HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 points5G मोबाइल नेटवर्क के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 5G तकनीक द्वारा हायर मल्टी जीबीपीएस पीक डेटा स्पीड, अल्ट्रा हाई लेटेंसी, अधिक विश्वसनीयता और बड़े पैमाने पर नेटवर्क क्षमता प्रदान की जाती हैं।
- 5G वायरलेस डिवाइस, स्थानीय एंटीने के माध्यम से रेडियो तरंगों द्वारा इंटरनेट और टेलीफोन नेटवर्क से कनेक्ट होंगी।
- वर्तमान में 5G तकनीक केवल अमेरिका, चीन और कुछ यूरोपीय देशों में उपलब्ध है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर : c)
- 5G 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है। यह 1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद एक नवीन वैश्विक वायरलेस मानक है। 5G एक नए तरह के नेटवर्क को सक्षम करता है जिसे मशीनों, वस्तुओं और उपकरणों सहित लगभग सभी उपकरणों को एक साथ जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- 5G वायरलेस तकनीक का अर्थ है हायर मल्टी जीबीपीएस पीक डेटा स्पीड, अल्ट्रा लो लेटेंसी, अधिक विश्वसनीयता, बड़े पैमाने पर नेटवर्क क्षमता, अधिक उपलब्धता और अधिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक समान सेवाएँ प्रदान करना है। उच्च प्रदर्शन और बेहतर दक्षता नवीन सेवाओं को सशक्त बनाता है और नए उद्योगों को जोड़ता है।
- पूर्ववर्ती तकनीकों के समान, 5G नेटवर्क एक सेलुलर नेटवर्क हैं, जिसमें सेवा क्षेत्र को छोटे भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है जिन्हें सेल (cells) कहा जाता है। सेल में सभी 5G वायरलेस डिवाइस स्थानीय एंटीना के माध्यम से रेडियो तरंगों द्वारा इंटरनेट और टेलीफोन नेटवर्क से जुड़ी होते हैं।
- पहली पीढ़ी – 1G
- आरम्भिक 1980 का दशक: 1G के माध्यम से एनालॉग वॉइस की शुरुआत।
- दूसरी पीढ़ी – 2G
- आरम्भिक 1990 का दशक: 2G के माध्यम से डिजिटल वॉइस (जैसे CDMA- कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस) की शुरुआत।
- तीसरी पीढ़ी – 3G
- आरम्भिक 2000 का दशक: 3G मोबाइल डेटा (जैसे CDMA 2000)।
- चौथी पीढ़ी – 4G LTE
- . 2010: मोबाइल ब्रॉडबैंड के युग में 4G LTE की शुरुआत हुई।
- 1G, 2G, 3G, और 4G सभी ने 5G का मार्ग प्रशस्त किया, जिसे पहले से कहीं अधिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
- 5G पहले से ही विद्यमान हैं, और वैश्विक ऑपरेटरों द्वारा 2019 की शुरुआत में नवीन 5G नेटवर्क को लॉन्च किया गया। 2020 में, कई देशों द्वारा राष्ट्रव्यापी 5G मोबाइल नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। इसके अलावा, सभी प्रमुख एंड्रॉइड फोन निर्माता 5G फोन का व्यवसायीकरण कर रहे हैं और शीघ्र ही अधिक लोगों तक 5G पहुंचने की संभावना है। 5G को 35 से अधिक देशों में प्रसारित किया जा है।
Incorrect
उत्तर : c)
- 5G 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है। यह 1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद एक नवीन वैश्विक वायरलेस मानक है। 5G एक नए तरह के नेटवर्क को सक्षम करता है जिसे मशीनों, वस्तुओं और उपकरणों सहित लगभग सभी उपकरणों को एक साथ जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- 5G वायरलेस तकनीक का अर्थ है हायर मल्टी जीबीपीएस पीक डेटा स्पीड, अल्ट्रा लो लेटेंसी, अधिक विश्वसनीयता, बड़े पैमाने पर नेटवर्क क्षमता, अधिक उपलब्धता और अधिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक समान सेवाएँ प्रदान करना है। उच्च प्रदर्शन और बेहतर दक्षता नवीन सेवाओं को सशक्त बनाता है और नए उद्योगों को जोड़ता है।
- पूर्ववर्ती तकनीकों के समान, 5G नेटवर्क एक सेलुलर नेटवर्क हैं, जिसमें सेवा क्षेत्र को छोटे भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है जिन्हें सेल (cells) कहा जाता है। सेल में सभी 5G वायरलेस डिवाइस स्थानीय एंटीना के माध्यम से रेडियो तरंगों द्वारा इंटरनेट और टेलीफोन नेटवर्क से जुड़ी होते हैं।
