INSIGHTS करेंट अफेयर्स+ पीआईबी नोट्स [ DAILY CURRENT AFFAIRS + PIB Summary in HINDI ] 28 July

विषय – सूची:

 सामान्य अध्ययन-I

1. हरिकेन ‘हन्ना’ का टेक्सास में प्रभाव

 

सामान्य अध्ययन-II

1. उन्नत भारत अभियान (UBA)

2. विस्तृत दवा पार्कों को प्रोत्साहन देने की योजना

 

सामान्य अध्ययन-III

1. विश्व में खाद्य सुरक्षा तथा पोषण स्थिति (SOFI) 2020

2. महामारी के दौरान स्पाईवेयर तथा स्टाकरवेयर के उपयोग में वृद्धि

 

प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य

1.ब्लू पॉपी

2. ‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ प्रतियोगिता

3. मोबाइल ऐप ‘मौसम‘

4. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)

5. ट्यूलिंग-टिडिंग सूचर जोन (TTSZ)

 


सामान्य अध्ययन-I


 

विषय: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ आदि।

हरिकेन ‘हन्ना’ का टेक्सास में प्रभाव

(Hurricane Hanna hits Texas)

हाल ही में, अटलांटिक महासागर में उत्पन्न इस वर्ष के पहले हरिकेन ‘हन्ना’ ने अमेरिका के टेक्सास राज्य में भारी भूस्खलन किया है।

हरिकेन द्वारा दक्षिणी टेक्सास और उत्तरपूर्वी मैक्सिको के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा किये जाने की संभावना है।

हरिकेन क्या है?

  1. हरिकेन, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का एक प्रकार होते हैं तथा यह उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में सबसे अधिक शक्तिशाली एवं विनाशकारी तूफान होते हैं। इनमे हवा की गति 119 किलोमीटर प्रति घंटे (74 मील प्रति घंटे) या उससे अधिक होती है।
  2. ये उष्ण महासागरीय जल में उत्पन्न होते हैं।

हरिकेन के भाग

  • आंख (Eye): तूफान के केंद्र में एक शांत क्षेत्र होता है, इसे तूफ़ान की ‘आंख’ कहते हैं। इस क्षेत्र में हल्की हवाएँ बहती हैं। आसमान में हलके बादल छाए रहते हैं तथा कभी-कभी आसमान बिल्कुल साफ होता है।
  • आँख की परिधि (Eye wall): तूफ़ान की आँख के चारो ओर एक झंझावातों की मेखला होती है। ये तूफ़ान ‘आँख के चारो ओर वृताकार पथ में घूमते है। आँख की परिधि में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार वर्षा होती है।
  • वर्षा कटिबंध (Rain bands): हरिकेन की आँख की परिधि से बाहर की ओर दूर तक वर्षा कटिबंधो तथा बादलों का विस्तार होता है। इनके द्वारा गरज के साथ भारी वर्षा होती है तथा कभी-कभी टोरनाडो भी निर्मित हो जाते हैं।

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तूफ़ान का हरिकेन में रूपांतरण किस प्रकार होता है?

उष्णकटिबंधीय महासागरों में कुछ स्थानों पर महासागरीय सतह के गर्म होने पर वर्षा-युक्त बादलों का निर्माण होता होता है। हरिकेन की उत्पत्ति इन स्थानों पर होने वाले उष्णकटिबंधीय विक्षोभ (tropical disturbance) से आरंभ होती है।

  1. उष्णकटिबंधीय विक्षोभ कभी-कभी उष्णकटिबंधीय निम्नदाब (tropical depression) में परिवर्तित हो जाते हैं। इस क्षेत्र में तूफानी झंझावत निर्मित हो जाते है, इनमे वायु की गति 62 किमी / घंटा तक पहुँच जाती है।
  2. इन झंझावातों में हवाओं की गति 62 किमी/घंटा से अधिक होने पर उष्णकटिबंधीय निम्नदाब, उष्णकटिबंधीय तूफ़ान (tropical storm) में परिवर्तित हो जाते हैं।
  3. उष्णकटिबंधीय तूफ़ान में हवाओं की गति 119 किमी / घंटा (74 मील प्रति घंटा) से अधिक होने पर यह हरिकेन (Hurricane) बन जाता है।

