HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 points‘जिला खनिज फाउंडेशन (District Mineral Foundation: DMF) फंड’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- हालांकि, DMF का संचालन राज्य सरकारों के अधीन है, लेकिन केंद्र सरकार के पास योगदान की दरों को निर्धारित करने की शक्ति होती है।
- DMF फंड को राज्यों के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों के रूप में माना जाता है।
- प्रधानमंत्री खनीज क्षेत्र कल्याण योजना, DMF द्वारा सृजित धनराशि का उपयोग करते हुए खनन से जुड़े क्षेत्रों से प्रभावित लोगों के कल्याण के लिए है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: d)
- हालांकि DMF का संचालन राज्य सरकारों के अधीन है, लेकिन केंद्र सरकार के पास योगदान की दरों को निर्धारित करने की शक्ति होती है।
- केंद्र सरकार द्वारा 17 सितंबर 2015 को खननकर्ताओं द्वारा DMF में देय योगदान की दरों को अधिसूचित किया गया था। 12 जनवरी, 2015 से पहले निष्पादित सभी खनन पट्टों के मामले में {खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम (Mines and Minerals (Development & Regulation) Amendment Act: MMDR ) लागू होने की तिथि} खननकर्ताओं को रॉयल्टी के 30% के बराबर राशि का DMF में योगदान करना होगा। जहाँ खनन पट्टों को 12.01.2015 के बाद जारी किया गया है, वहाँ योगदान की दर रॉयल्टी का 10% होगी। (MMDR संशोधन अधिनियम के अधिनियमन के बाद, खनन पट्टों को नीलामी के बाद दिया जाता है, इसलिए, यह एक निम्न लेवी की दर है)।
- DMF फंड को राज्यों के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों के रूप में माना जाता है।
- प्रधानमंत्री खनीज क्षेत्र कल्याण योजना, DMF द्वारा सृजित धनराशि का उपयोग करते हुए खनन से जुड़े क्षेत्रों से प्रभावित लोगों के कल्याण के लिए है।
Incorrect
उत्तर: d)
- हालांकि DMF का संचालन राज्य सरकारों के अधीन है, लेकिन केंद्र सरकार के पास योगदान की दरों को निर्धारित करने की शक्ति होती है।
- केंद्र सरकार द्वारा 17 सितंबर 2015 को खननकर्ताओं द्वारा DMF में देय योगदान की दरों को अधिसूचित किया गया था। 12 जनवरी, 2015 से पहले निष्पादित सभी खनन पट्टों के मामले में {खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम (Mines and Minerals (Development & Regulation) Amendment Act: MMDR ) लागू होने की तिथि} खननकर्ताओं को रॉयल्टी के 30% के बराबर राशि का DMF में योगदान करना होगा। जहाँ खनन पट्टों को 12.01.2015 के बाद जारी किया गया है, वहाँ योगदान की दर रॉयल्टी का 10% होगी। (MMDR संशोधन अधिनियम के अधिनियमन के बाद, खनन पट्टों को नीलामी के बाद दिया जाता है, इसलिए, यह एक निम्न लेवी की दर है)।
- DMF फंड को राज्यों के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों के रूप में माना जाता है।
- प्रधानमंत्री खनीज क्षेत्र कल्याण योजना, DMF द्वारा सृजित धनराशि का उपयोग करते हुए खनन से जुड़े क्षेत्रों से प्रभावित लोगों के कल्याण के लिए है।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वेतन संहिता अधिनियम (Code on Wages), 2019 भारतीय संसद का एक अधिनियम है जो उद्योग, व्यापार, व्यवसाय या विनिर्माण जैसे सभी नियोजनों में मजदूरी और बोनस भुगतान को विनियमित करता है।
- न्यूनतम मजदूरी केंद्र और राज्यों दोनों द्वारा निर्धारित की जाती है।
- न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करते समय, सरकार श्रमिकों के कौशल को ध्यान में नहीं रखती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: a)
