विषय – सूची:
सामान्य अध्ययन-II
1. भारत में राज्यों के राज्यपाल
2. प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण
3. अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF)
सामान्य अध्ययन-III
1. मुद्रा विनिमय समझौता (CSA)
2. तियानवेन-1
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
1. इंडिया आइडियाज समिट
2. इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (IRCS)
सामान्य अध्ययन-II
विषय: विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व।
भारत में राज्यों के राज्यपाल
संदर्भ:
हाल ही में, भारत के राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपने कर्तव्यों के अतिरिक्त, मध्य प्रदेश के राज्यपाल के कार्यों के निर्वहन के लिए नियुक्त किया है।
भारत में राज्यों के राज्यपाल
- भारत में राज्यपाल, राज्य का नाममात्र प्रमुख होता है, जबकि मुख्यमंत्री, राज्य का वास्तविक प्रमुख होता है।
- 7 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम 1956 के अनुसार, एक ही व्यक्ति दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल हो सकता है।
- नियुक्ति: राज्यपाल तथा उप-राज्य्पाल्की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
निष्कासन (Removal):
सामान्यतः राज्यपाल के पद का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, किंतु इसे कार्यकाल की समाप्ति से पूर्व भी पद-मुक्त किया जा सकता है: राज्यपाल, राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है, तथा प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्टपति द्वारा पद से बर्खास्त किया जा सकता है।
राज्यपाल के निष्कासन के लिए राष्ट्रपति की भांति महाभियोग का कोई प्रावधान नहीं है।
राज्यपाल की प्रमुख विवेकाधीन शक्तियाँ:
- अविश्वास-प्रस्ताव पारित होने के पश्चात, मुख्यमंत्री द्वारा सलाह देने पर राज्यपाल विधान सभा भंग कर सकते हैं। इसके पश्चात, यह राज्यपाल पर निर्भर करता है कि वह आगे क्या निर्णय लेगें।
- वह, राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के बारे में राष्ट्रपति को सिफारिश कर सकते हैं।
- वह, राज्य विधायिका द्वारा पारित किसी विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति के लिए आरक्षित कर सकते हैं।
- विधानसभा में किसी भी राजनीतिक दल के स्पष्ट बहुमत नहीं होने पर, राज्यपाल द्वारा किसी को भी मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
- राज्यपाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम सरकारों द्वारा स्वायत्त जनजातीय जिला परिषदों को खनिज उत्खनन के लिए लाइसेंस से प्राप्त रॉयल्टी की देय राशि का निर्धारित करता है।
- राज्य के प्रशासनिक और विधायी मामलों के संबंध में मुख्यमंत्री से सूचना प्राप्त कर सकता है।
- राज्य विधायिका द्वारा पारित किसी भी साधारण बिल पर सहमति देने से इनकार कर सकता है।
राज्यपाल की संवैधानिक स्थिति के साथ समस्या:
- राज्यपाल को केवल केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- राष्ट्रपति के विपरीत, राज्यपाल का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है। वह केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की इच्छानुसार पद धारित करता है।
- नियुक्ति का तरीका और कार्यकाल की अनिश्चितता दोनों, राज्यपाल को राजनीति प्रेरित परिस्थितियों में केंद्र सरकार के अनुसार कार्य करने हेतु बाध्य कर सकते है।
स्रोत: पीआईबी
विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G)
संदर्भ:
हाल ही में, ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के 1.10 करोड़ घरों के निर्माण का काम पूरा हो चुका है।
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) के बारे में:
मंत्रालय: इस योजना को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) को पहले इंदिरा आवास योजना कहा जाता था। मार्च 2016 में इसका नाम बदल कर योजना को पुनर्गठित किया गया है।
PMAY-G का उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी आवासहीन गृहस्वामियों तथा कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घर में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं सहित एक पक्का घर प्रदान करना है।