- पहली पीढ़ी – 1G
- आरम्भिक 1980 का दशक: 1G के माध्यम से एनालॉग वॉइस की शुरुआत।
- दूसरी पीढ़ी – 2G
- आरम्भिक 1990 का दशक: 2G के माध्यम से डिजिटल वॉइस (जैसे CDMA- कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस) की शुरुआत।
- तीसरी पीढ़ी – 3G
- आरम्भिक 2000 का दशक: 3G मोबाइल डेटा (जैसे CDMA 2000)।
- चौथी पीढ़ी – 4G LTE
- . 2010: मोबाइल ब्रॉडबैंड के युग में 4G LTE की शुरुआत हुई।
- 1G, 2G, 3G, और 4G सभी ने 5G का मार्ग प्रशस्त किया, जिसे पहले से कहीं अधिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
- 5G पहले से ही विद्यमान हैं, और वैश्विक ऑपरेटरों द्वारा 2019 की शुरुआत में नवीन 5G नेटवर्क को लॉन्च किया गया। 2020 में, कई देशों द्वारा राष्ट्रव्यापी 5G मोबाइल नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। इसके अलावा, सभी प्रमुख एंड्रॉइड फोन निर्माता 5G फोन का व्यवसायीकरण कर रहे हैं और शीघ्र ही अधिक लोगों तक 5G पहुंचने की संभावना है। 5G को 35 से अधिक देशों में प्रसारित किया जा है।
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Question 2 of 5
2. Question
1 points‘UN-REDD कार्यक्रम’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- UN-REDD कार्यक्रम खाद्य और कृषि संगठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का एक सहयोगात्मक कार्यक्रम है।
- इस कार्यक्रम का समग्र विकास लक्ष्य, राष्ट्रीय सतत विकास में योगदान करते हुए वन उत्सर्जन को कम करना और वनों में कार्बन स्टॉक को बढ़ाना है।
- UN-REDD कार्यक्रम पूरी तरह से स्वैच्छिक कोष पर आधारित है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: d)
- ‘निर्वनीकरण और वन निम्नीकरण से होने वाले उत्सर्जन में कटौती पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (UN-REDD)’ ‘खाद्य एवं कृषि संगठन’ (Food and Agriculture Organization: FAO), ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (United Nations Development Programme: UNDP) और ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम’ (United Nations Environment Programme: UNEP) का एक सहयोगात्मक कार्यक्रम है। इसे 2008 में COP-13 में बाली एक्शन प्लान और REDD पर UNFCCC के निर्णयों के प्रतिउत्तर में गठित किया गया था।
- इस कार्यक्रम का समग्र विकास लक्ष्य, राष्ट्रीय सतत विकास में योगदान करते हुए वन उत्सर्जन को कम करना और वनों में कार्बन स्टॉक को बढ़ाना है। UN-REDD कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर REDD+ प्रक्रियाओं का समर्थन करता है तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय REDD+ कार्यान्वयन में स्वदेशी लोगों और अन्य वन-निर्भर समुदायों सहित सभी हितधारकों की सूचित और सार्थक भागीदारी को बढ़ावा देता है।
- इस कार्यक्रम का इसकी स्थापना के बाद से ही लगातार विस्तार हो रहा है और वर्तमान में अफ्रीका, एशिया प्रशांत और लैटिन अमेरिका कैरिबियन के 60 से अधिक आधिकारिक भागीदार देश हैं।
- UN-REDD कार्यक्रम पूरी तरह से स्वैच्छिक कोष पर निर्भर करता है।
Incorrect
उत्तर: d)
- ‘निर्वनीकरण और वन निम्नीकरण से होने वाले उत्सर्जन में कटौती पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (UN-REDD)’ ‘खाद्य एवं कृषि संगठन’ (Food and Agriculture Organization: FAO), ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (United Nations Development Programme: UNDP) और ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम’ (United Nations Environment Programme: UNEP) का एक सहयोगात्मक कार्यक्रम है। इसे 2008 में COP-13 में बाली एक्शन प्लान और REDD पर UNFCCC के निर्णयों के प्रतिउत्तर में गठित किया गया था।