हरिकेन की उत्पत्ति की दशाएं

  • उष्ण महासागरीय जल, किसी उष्णकटिबंधीय तूफ़ान को हरिकेन में बदलने हेतु आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। सामान्यतः हरिकेन के निर्माण के लिए महासागरीय सतह का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस (79 डिग्री फ़ारेनहाइट) या उससे अधिक होना आवश्यक है।
  • स्थिर हवाएं: हरिकेन के निर्माण के लिए हवाओं के ऊपर उठने पर उनकी गति तथा दिशा में अधिक परिवर्तन नहीं होना चाहिए। ऊंचाई के साथ हवाओं की गति तथा दिशा में परिवर्तन होने से तूफ़ान कई भागों में विभक्त होकर समाप्त हो सकता है।

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प्रीलिम्स लिंक:

  1. हरिकेन की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार कारक
  2. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में चक्रवात / हरिकेन का नामकरण
  3. भारत के पूर्वी तट में अधिक चक्रवात आने का कारण
  4. कोरिओलिस बल क्या है?
  5. संघनन की गुप्त ऊष्मा क्या है?

मेंस लिंक:

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार कारकों पर चर्चा कीजिए।

स्रोत: द हिंदू

 


सामान्य अध्ययन-II


 

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

उन्नत भारत अभियान (UBA)

(Unnat Bharat Abhiyan)

संदर्भ:

हाल ही में ट्राइफेड (TRIFED) तथा आईआईटी, दिल्ली द्वारा उन्नत भारत अभियान (Unnat Bharat Abhiyan– UBA) हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (Tribal Cooperative Marketing Development Federation of IndiaTRIFED) जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

इस कदम का महत्व:

आईआईटी दिल्ली और उन्नत भारत अभियान लिए एक साझेदारी के साथ, लघु वन उत्पादनों में लगे हुए इन आदिवासियों को नई प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों, उत्पाद नवाचारों, मेंटरशिप, परिवर्तनकारी डिजिटल प्रणालियों और हैंड-होल्डिंग के लिए एक अवसर प्राप्त होगा।

उन्नत भारत अभियान के बारे में:

  • यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
  • इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ कम से कम 5 गांवों के समूह को जोड़ना है, ताकि ये संस्थान अपने ज्ञान के आधार का उपयोग करके इन ग्राम समुदायों की आर्थिक और सामाजिक बेहतरी में योगदान कर सकें।
  • उन्नत भारत अभियान 2.0, पूर्ववर्ती उन्नत भारत अभियान 1. 0 का उन्नत संस्करण है। इसका आरम्भ वर्ष 2018 में किया गया था।
  • इस योजना को सभी शैक्षणिक संस्थानों तक विस्तारित किया गया है; हालांकि, उन्नत भारत अभियान 2.0 में भाग लेने वाले संस्थानों का चयन कुछ मानदंडों की पूर्ति के आधार पर किया जाता है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. उन्नत भारत अभियान किससे संबंधित है?
  2. योजना में भागीदार
  3. यह कब शुरू किया गया था?
  4. उन्नत भारत अभियान 2.0 की विशेषताएं
  5. इसे किस मंत्रालय द्वारा आरम्भ किया गया है।

मेंस लिंक:

उन्नत भारत अभियान 2.0 पर एक टिप्पणी लिखिए।

स्रोत: पीआईबी

 

विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।

विस्तृत दवा पार्कों को प्रोत्साहन देने की योजना

(Scheme for promotion of Bulk Drug Parks)

हाल ही में केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा फार्मा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विस्तृत दवा पार्कों को प्रोत्साहन देने की योजना का आरंभ किया गया है।

योजना के प्रमुख बिंदु:

  • इस योजना के अंतर्गत देश में 3 विस्तृत दवा पार्क बनाने की परिकल्पना की गई है।
  • अनुदान-सहायता, पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों के मामले में परियोजना की लागत का 90 प्रतिशत और अन्य राज्यों के मामले में 70 प्रतिशत होगी।
  • एक विस्तृत दवा पार्क के लिए अधिकतम अनुदान-सहायता को 1,000 करोड़ रुपये तक सीमित किया गया है।

योजना की आवश्यकता:

विस्तार की दृष्टि से भारतीय दवा उद्योग का विश्व में तीसरा स्थान है, इसके बावजूद काफी हद तक दवाओं के निर्माण हेतु आवश्यक कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है। कुछ बल्क ड्रग्स के निर्माण के लिए आयात निर्भरता 80 से 100% है।

  • इस योजना से देश में बल्क ड्रग के उत्पादन लागत तथा बल्क ड्रग के लिए अन्य देशों पर निर्भरता में कमी आएगी।
  • यह योजना दवाओं की निरंतर आपूर्ति करने तथा नागरिकों को सस्ती स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने में भी सहायक होगी।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. उपरोक्त योजना की प्रमुख विशेषताएं
  2. अनुदान
  3. लक्ष्य
  4. सक्रिय दवा घटक (active pharmaceutical ingredients- API) क्या होते हैं?
  5. फिक्स्ड-डोज़ दवाओं बनाम सिंगल-डोज़ दवा संयोजनों में API
  6. औषधियों में एक्ससिपिएंट्स (excipients) क्या होते हैं?