लक्ष्य: इसके तहत वर्ष 2022 तक सभी बुनियादी सुविधाओं सहित 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
लागत वितरण:
इस योजना के अंतर्गत, प्रत्येक इकाई के निर्माण में सहायता राशि को केंद्र और राज्य सरकारों के मध्य, मैदानी क्षेत्रों में 60:40 तथा पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90: 10 के अनुपात में साझा किया जाता है।
इस योजना में ग्रामीण राजमिस्त्री के प्रशिक्षण प्रदान करने, तथा साथ ही साथ मकानों के निर्माण और गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से, कुशल कारीगरों को रोजगार प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।
लाभार्थियों का चयन:
PMAY-G के लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (Socio-Economic and Caste Census- SECC) से उपलब्ध डेटा के अनुसार की जाएगी, तथा लाभार्थियों का चयन, निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पात्र होने और ग्राम सभा सत्यापन के बाद किया जायेगा।
स्रोत: पीआईबी
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF)
(African swine fever)
संदर्भ:
असम में पॉर्सिन उद्योग को COVID-19 लॉकडाउन के दौरान काफी नुकसान पंहुचा है, इसी दौरान राज्य को ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ (African Swine Fever– ASF) के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण असम में 17,000 से अधिक सूअर तथा नजदीकी राज्य अरुणाचल प्रदेश में 4,500 से अधिक सूअरों की मौत हो चुकी है।
भारत में ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ (ASF) की सूचना पहली बार असम राज्य में फरवरी माह में प्राप्त हुई थी।
ASF से प्रभावित देश:
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organisation– FAO) द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) के प्रकोप से ने चीन, मंगोलिया, वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार, फिलीपींस, कोरिया गणराज्य और इंडोनेशिया देश काफी बुरी तरह से प्रभावित हुए है।
अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) के बारे में:
- ASF एक अत्यधिक संक्रामक और घातक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली सूअरों को संक्रमित करता है। इसके संक्रमण से सूअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार (Hemorrhagic Fever) से पीड़ित होते है।
- इसे पहली बार 1920 के दशक में अफ्रीका में देखा गया था।
- इस रोग में मृत्यु दर 100 प्रतिशत के करीब होती है, और चूंकि इस बुखार का कोई इलाज नहीं है, अतः इसके संक्रमण को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका जानवरों को मारना है।
- अफ्रीकी स्वाइन फीवर से मनुष्य के लिए खतरा नहीं होता है, क्योंकि यह केवल जानवरों से जानवरों में फैलता है।
- FAO के अनुसार, यह रोग अत्याधिक संक्रामक है तथा इसकी सीमापार संक्रमण क्षमता से इस क्षेत्र के सभी देशों में संकट उत्पन्न हो गया है, इसके साथ ही एक बार फिर इस रोग का भूत अफ्रीका से बाहर पाँव पसार रहा है। यह रोग, वैश्विक खाद्य सुरक्षा तथा घरेलू आय के लिए महत्वपूर्ण संकट उत्पन्न कर सकता है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
सामान्य अध्ययन-III
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
मुद्रा विनिमय समझौता (CSA)
(What is this Currency Swap Arrangement (CSA)?)
संदर्भ:
हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक तथा श्रीलंका ने नवंबर 2022 तक के लिए 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय (Currency Swap) समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
मुद्रा विनिमय समझौता क्या होता है?
- मुद्रा विनिमय समझौता (Currency Swap Arrangement- CSA), दो मैत्रीपूर्ण संबधो वाले देशों के मध्य अपनी स्थानीय मुद्राओं में व्यापार करने की व्यवस्था होती है।
- इस के अनुसार, दोनों देश अमेरिकी डॉलर की तरह तीसरे देश की मुद्रा में लाए बिना, पूर्व निर्धारित विनिमय दरों पर आयात और निर्यात व्यापार हेतु भुगतान करते हैं।
- मुद्रा विनिमय समझौता द्विपक्षीय या बहुपक्षीय हो सकता है।
समझौते का महत्व:
- इस समझौते से भारतीय बाजार में विश्वास की वृद्धि होगी।
- भारत के लिए समझौते के तहत निर्धारित पूंजी उपलब्ध होगी।
