करते हैं।
- इसका अंतिम लक्ष्य भूमि को अति-उपयोग और सूखे से बचाना है, जिससे यह भोजन, जल और ऊर्जा प्रदान करना जारी रख सके।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (The Ministry of Environment, Forest and Climate Change) इस कन्वेंशन के लिए नोडल मंत्रालय है।