- इस कार्यक्रम का समग्र विकास लक्ष्य, राष्ट्रीय सतत विकास में योगदान करते हुए वन उत्सर्जन को कम करना और वनों में कार्बन स्टॉक को बढ़ाना है। UN-REDD कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर REDD+ प्रक्रियाओं का समर्थन करता है तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय REDD+ कार्यान्वयन में स्वदेशी लोगों और अन्य वन-निर्भर समुदायों सहित सभी हितधारकों की सूचित और सार्थक भागीदारी को बढ़ावा देता है।
- इस कार्यक्रम का इसकी स्थापना के बाद से ही लगातार विस्तार हो रहा है और वर्तमान में अफ्रीका, एशिया प्रशांत और लैटिन अमेरिका कैरिबियन के 60 से अधिक आधिकारिक भागीदार देश हैं।
- UN-REDD कार्यक्रम पूरी तरह से स्वैच्छिक कोष पर निर्भर करता है।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsमातृ मृत्यु (Maternal mortality) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत में मातृ मृत्यु अनुपात 2007-2009 की तुलना में 2016-2018 में लगभग 100 मौतें कम था।
- भारत के सभी दक्षिणी राज्यों ने मातृ मृत्यु अनुपात को प्रति 100,000 जीवित जन्म पर 70 से भी कम करते हुए संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त किया है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मातृ मृत्यु का आशय गर्भावस्था के दौरान या गर्भावस्था के समापन के 100 दिनों के भीतर किसी महिला की मृत्यु से है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही नहीं है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
- रजिस्ट्रार जनरल के सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के कार्यालय द्वारा जारी भारत 2016-18 में मातृ मृत्यु दर पर विशेष बुलेटिन के अनुसार भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 2016-18 में 113 से घटकर 2015-17 में 122 और 2014-2016 में 130 रह गया है।
- मातृ मृत्यु दर के प्रमुख संकेतकों में से एक MMR है, जिसे 1,00,000 जीवित जन्मों में मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के लक्ष्य 3.1 का उद्देश्य वैश्विक मातृ मृत्यु अनुपात को प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 70 से कम करना है।
- इस बुलेटिन के अनुसार विभिन्न राज्यों की मातृ मृत्यु दर: असम (215), बिहार (149), मध्य प्रदेश (173), छत्तीसगढ़ (159), ओडिशा (150), राजस्थान (164), उत्तर प्रदेश (197) और उत्तराखंड (99)। दक्षिणी राज्यों में निम्न MMR – आंध्र प्रदेश (65), तेलंगाना (63), कर्नाटक (92), केरल (43) और तमिलनाडु (60)।
- किसी क्षेत्र में मातृ मृत्यु दर उस क्षेत्र के भीतर महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य की एक माप होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्भवती या गर्भवती होने या उसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से, गर्भावस्था के दौरान या गर्भावस्था के समापन के 42 दिनों के भीतर महिला की मृत्यु को मातृ मृत्यु कहा जाता है।
Incorrect
उत्तर: c)
- रजिस्ट्रार जनरल के सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के कार्यालय द्वारा जारी भारत 2016-18 में मातृ मृत्यु दर पर विशेष बुलेटिन के अनुसार भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 2016-18 में 113 से घटकर 2015-17 में 122 और 2014-2016 में 130 रह गया है।
- मातृ मृत्यु दर के प्रमुख संकेतकों में से एक MMR है, जिसे 1,00,000 जीवित जन्मों में मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के लक्ष्य 3.1 का उद्देश्य वैश्विक मातृ मृत्यु अनुपात को प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 70 से कम करना है।