- भारतीय इकाईयों के लिए पूंजी लागत में कमी के साथ-साथ विदेशी पूंजी बाजार तक पहुँच में आसानी होती है।
- भारत में विदेशी मुद्रा तथा पूंजी बाजार में अधिक स्थिरता लाने में सहायक होगा।
स्रोत: द हिंदू
विषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।
तियानवेन-1
(Tianwen-1)
संदर्भ:
चीन द्वारा 22 जुलाई से अपना मंगल अभियान का आरंभ किया गया है। इस अभियान को तियानवेन-1 (Tianwen-1) नाम दिया गया है, इसका शाब्दिक अर्थ ‘स्वर्ग से सवाल’ है।
प्रमुख बिंदु:
- चीन का पहला मंगल प्रोब तियानवेन –1 है, जिसे पहले हुक्सिंग-1 (Huoxing 1) नाम से जाना जाता था ।
- इस अंतरिक्ष यान में एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर सम्मिलित है।
- इस यान को चीन के जिचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र (Xichang Satellite Launch Center) से 5 मार्च को लॉन्च किया गया।
- लैंडिंग साइट: यह अन्तरिक्ष यान मंगल में उत्तरी अक्षांशों में स्थित ‘यूटोपिया प्लैनिटिया’(Utopia Planitia) नामक विशाल मैदान में उतरेगा, इसी स्थान पर वर्ष 1970 में नासा द्वारा भेजा गया वाइकिंग 2 मिशन उतरा था।
- तियानवेन-1, फरवरी 2021 में मगल ग्रह की कक्षा में पहुंच जाएगा तथा मई में रोवर मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा।
- इस अभियान के सफल होने पर, चीन, USSR तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चात् मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक यान—लैंडिंग करने वाला तीसरा देश बन जाएगा।
अभियान के प्रमुख उद्देश्य:
- मंगल का भूवैज्ञानिक मानचित्र का निर्माण करना।
- मंगल की मृदा विशेषताओं का परीक्षण करना तथा पानी-बर्फ के संभावित भंडारों की खोज करना।
- मगल ग्रह के सतही पदार्थों की संरचना का विश्लेषण करना।
- मंगल ग्रह के वातावरण और जलवायु की जांच करना।
- मंगल ग्रह के विद्युत-चुम्बकीय तथा गुरुत्वाकर्षण क्षेत्रों का अध्ययन करना।
इंस्टा फैक्ट्स:
- यह महीना मंगल ग्रह के लिए अभियान लांच करने के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मंगल ग्रह के लिए पहला मिशन 16 जुलाई को लॉन्च किया है। नासा द्वारा 30 जुलाई को ‘पर्सविरन्स’ (Perseverance) रोवर लॉन्च किया जाएगा।
- मंगल ग्रह के लिए अंतरिक्ष यानों को पृथ्वी से जुलाई माह में प्रक्षेपित किया जाता है, क्योंकि पृथ्वी और मंगल, दोनों अलग-अलग गतियों से सूर्य की परिक्रमा करते हैं तथा प्रत्येक दो वर्ष में एक बार परस्पर निकटतम बिंदुओं पर संरेखित होते हैं।
स्रोत: द हिंदू
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
इंडिया आइडियाज समिट
(India Ideas Summit)
हाल ही में, अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) द्वारा ‘इंडिया आइडियाज़ समिट’ का (India Ideas Summit) का आयोजन किया गया।
- इस वर्ष के सम्मेलन की थीम ‘बेहतर भविष्य का निर्माण‘ (Building a Better Future) थी।
- इंडिया आइडियाज समिट, भारत से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर उच्च स्तरीय संवाद के लिए विद्वानों, चिकित्सकों, राजनयिकों और थिंक टैंक आदि को इकठ्ठा करने का एक मंच है।
- अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC), वर्ष 2020 में अपनी 45वीं वर्षगांठ माना रहा है। वर्ष 1975 में गठित USIBC दोनों देशों के बीच एक प्रमुख व्यवसाय संगठन है।
- इसका मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (IRCS)
(Indian Red Cross Society)
- इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना वर्ष 1920 में भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी अधिनियम के तहत की गयी थी तथा इसे 1920 के संसद अधिनियम XV के तहत सम्मिलित किया गया था।
- यह एक स्वैच्छिक मानवीय संगठन है, जिसके अंतर्गत पूरे देश में 1100 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क कार्यरत है। यह आपदाओं / आपात स्थितियों के समय राहत सहायता प्रदान करता है तथा कमजोर लोगों और समुदायों के स्वास्थ्य और देखभाल को बढ़ावा देता है।
- यह विश्व के सबसे बड़े स्वतंत्र मानवीय संगठन, इंटरनेशनल रेड क्रॉस एंड रेड क्रीसेंट मूवमेंट का प्रमुख सदस्य है।
- भारत के माननीय राष्ट्रपति इसके अध्यक्ष तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सोसायटी के चेयरमैन होते है।