- वेतन संहिता (Code on Wages), 2019 भारत की संसद का एक अधिनियम है जो उद्योग, व्यापार, व्यवसाय या विनिर्माण जैसे सभी नियोजनों में मजदूरी और बोनस भुगतान को विनियमित करता है। यह सहिंता निम्नलिखित चार कानूनों को प्रतिस्थापित करेगा: (i) मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936, (ii) न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948, (iii) बोनस भुगतान अधिनियम, 1965, और (iv) समान मजदूरी अधिनियम, 1976।
- कवरेज: सहिंता सभी कर्मचारियों पर लागू होती है। केंद्र सरकार द्वारा रेलवे, खनन और तेल क्षेत्रों इत्यादि से जुड़े रोजगार के वेतन संबंधी निर्णय लिए जायेंगे। राज्य सरकारों अन्य रोजगारों से संबंधित निर्णय लिए जायेंगे।
- वेतन में पारिश्रमिक, भत्ते या मौद्रिक परिभाषा में व्यक्त होने वाले सभी घटक शामिल हैं। इसमें कर्मचारियों को मिलने वाला बोनस या यात्रा भत्ता, इत्यादि शामिल नहीं हैं।
- मानक मजदूरी (floor wage): सहिंता के अनुसार, केंद्र सरकार श्रमिकों के जीवन स्तर को ध्यान में रखते हुए मानक मजदूरी नियत करेगी। इसके अतिरिक्त, वह विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के लिए भिन्न-भिन्न मानक मजदूरी भी निर्धारित कर सकती है। मानक मजदूरी निर्धारित करने से पहले केंद्र सरकार केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की सलाह ले सकती है और राज्य सरकारों से परामर्श कर सकती है।
- केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी, मानक मजदूरी से अधिक होना चाहिए।
- सहिंता नियोक्ताओं को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन का भुगतान करने से प्रतिबंधित करती है। न्यूनतम मजदूरी को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। केंद्र या राज्य सरकारें प्रत्येक पांच वर्षों में न्यूनतम मजदूरी की समीक्षा या उसमें संशोधन करेंगी। न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करते समय केंद्र या राज्य सरकारें अग्रलिखित कारकों को ध्यान रखेंगी: (i) श्रमिकों का कौशल और (ii) कार्य संबंधी कठिनाईयां।
Incorrect
उत्तर: a)
- वेतन संहिता (Code on Wages), 2019 भारत की संसद का एक अधिनियम है जो उद्योग, व्यापार, व्यवसाय या विनिर्माण जैसे सभी नियोजनों में मजदूरी और बोनस भुगतान को विनियमित करता है। यह सहिंता निम्नलिखित चार कानूनों को प्रतिस्थापित करेगा: (i) मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936, (ii) न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948, (iii) बोनस भुगतान अधिनियम, 1965, और (iv) समान मजदूरी अधिनियम, 1976।
- कवरेज: सहिंता सभी कर्मचारियों पर लागू होती है। केंद्र सरकार द्वारा रेलवे, खनन और तेल क्षेत्रों इत्यादि से जुड़े रोजगार के वेतन संबंधी निर्णय लिए जायेंगे। राज्य सरकारों अन्य रोजगारों से संबंधित निर्णय लिए जायेंगे।
- वेतन में पारिश्रमिक, भत्ते या मौद्रिक परिभाषा में व्यक्त होने वाले सभी घटक शामिल हैं। इसमें कर्मचारियों को मिलने वाला बोनस या यात्रा भत्ता, इत्यादि शामिल नहीं हैं।
- मानक मजदूरी (floor wage): सहिंता के अनुसार, केंद्र सरकार श्रमिकों के जीवन स्तर को ध्यान में रखते हुए मानक मजदूरी नियत करेगी। इसके अतिरिक्त, वह विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के लिए भिन्न-भिन्न मानक मजदूरी भी निर्धारित कर सकती है। मानक मजदूरी निर्धारित करने से पहले केंद्र सरकार केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की सलाह ले सकती है और राज्य सरकारों से परामर्श कर सकती है।
- केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी, मानक मजदूरी से अधिक होना चाहिए।