- इस बुलेटिन के अनुसार विभिन्न राज्यों की मातृ मृत्यु दर: असम (215), बिहार (149), मध्य प्रदेश (173), छत्तीसगढ़ (159), ओडिशा (150), राजस्थान (164), उत्तर प्रदेश (197) और उत्तराखंड (99)। दक्षिणी राज्यों में निम्न MMR – आंध्र प्रदेश (65), तेलंगाना (63), कर्नाटक (92), केरल (43) और तमिलनाडु (60)।
- किसी क्षेत्र में मातृ मृत्यु दर उस क्षेत्र के भीतर महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य की एक माप होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्भवती या गर्भवती होने या उसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से, गर्भावस्था के दौरान या गर्भावस्था के समापन के 42 दिनों के भीतर महिला की मृत्यु को मातृ मृत्यु कहा जाता है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsबायोटेक फसलों (Biotech Crops) के वितरण और वैश्विक स्वीकृति के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 2018 में, वैश्विक स्तर पर बायोटेक फसलों का शीर्ष उत्पादक देश संयुक्त राज्य अमेरिका और इसके बाद चीन का स्थान था।
- 2018 में सर्वाधिक बोई गई बायोटेक फसल सोयाबीन थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
- 2018 में बायोटेक फसल (Biotech Crops) की कृषि करने वाले 26 देशों में से 18 देशों को बायोटेक मेगा-देशों के रूप में माना गया है, जिनके द्वारा कम से कम 50,000 हेक्टेयर क्षेत्र पर बायोटेक फसलों की कृषि की गई। वैश्विक स्तर पर बायोटेक फसलों के शीर्ष उत्पादक देश संयुक्त राज्य अमेरिका बना हुआ है, जिसके द्वारा 2018 में 75 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र (वैश्विक बायोटेक फसल रोपण का 39%) पर इसकी कृषि की गई। 51.3 मिलियन हेक्टेयर (वैश्विक उत्पादन का 27%) के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है।
- 02018 में सर्वाधिक रोपित बायोटेक फसलें सोयाबीन, मक्का, कपास और कनोला थी। यद्यपि बायोटेक सोयाबीन के रोपण में केवल 2% की वृद्धि हुई थी, लेकिन इसने वैश्विक बायोटेक फसलों के 50% या 95.9 मिलियन हेक्टेयर के उच्च स्वीकृति दर (adoption rate) को बनाए रखा। यह क्षेत्र विश्व भर में सोयाबीन के कुल उत्पादन का 78% है।
Incorrect
उत्तर: b)
- 2018 में बायोटेक फसल (Biotech Crops) की कृषि करने वाले 26 देशों में से 18 देशों को बायोटेक मेगा-देशों के रूप में माना गया है, जिनके द्वारा कम से कम 50,000 हेक्टेयर क्षेत्र पर बायोटेक फसलों की कृषि की गई। वैश्विक स्तर पर बायोटेक फसलों के शीर्ष उत्पादक देश संयुक्त राज्य अमेरिका बना हुआ है, जिसके द्वारा 2018 में 75 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र (वैश्विक बायोटेक फसल रोपण का 39%) पर इसकी कृषि की गई। 51.3 मिलियन हेक्टेयर (वैश्विक उत्पादन का 27%) के साथ ब्राजील दूसरे स्थान पर है।
- 02018 में सर्वाधिक रोपित बायोटेक फसलें सोयाबीन, मक्का, कपास और कनोला थी। यद्यपि बायोटेक सोयाबीन के रोपण में केवल 2% की वृद्धि हुई थी, लेकिन इसने वैश्विक बायोटेक फसलों के 50% या 95.9 मिलियन हेक्टेयर के उच्च स्वीकृति दर (adoption rate) को बनाए रखा। यह क्षेत्र विश्व भर में सोयाबीन के कुल उत्पादन का 78% है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsमीथेन उत्सर्जन (Methane Emissions) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वैश्विक मीथेन उत्सर्जन में आर्द्रभूमियों (Wetlands) की अधिकतम हिस्सेदारी है।
- शीतोष्ण क्षेत्रों और आर्कटिक का मीथेन में प्रमुख योगदान है।
- मीथेन को एक अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक (Short-lived climate pollutant) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो वायुमंडल में अपेक्षाकृत अल्पकालीन तक विद्यमान रहती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: b)
- ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट से दो नए अध्ययनों के निष्कर्षों के अनुसार पृथ्वी के वायुमंडल में मीथेन उत्सर्जन (Methane Emissions) की मात्रा में वृद्धि जारी है।
