HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
Quiz-summary
0 of 5 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
Information
Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
To view Solutions, follow these instructions:
Click on – ‘Start Quiz’ button
Solve Questions
Click on ‘Quiz Summary’ button
Click on ‘Finish Quiz’ button
Now click on ‘View Questions’ button – here you will see solutions and links.
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 5 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Average score | |
Your score |
Categories
- Not categorized 0%
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
---|---|---|---|---|
Table is loading | ||||
No data available | ||||
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- Answered
- Review
- Question 1 of 5
1. Question
1 pointsमानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनिय, 2019 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसके द्वारा राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार निकायों के अध्यक्षों के कार्यकाल को पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर दिया गया।
- यह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोगों के सदस्यों की पुनर्नियुक्ति की अनुमति नहीं प्रदान करता है।
- कोई व्यक्ति जो किसी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश रहा है, वह राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त हो सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: c)
- मानव अधिकारों का संरक्षण (संशोधन) अधिनियम [The Protection of Human Rights (Amendment) Bill] 2019 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission: NHRC) और राज्य मानवाधिकार आयोग (State Human Rights Commission-SHRC) के अध्यक्षों के कार्यकाल अवधि को पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष का प्रावधान करता है। इसके द्वारा मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 में संशोधन किया गया है।
- इसके अलावा, यह 70 वर्ष की आयु तक NHRC और SHRCs के सदस्यों की पांच वर्ष की अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति की अनुमति देता है।
- 1993 के अधिनियम में प्रावधान था कि SHRC के अध्यक्ष के रूप में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त किया जाता था, लेकिन अब उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों को भी SHRC के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
Incorrectउत्तर: c)
- मानव अधिकारों का संरक्षण (संशोधन) अधिनियम [The Protection of Human Rights (Amendment) Bill] 2019 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission: NHRC) और राज्य मानवाधिकार आयोग (State Human Rights Commission-SHRC) के अध्यक्षों के कार्यकाल अवधि को पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष का प्रावधान करता है। इसके द्वारा मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 में संशोधन किया गया है।
- इसके अलावा, यह 70 वर्ष की आयु तक NHRC और SHRCs के सदस्यों की पांच वर्ष की अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति की अनुमति देता है।
- 1993 के अधिनियम में प्रावधान था कि SHRC के अध्यक्ष के रूप में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त किया जाता था, लेकिन अब उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों को भी SHRC के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
- Question 2 of 5
2. Question
1 pointsट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम [Transgender Persons (Protection of Rights) Act,] 2019 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति को स्वयं अनुभव की गई लिंग पहचान का अधिकार है।
- यह किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के प्रति भेदभाव को प्रतिबंधित करता है, जिसमें शैक्षिक प्रतिष्ठानों, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित या अनुचित व्यवहार करना शामिल है।
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति को उस घर में निवास करने का अधिकार है जहां माता-पिता यासंबंधित परिवार के सदस्य निवास करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: d)