स्रोत: पीआईबी

 


सामान्य अध्ययन-III


 

विषय: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।

विश्व में खाद्य सुरक्षा तथा पोषण स्थिति (SOFI) 2020

(The State of Food Security and Nutrition in the World- SOFI 2020)

महत्वपूर्ण तथ्य:

‘विश्व में खाद्य सुरक्षा तथा पोषण स्थिति’ (The State of Food Security and Nutrition in the WorldSOFI) एक प्रमुख बार्षिक रिपोर्ट है, इसे निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया जाता है:

  1. खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAO)
  2. अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (International Fund for Agricultural Development- IFAD)
  3. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children’s Fund)
  4. विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme)
  5. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO)

रिपोर्ट का उद्देश्य: सतत विकास एजेंडा 2030 के संदर्भ में ‘भूख की समस्या’ की समाप्ति करने की दिशा में प्रगति, खाद्य सुरक्षा तथा पोषण स्तर में सुधार की सूचना तथा इस लक्ष्य की प्राप्ति में आने वाली चुनौतियों का गहन विश्लेष्ण प्रदान करना।

संदर्भ:

13 जुलाई को विश्व में खाद्य सुरक्षा तथा पोषण स्थिति’ (SOFI) रिपोर्ट का नया संस्करण ‘SOFI– 2020जारी किया गया है।

इस वर्ष, SOFI 2020 रिपोर्ट में पहली बार एक नए आंकड़े, ‘विश्व में स्वस्थ आहार की लागत एवं सामर्थ्य’ (cost and affordability of healthy diets around the world) के विस्तृत विवरण को सम्मिलित किया गया है।

रिपोर्ट में भारत संबधी प्रेक्षण:

  1. भारत में ‘अन्तर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा’, ‘प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति 1.90 डॉलर क्रय शक्ति समता’ (purchasing power parityPPP) से ऊपर के लाखों लोग स्वस्थ अथवा पौष्टिक आहार लेने में समर्थ नहीं है।
  2. इस विश्लेषण में इस तथ्य की पुष्टि की गयी है, कि ‘भारत में खराब पोषण की समस्या काफी हद तक व्यक्तियों द्वारा अच्छे आहार को प्राप्त करने में असमर्थता है।‘ इसका कारण पोषण संबंधी जानकारी का अभाव अथवा अभिरुचि या सांस्कृतिक प्राथमिकताएं नहीं है।
  3. भारत में आधिकारिक रूप से गरीब, अर्थात अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे के व्यक्ति पर्याप्त पोषण-युक्त आहार लेने में समर्थ नहीं है, इनके लिए स्वस्थ आहार दूर की बात है।
  4. रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर 18% दक्षिण एशियाई (586 मिलियन) पर्याप्त पोषण-युक्त आहार लेने में समर्थ नहीं है तथा 58% दक्षिण एशियाई (1,337 मिलियन) स्वस्थ आहार लेने में सक्षम नहीं हैं।

 भारत के लिए चिंता का विषय:

भारत में, अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने बाले अधिकाँश कामगारों का रोजगार और आय समाप्त होने के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान स्वस्थ आहार लेने में असमर्थ लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।

समय की मांग:

  1. गरीबी रेखा को पुनर्परिभाषित करना: भारत मे गरीबी रेखा को वर्ष 2011-12 में तेंदुलकर समिति द्वारा परिभाषित किया गया था। इसके अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 33 रु. प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 27 रु. प्रतिदिन अथवा इससे कम आय वालों को गरीबी रेखा से नीचे माना गया है।
  2. सामर्थ्यता: यदि हम कुपोषण तथा खाद्य असुरक्षा को समाप्त करना चाहते हैं, तो हमें स्वस्थ आहार लेने की सामर्थ्य संबंधी समस्या का समाधान करना होगा।

इंस्टा कॉन्सेप्ट्स:

आहार के तीन प्रकार परिभाषित किए गए हैं:

  1. आधारिक ऊर्जा-युक्त आहार (Basic energy sufficient diet): इसमें आवश्यक कैलोरी की मात्रा सबसे सस्ते उपलब्ध स्टार्चयुक्त अनाज (जैसे, चावल या गेहूं) का सेवन करके पूरी की जाती है। इस संदर्भ में 30 वर्षीय स्वस्थ युवती के लिए 2,329 Kcal की आवश्यकता को मानक के रूप में लिया गया है।
  2. पर्याप्त पोषक तत्वों युक्त आहार (Nutrient adequate diet): इसमें, आवश्यक कैलोरी मानक तथा 23 मुख्य और सूक्ष्म पोषक तत्व सम्मिलित होते हैं। इस आहार में विभिन्न खाद्य समूहों की न्यूनतम लागत वाली वस्तुओं को सम्मिलित किया जाता है।
  3. स्वस्थ आहार (Healthy diet): इसमें आवश्यक कैलोरी मानक तथा मानक मुख्य और सूक्ष्म पोषक तत्व सम्मिलित होते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें कई खाद्य समूहों से तैयार विविध प्रकार के आहार को सम्मिलित किया जाता है।

उपरोक्त आहारों का मूल्य:

  1. आधारिक ऊर्जा-युक्त आहार- $ 1.9 प्रतिदिन।
  2. पर्याप्त पोषक तत्वों युक्त आहार- $ 2.12 प्रतिदिन।
  3. स्वस्थ आहार- $ 4.07 प्रतिदिन।

स्वस्थ आहार क्या है?

  1. इसमें 30 ग्राम अनाज, 30 ग्राम दालें, 50 ग्राम मांस / चिकन / मछली और 50 ग्राम अंडे, 100 ग्राम दूध, 100 ग्राम सब्जियां और फल, तथा 5 ग्राम तेल सम्मिलित किया जाता हैं। संक्षेप में, एक संतुलित और स्वस्थ भोजन, परन्तु किसी भी वस्तु की अधिकता नहीं।
  2. भारतीय प्रकार से एक स्वस्थ आहार में छह प्रकार की वस्तुओं का सेवन सम्मिलित किया जाता है: अनाज, प्रोटीन युक्त भोजन (फलीदार सब्जियां, मांस और अंडे), डेयरी, सब्जियां, फल और वसा।

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।

महामारी के दौरान स्पाईवेयर तथा स्टाकरवेयर के उपयोग में वृद्धि

(Why is spyware, stalkerware gaining traction during the pandemic?)

संदर्भ:

एक प्रमुख साइबर सुरक्षा प्रदाता कंपनी के अनुसार, मार्च से जून तक लॉकडाउन अवधि के दौरान स्पाईवेयर तथा स्टाकरवेयर के उपयोग में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

स्पाईवेयर तथा स्टाकरवेयर ऐप क्या होते हैं?

  • स्पाईवेयर तथा स्टाकरवेयर ऐप, वायरस एवं अन्य मैलवेयर की भांति इंटरनेट से जुड़े उपकरणों को संक्रमित करते हैं।
  • एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर के माध्यम से वायरस तथा मैलवेयर का पता लगाया जा सकता है। किंतु स्पाइवेयर और स्टाकरवेयर, उपयोगकर्ताओं को उपयोगी ऐप के रूप में धोखा देती है तथा उनकी जानकारी के बिना डेटा चोरी करके केन्द्रीय सर्वर में भेज देती हैं।

ये उपकरण में किस प्रकार पहुँचते हैं?

  1. किसी स्पायवेयर ऐप को दूरस्थ माध्यम से इंस्टाल किया जा सकता है।
  2. किसी स्टाकरवेयर ऐप, डिजिटल माध्यम से जुड़े उपकरण में किसी व्यक्ति द्वारा निजी रूप से पहुँच होने पर इंस्टाल किया जा सकता है।

 इन ऐप्स का कार्य:

  • स्पाइवेयर ऐप उपकरण के डेटा उपयोग पैटर्न तक पहुँच बनाता है, उपयोगकर्ता के फोटोज, वीडियोज तथा अन्य व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करता है, और फिर इसे केंद्रीय सर्वर तक पहुंचाता है।
  • स्टाकरवेयर ऐप, स्पाइवेयर ऐप्स की भांति ही कार्य करता है। इसके अतिरिक्त यह स्टाकरवेयर ऐप को नियंत्रित करने वाले मास्टर डिवाइस को उपकरण की अवस्थिति की जानकारी भी देता है।
  • अधिकांश स्टाकरवेयर ऐप गोपनीय रूप से काम करते हैं, जिसमें ऐप का कोई निशान नहीं होता है। इस प्रकार के ऐप्स, एक बार इंस्टॉल हो जाने के बाद, मास्टर डिवाइस को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपके ईमेल, टेक्स्ट मैसेज और आपकी बातचीत को नियंत्रित करने, इंटरसेप्ट करने और यहां तक ​​कि बदलने तक में सक्षम बना सकते हैं।