- इसके अनुसार शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस के वैश्विक उत्सर्जन में 2008 से 2017 के दशक में प्रति वर्ष 576 मिलियन मीट्रिक टन की कुल वृद्धि हुई है (पिछले दशक की तुलना में 9 प्रतिशत की वृद्धि)।
- अध्ययन के वर्षों के दौरान, वैश्विक मीथेन उत्सर्जन में आर्द्रभूमियों (Wetlands) का 30 प्रतिशत का योगदान रहा, वहीं तेल, गैस और कोयला गतिविधियों का 20 प्रतिशत का योगदान रहा। कृषि क्षेत्र (जिसमें आण्विक किण्वन और खाद प्रबंधन शामिल हैं) का उत्सर्जन में 24 प्रतिशत का और भूमिभराव (लैंडफिल) का 11 प्रतिशत योगदान रहा। दक्षिण अमेरिका, एशिया और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का उत्सर्जन में 64 प्रतिशत का योगदान रहा और शीतोष्ण क्षेत्रों का 32 प्रतिशत एवं आर्कटिक का 4 प्रतिशत योगदान रहा।
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक (short-lived climate pollutants) शक्तिशाली जलवायु कारक हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की तुलना में अल्पकालीन तक वायुमंडल में विद्यमान रहते हैं, फिर भी वातावरण को गर्म करने की उनकी क्षमता कई गुना अधिक होती है। कुछ अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक भी खतरनाक वायु प्रदूषक होते हैं जो लोगों, पारिस्थितिक तंत्र और कृषि उत्पादकता के लिए हानिकारक होते हैं।
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक: कार्बन डाइऑक्साइड के बाद, ब्लैक कार्बन, मीथेन, ट्रोपोस्फेरिक ओजोन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन मानव निर्मित वैश्विक ग्रीनहाउस प्रभाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं, जिनका वर्तमान ग्लोबल वार्मिंग में 45% तक का योगदान है।
Incorrect
उत्तर: b)
- ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट से दो नए अध्ययनों के निष्कर्षों के अनुसार पृथ्वी के वायुमंडल में मीथेन उत्सर्जन (Methane Emissions) की मात्रा में वृद्धि जारी है।
- इसके अनुसार शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस के वैश्विक उत्सर्जन में 2008 से 2017 के दशक में प्रति वर्ष 576 मिलियन मीट्रिक टन की कुल वृद्धि हुई है (पिछले दशक की तुलना में 9 प्रतिशत की वृद्धि)।
- अध्ययन के वर्षों के दौरान, वैश्विक मीथेन उत्सर्जन में आर्द्रभूमियों (Wetlands) का 30 प्रतिशत का योगदान रहा, वहीं तेल, गैस और कोयला गतिविधियों का 20 प्रतिशत का योगदान रहा। कृषि क्षेत्र (जिसमें आण्विक किण्वन और खाद प्रबंधन शामिल हैं) का उत्सर्जन में 24 प्रतिशत का और भूमिभराव (लैंडफिल) का 11 प्रतिशत योगदान रहा। दक्षिण अमेरिका, एशिया और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का उत्सर्जन में 64 प्रतिशत का योगदान रहा और शीतोष्ण क्षेत्रों का 32 प्रतिशत एवं आर्कटिक का 4 प्रतिशत योगदान रहा।
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक (short-lived climate pollutants) शक्तिशाली जलवायु कारक हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की तुलना में अल्पकालीन तक वायुमंडल में विद्यमान रहते हैं, फिर भी वातावरण को गर्म करने की उनकी क्षमता कई गुना अधिक होती है। कुछ अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक भी खतरनाक वायु प्रदूषक होते हैं जो लोगों, पारिस्थितिक तंत्र और कृषि उत्पादकता के लिए हानिकारक होते हैं।
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक: कार्बन डाइऑक्साइड के बाद, ब्लैक कार्बन, मीथेन, ट्रोपोस्फेरिक ओजोन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन मानव निर्मित वैश्विक ग्रीनहाउस प्रभाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं, जिनका वर्तमान ग्लोबल वार्मिंग में 45% तक का योगदान है।