- प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अग्रलिखित अधिकार प्राप्त होंगें – (a) उस घर में निवास करने का अधिकार है जहां माता-पिता या संबंधित परिवार के सदस्य निवास करते हैं; (b) ऐसे घर या उसके किसी भाग से बाहर न किए जाने का अधिकार; और (c) गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से ऐसे घरों की सुविधाओं का लाभ उठाने और उनका उपयोग करने का अधिकार।
- ट्रांसजेंडर के रूप में मान्यता प्राप्त व्यक्ति को स्वयं अनुभव की गई लिंग पहचान का अधिकार होगा।
- ‘ट्रांसजेंडर’ की पहचान का सर्टिफिकेट जिला अधिकारी द्वारा निर्धारित निश्चित समय के भीतर, ऐसी प्रक्रिया और ऐसे रूप एवं तरीके का अनुपालन करते हुए किसी व्यक्ति को ट्रांसजेंडर लिंग के रूप में निर्धारित करते हुए जारी किया जाएगा।
- कोई भी व्यक्ति या प्रतिष्ठान ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ निम्न में से किसी आधार पर भेदभाव नहीं करेगा, अर्थात्: –
- शैक्षिक संस्थानों और सेवाओं में बहिष्कार, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- रोजगार, या व्यवसाय के संबंध में अनुचित व्यवहार करना;
- रोजगार या व्यवसाय से वंचित, या हटाया जाना;
- स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- जनता के लिए उपलब्ध; किसी भी वस्तु, आवास, सेवा, सुविधा, लाभ, विशेषाधिकार या अवसर के संबंध में, आम जनता के उपयोग या समर्पित किसी भी सेवा से वंचित, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- संचरण का अधिकार (right of movement) के संबंध में बहिष्कार, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- किसी संपत्ति पर निवास करने, खरीदने, किराए पर देने, या अन्यथा कब्जा करने के अधिकार के संबंध में बहिष्कार, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- सार्वजनिक या निजी पद धारण करने के अवसर से वंचित करना, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- सरकारी या निजी प्रतिष्ठान, जिसका संरक्षक या पदासीन एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति है, तक पहुँचने से रोकना, पद से हटाना या अनुचित व्यवहार करना।
Incorrectउत्तर: d)
- प्रत्येक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अग्रलिखित अधिकार प्राप्त होंगें – (a) उस घर में निवास करने का अधिकार है जहां माता-पिता या संबंधित परिवार के सदस्य निवास करते हैं; (b) ऐसे घर या उसके किसी भाग से बाहर न किए जाने का अधिकार; और (c) गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से ऐसे घरों की सुविधाओं का लाभ उठाने और उनका उपयोग करने का अधिकार।
- ट्रांसजेंडर के रूप में मान्यता प्राप्त व्यक्ति को स्वयं अनुभव की गई लिंग पहचान का अधिकार होगा।
- ‘ट्रांसजेंडर’ की पहचान का सर्टिफिकेट जिला अधिकारी द्वारा निर्धारित निश्चित समय के भीतर, ऐसी प्रक्रिया और ऐसे रूप एवं तरीके का अनुपालन करते हुए किसी व्यक्ति को ट्रांसजेंडर लिंग के रूप में निर्धारित करते हुए जारी किया जाएगा।
- कोई भी व्यक्ति या प्रतिष्ठान ट्रांसजेंडर व्यक्ति के खिलाफ निम्न में से किसी आधार पर भेदभाव नहीं करेगा, अर्थात्: –
- शैक्षिक संस्थानों और सेवाओं में बहिष्कार, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- रोजगार, या व्यवसाय के संबंध में अनुचित व्यवहार करना;
- रोजगार या व्यवसाय से वंचित, या हटाया जाना;
- स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- जनता के लिए उपलब्ध; किसी भी वस्तु, आवास, सेवा, सुविधा, लाभ, विशेषाधिकार या अवसर के संबंध में, आम जनता के उपयोग या समर्पित किसी भी सेवा से वंचित, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- संचरण का अधिकार (right of movement) के संबंध में बहिष्कार, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- किसी संपत्ति पर निवास करने, खरीदने, किराए पर देने, या अन्यथा कब्जा करने के अधिकार के संबंध में बहिष्कार, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- सार्वजनिक या निजी पद धारण करने के अवसर से वंचित करना, उस पर रोक लगाना या अनुचित व्यवहार करना;
- सरकारी या निजी प्रतिष्ठान, जिसका संरक्षक या पदासीन एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति है, तक पहुँचने से रोकना, पद से हटाना या अनुचित व्यवहार करना।
- Question 3 of 5
3. Question
1 pointsहाल ही में समाचारों में चर्चित ‘वैनगार्ड बैंक’ और ‘स्कार्बोरौघ शोअल’ (Vanguard Bank and Scarborough Shoal) निम्नलिखित में से कहां स्थित है?