- सहिंता नियोक्ताओं को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन का भुगतान करने से प्रतिबंधित करती है। न्यूनतम मजदूरी को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। केंद्र या राज्य सरकारें प्रत्येक पांच वर्षों में न्यूनतम मजदूरी की समीक्षा या उसमें संशोधन करेंगी। न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करते समय केंद्र या राज्य सरकारें अग्रलिखित कारकों को ध्यान रखेंगी: (i) श्रमिकों का कौशल और (ii) कार्य संबंधी कठिनाईयां।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsहाल ही में समाचारों में चर्चित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल ‘हागिया सोफ़िया (Hagia Sophia)’ निम्नलिखित किस देश में स्थित है:
Correct
उत्तर: c)
तुर्की के सर्वोच्च न्यायालय ने लगभग 1,500 वर्ष पुराने हागिया सोफ़िया (Hagia Sophia) को संग्रहालय से मस्जिद में बदलने की अनुमति दी है। यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध सदियों पुरानी यह संरचना, मूल रूप से बाइजेंटाइन साम्राज्य में 1453 (जब कॉन्स्टेंटिनोपल को सुल्तान मेहमत II की ओटोमन सेनाओं ने ध्वस्त कर दिया किया था) में एक मस्जिद में परिवर्तित होने से पूर्व एक कैथेड्रल (चर्च) थी। हालांकि, 1930 के दशक में, तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने मस्जिद को बंद कर दिया और देश को अधिक धर्मनिरपेक्ष बनाने के प्रयास में इसे संग्रहालय में बदल दिया।
Incorrect
उत्तर: c)
तुर्की के सर्वोच्च न्यायालय ने लगभग 1,500 वर्ष पुराने हागिया सोफ़िया (Hagia Sophia) को संग्रहालय से मस्जिद में बदलने की अनुमति दी है। यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध सदियों पुरानी यह संरचना, मूल रूप से बाइजेंटाइन साम्राज्य में 1453 (जब कॉन्स्टेंटिनोपल को सुल्तान मेहमत II की ओटोमन सेनाओं ने ध्वस्त कर दिया किया था) में एक मस्जिद में परिवर्तित होने से पूर्व एक कैथेड्रल (चर्च) थी। हालांकि, 1930 के दशक में, तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने मस्जिद को बंद कर दिया और देश को अधिक धर्मनिरपेक्ष बनाने के प्रयास में इसे संग्रहालय में बदल दिया।
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Question 4 of 5
4. Question
1 points“प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (Perform Achieve and Trade: PAT) योजना” के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (PAT) योजना नीति अयोग का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
- प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (PAT) योजना का उद्देश्य देश में विशिष्ट ऊर्जा गहन उद्योगों में ऊर्जा की खपत को कम करना और वर्धित ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना है।
- नेशनल मिशन फॉर एनहांस्ड एनर्जी एफिशिएंसी (NMEEE) नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज (NAPCC) के तहत शामिल आठ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: c)
- प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (Perform Achieve and Trade: PAT) योजना देश में विशिष्ट ऊर्जा गहन उद्योगों में ऊर्जा की खपत को कम करना और वर्धित ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (the Bureau of Energy Efficiency: BEE) द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है।
- जिन्होंने लक्ष्य से अधिक क्षमता को प्राप्त किया है, उन्हें ऊर्जा बचत प्रमाणपत्र या ESCerts से सम्मानित किया गया।
- जो अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ रहे हैं, उन्हें भारतीय ऊर्जा विनिमय (the Indian Energy Exchange: IEX) द्वारा संचालित एक केंद्रीकृत ऑनलाइन ट्रेडिंग तंत्र के माध्यम से ESCerts (ओवरचीवर्स से) खरीदने की आवश्यकता होती है।