लॉकडाउन के दौरान ऐसे ऐप्स का उपयोग में वृद्धि का कारण

लॉकडाउन के दौरान लोगों के द्वारा इंटरनेट उपयोग में वृद्धि हुई है। इससे साइबर अपराधियों के लिए अपने अपाराधिक कृत्यों को अंजाम देने के लिए पर्याप्त अवसर मिला है।

प्रीलिम्स लिंक:

  1. स्पाइवेयर
  2. स्टाकरवेयर
  3. ट्रोजन
  4. वायरस
  5. वर्म्स
  6. होक्स

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

 


प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य


ब्लू पॉपी

(Blue poppy)

  • वैज्ञानिक नाम: मेकोनोपिस अक्यूलेट्टे (Meconopis acculette)
  • ब्लू पॉपी को हिमालयी फूलों की रानी भी कहा जाता है।
  • यह उत्तराखंड के कुमाऊँ से लेकर कश्मीर तक 3,000 से 5,000 मीटर की ऊँचाई पर पाया जाता है।

चर्चा का कारण

  • हाल ही किये गए एक अध्ययन से ‘ब्लू पॉपी’ हिमालय के निचले क्षेत्रों तथा शैल-युक्त हिमोढ़ों से लुप्त होते जा रहे हैं।
  • ब्लू पॉपी के अतिरिक्त ऊंचाई पर पाए जाने वाले कई अन्य फूलों के पौधे भी जलवायु परिवर्तन के कारण अधिक ऊंचाई पर जीवित रह पा रहे है, अथवा लुप्त होते जा रहे हैं।

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‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ प्रतियोगिता 

(Dare to Dream 2.0’ contest)

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम की 5वीं पुण्य तिथि के अवसर पर नवाचार प्रतियोगिता ‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ का शुभारम्भ किया है।

  • ‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ देश के अन्वेषकों (innovators) और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने वाली खुली चुनौती है।
  • एक विशेषज्ञ समिति द्वारा मूल्यांकन के बाद विजेताओं का चयन किया जाएगा।
  • पुरस्कार की धनराशि के रूप में विजेता स्टार्टअप को 10 लाख रुपये और व्यक्तिगत श्रेणी में 5 लाख रुपये तक दिए जाएंगे।

मोबाइल ऐप ‘मौसम‘

(Mobile App ‘Mausam’)

हाल ही में, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा भारत मौसम विज्ञान विभाग के लिए मोबाइल ऐप ‘मौसम‘ लॉन्‍च किया गया है।

  • इसके माध्यम से उपयोगकर्ता मौसम, पूर्वानुमान, राडार छवियों को एक्सेस कर सकते हैं और निकट की मौसम घटनाओं के बारे में समय रहते चेतावनियां प्राप्त कर सकते हैं।
  • इस मोबाइल ऐप का विकास एवं रूपरेखा संयुक्त रूप से इक्रिसैट (ICRISAT) की डिजिटल एग्रीकल्चर एंड यूथ (DAY) टीम, इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटियोरोलॉजी (IITM), पुणे तथा भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा तैयार की गयी है।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)

(Bureau of Indian Standards)

यह उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाली राष्ट्रीय मानक संस्था है।

  • इसकी स्थापना ‘भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम’, 1986 के अंतर्गत की गयी है।
  • उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के प्रभारी मंत्री अथवा भारतीय मानक ब्यूरो प्रशासनिक बिभाग के प्रमुख BIS के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
  • संरचना: एक कॉर्पोरेट निकाय के रूप में, भारतीय मानक ब्यूरो में 25 सदस्य होते हैं, जिन्हें, केंद्र तथा राज्य सरकारों, उद्योग, वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्थानों और उपभोक्ता संगठनों में से नियुक्त किया जाता है।

ट्यूलिंग-टिडिंग सूचर जोन (TTSZ)

(Tuting-Tidding Suture Zone)

  • ट्यूलिंग-टिडिंग सूचर जोन (TTSZ) पूर्वी हिमालय का एक प्रमुख हिस्सा है, जहाँ हिमालय दक्षिण की ओर मुड़ता है और इंडो-बर्मा रेंज से जुड़ जाता है।
  • एक हालिया अध्ययन के अनुसार, TTSZ के कारण अरुणाचल प्रदेश में दो अलग-अलग गहराईयों पर मध्यम स्तर के भूकंप उत्पन्न हो रहे हैं।

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