Correctउत्तर: c)
- वियतनाम ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में ‘वैनगार्ड बैंक (Vanguard Bank)’ में चीनी आक्रामकता का घोर विरोध किया है।
- ‘स्कार्बोरौघ शोअल (Scarborough Shoal)’ भी दक्षिण चीन सागर में ही स्थित है।
Incorrectउत्तर: c)
- वियतनाम ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में ‘वैनगार्ड बैंक (Vanguard Bank)’ में चीनी आक्रामकता का घोर विरोध किया है।
- ‘स्कार्बोरौघ शोअल (Scarborough Shoal)’ भी दक्षिण चीन सागर में ही स्थित है।
- Question 4 of 5
4. Question
1 pointsलिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा के क्षेत्रों पर किन देशों के बीच सीमा विवाद है:
Correctउत्तर: d)
- नेपाल के मंत्रिमंडल ने भारत के साथ सीमा विवाद के बीच लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को दर्शाते हुए एक नए राजनीतिक मानचित्र का प्रकाशन किया है।
- नेपाल के सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने संसद में एक विशेष प्रस्ताव प्रस्तुत किया है जिसमें कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख में नेपाल के क्षेत्र की वापसी की मांग की गई है।
- लिपुलेख दर्रा कालापानी के पास एक पश्चिमी बिंदु है। ज्ञातव्य है कि कालापानी नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमावर्ती क्षेत्र है। भारत और नेपाल दोनों ही कालापानी को अपने क्षेत्र का एक अभिन्न अंग मानते हैं (भारत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रूप में और नेपाल धारचूला जिले के हिस्से के रूप में)।
- भारत ने कहा है कि उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले में हाल ही में सड़क का उद्घाटन किया गया है जो पूरी तरह से भारत के राज्यक्षेत्र में स्थित है।
- नेपाल ने कहा, नेपाल और उस समय कि ब्रिटिश भारत सरकार के बीच हस्ताक्षरित 1816 की सुगौली संधि और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों के आधार पर नया नक्शा तैयार किया गया था, जिससे पता चलता है कि लिम्पीयाधुरा (जहाँ से काली नदी का उद्गम होता है) भारत के साथ नेपाल की सीमा है।
- उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2019 में अपनी सीमा में कालापानी और लिपुलेख को शामिल करते हुए भारत ने एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था। भारत द्वारा तिब्बत (चीन) में स्थित एक पवित्र तीर्थस्थल कैलाश मानसरोवर को जोड़ने वाली सड़क लिंक का उद्घाटन करने के बाद तनाव बढ़ गया, जो नेपाल से संबंधित क्षेत्र से होकर गुजरती है।
Incorrectउत्तर: d)
- नेपाल के मंत्रिमंडल ने भारत के साथ सीमा विवाद के बीच लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को दर्शाते हुए एक नए राजनीतिक मानचित्र का प्रकाशन किया है।
- नेपाल के सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने संसद में एक विशेष प्रस्ताव प्रस्तुत किया है जिसमें कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख में नेपाल के क्षेत्र की वापसी की मांग की गई है।
- लिपुलेख दर्रा कालापानी के पास एक पश्चिमी बिंदु है। ज्ञातव्य है कि कालापानी नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमावर्ती क्षेत्र है। भारत और नेपाल दोनों ही कालापानी को अपने क्षेत्र का एक अभिन्न अंग मानते हैं (भारत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रूप में और नेपाल धारचूला जिले के हिस्से के रूप में)।
- भारत ने कहा है कि उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले में हाल ही में सड़क का उद्घाटन किया गया है जो पूरी तरह से भारत के राज्यक्षेत्र में स्थित है।
- नेपाल ने कहा, नेपाल और उस समय कि ब्रिटिश भारत सरकार के बीच हस्ताक्षरित 1816 की सुगौली संधि और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों के आधार पर नया नक्शा तैयार किया गया था, जिससे पता चलता है कि लिम्पीयाधुरा (जहाँ से काली नदी का उद्गम होता है) भारत के साथ नेपाल की सीमा है।
- उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2019 में अपनी सीमा में कालापानी और लिपुलेख को शामिल करते हुए भारत ने एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था। भारत द्वारा तिब्बत (चीन) में स्थित एक पवित्र तीर्थस्थल कैलाश मानसरोवर को जोड़ने वाली सड़क लिंक का उद्घाटन करने के बाद तनाव बढ़ गया, जो नेपाल से संबंधित क्षेत्र से होकर गुजरती है।
- Question 5 of 5
5. Question
1 points‘ट्रांसजेनिक फसल (transgenic crop)’ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत में, बीटी कपास (Bt cotton) व्यावसायिक खेती के लिए उपयोग की जाने वाली पहली ट्रांसजेनिक फसल थी।
- ट्रांसजेनिक फसलें अधिक विषाक्त और पर्यावरण में सदैव प्रचुत मात्रा में वृद्धि करने वाली होती हैं।
- भारत में, ट्रांसजेनिक फसलों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और बीज नीति, 2002 के तहत विनियमित किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correctउत्तर: b)
- प्लांट जेनेटिक इंजीनियरिंग विधियों को 30 वर्ष पहले विकसित किया गया था, और तब से, आनुवंशिक रूप से संशोधित (genetically modified: GM) फसलें या ट्रांसजेनिक फसलें व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हो गई हैं और कई देशों में व्यापक रूप से अपनाई गई हैं।
- भारत में, बीटी कपास को मार्च 2002 में भारत सरकार द्वारा वाणिज्यिक खेती के लिए पहली ट्रांसजेनिक फसल के रूप में मंजूरी दी गई थी।
- हालांकि, यह व्यापक रूप से दावा किया जाता है कि ट्रांसजेनिक फसलें कुछ बड़ी चुनौतियों का समाधान करने हेतु उपयुक्त हैं, लेकिन सभी नई तकनीकों की तरह, यह कुछ जोखिम भी उत्पन्न करती है, क्योंकि ट्रांसजेनिक फसलें एक साथ प्रकृति में नहीं पाए जाने वाले नए जीन संयोजन को बढ़ावा दे सकती हैं, जिनके स्वास्थ्य, पर्यावरण और गैर-लक्ष्य प्रजातियों पर संभावित हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
- ट्रांसजेनिक फसलें न तो विषाक्त होती हैं और न ही इनके पर्यावरण में प्रचुर मात्रा में वृद्धि करने की संभावना होती है। हालांकि, विशिष्ट फसलें उन गुणों के संयोजन के आधार पर हानिकारक हो सकती हैं जो उनमें विद्यमान होते हैं।
- भारत में ट्रांसजेनिक फसलों के लिए नियामक ढांचे में निम्नलिखित नियम और दिशानिर्देश शामिल हैं।
- नियम और नीतियां
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (1986) के तहत नियम, 1989
- बीज नीति, 2002
- दिशानिर्देश
- पुनरावर्ती डीएनए सुरक्षा दिशा-निर्देश, 1990
- ट्रांसजेनिक पौधों 1999 के तहत अनुसंधान संबंधी दिशानिर्देश
- नियम और नीतियां
Incorrectउत्तर: b)
- प्लांट जेनेटिक इंजीनियरिंग विधियों को 30 वर्ष पहले विकसित किया गया था, और तब से, आनुवंशिक रूप से संशोधित (genetically modified: GM) फसलें या ट्रांसजेनिक फसलें व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हो गई हैं और कई देशों में व्यापक रूप से अपनाई गई हैं।
- भारत में, बीटी कपास को मार्च 2002 में भारत सरकार द्वारा वाणिज्यिक खेती के लिए पहली ट्रांसजेनिक फसल के रूप में मंजूरी दी गई थी।
- हालांकि, यह व्यापक रूप से दावा किया जाता है कि ट्रांसजेनिक फसलें कुछ बड़ी चुनौतियों का समाधान करने हेतु उपयुक्त हैं, लेकिन सभी नई तकनीकों की तरह, यह कुछ जोखिम भी उत्पन्न करती है, क्योंकि ट्रांसजेनिक फसलें एक साथ प्रकृति में नहीं पाए जाने वाले नए जीन संयोजन को बढ़ावा दे सकती हैं, जिनके स्वास्थ्य, पर्यावरण और गैर-लक्ष्य प्रजातियों पर संभावित हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
- ट्रांसजेनिक फसलें न तो विषाक्त होती हैं और न ही इनके पर्यावरण में प्रचुर मात्रा में वृद्धि करने की संभावना होती है। हालांकि, विशिष्ट फसलें उन गुणों के संयोजन के आधार पर हानिकारक हो सकती हैं जो उनमें विद्यमान होते हैं।
- भारत में ट्रांसजेनिक फसलों के लिए नियामक ढांचे में निम्नलिखित नियम और दिशानिर्देश शामिल हैं।
- नियम और नीतियां
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (1986) के तहत नियम, 1989
- बीज नीति, 2002
- दिशानिर्देश
- पुनरावर्ती डीएनए सुरक्षा दिशा-निर्देश, 1990
- ट्रांसजेनिक पौधों 1999 के तहत अनुसंधान संबंधी दिशानिर्देश
- नियम और नीतियां