- वर्ष 2008 में भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज (NAPCC) के तहत नेशनल मिशन फॉर एनहांस्ड एनर्जी एफिशिएंसी (NMEEE) आठ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है।
Incorrect
उत्तर: c)
- प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (Perform Achieve and Trade: PAT) योजना देश में विशिष्ट ऊर्जा गहन उद्योगों में ऊर्जा की खपत को कम करना और वर्धित ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (the Bureau of Energy Efficiency: BEE) द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है।
- जिन्होंने लक्ष्य से अधिक क्षमता को प्राप्त किया है, उन्हें ऊर्जा बचत प्रमाणपत्र या ESCerts से सम्मानित किया गया।
- जो अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ रहे हैं, उन्हें भारतीय ऊर्जा विनिमय (the Indian Energy Exchange: IEX) द्वारा संचालित एक केंद्रीकृत ऑनलाइन ट्रेडिंग तंत्र के माध्यम से ESCerts (ओवरचीवर्स से) खरीदने की आवश्यकता होती है।
- वर्ष 2008 में भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज (NAPCC) के तहत नेशनल मिशन फॉर एनहांस्ड एनर्जी एफिशिएंसी (NMEEE) आठ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 points‘कोलबेड मीथेन (Coalbed methane: CBM)’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- शेल गैस के समान कोलबेड मीथेन को सीधे गैस के स्रोत वाली चट्टानों से निष्कर्षित किया जाता है।
- CBM का उपयोग विद्युत उत्पादन, वाहन ईंधन के लिए संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas: CNG) और खाद (Fertiliser) के लिए फीडस्टॉक के रूप में किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
कोलबेड मीथेन ((Coalbed methane: CBM):
- शेल गैस की तरह कोलबेड मीथेन को अपरंपरागत गैस भंडारों से निष्कर्षित किया जाता है- जहाँ गैस को सीधे गैस के स्रोत वाली चट्टानों से निष्कर्षण किया जाता है (शेल गैस के मामले में शेल और कोलबेड मीथेन के मामले में कोयला)।
- मीथेन गैस कोयले की परतों के नीचे पाई जाती है। इसे ड्रिल किया जाता है तथा नीचे उपस्थित भूमिगत जल को हटाकर प्राप्त किया जाता है। दबाव में परिणामी गिरावट कोयले से मीथेन को मुक्त करने का कारण बनती है।
- केंद्रीय खदान योजना और डिजाइन संस्थान (Central Mine Planning and Design Institute: CMPDI) के अनुसार, CBM का उपयोग विद्युत उत्पादन, वाहन ईंधन के लिए संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas: CNG) के रूप में और खाद (Fertiliser) के लिए फीडस्टॉक के रूप में किया जा सकता है। इसके अलावा इसका प्रयोग औद्योगिक इकाइयों में जैसे- सीमेंट उद्योग, रोलिंग मिलों, स्टील प्लांट तथा मीथेनॉल के उत्पादन में किया जा सकता है।
Incorrect
उत्तर: c)
कोलबेड मीथेन ((Coalbed methane: CBM):
- शेल गैस की तरह कोलबेड मीथेन को अपरंपरागत गैस भंडारों से निष्कर्षित किया जाता है- जहाँ गैस को सीधे गैस के स्रोत वाली चट्टानों से निष्कर्षण किया जाता है (शेल गैस के मामले में शेल और कोलबेड मीथेन के मामले में कोयला)।
- मीथेन गैस कोयले की परतों के नीचे पाई जाती है। इसे ड्रिल किया जाता है तथा नीचे उपस्थित भूमिगत जल को हटाकर प्राप्त किया जाता है। दबाव में परिणामी गिरावट कोयले से मीथेन को मुक्त करने का कारण बनती है।
- केंद्रीय खदान योजना और डिजाइन संस्थान (Central Mine Planning and Design Institute: CMPDI) के अनुसार, CBM का उपयोग विद्युत उत्पादन, वाहन ईंधन के लिए संपीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas: CNG) के रूप में और खाद (Fertiliser) के लिए फीडस्टॉक के रूप में किया जा सकता है। इसके अलावा इसका प्रयोग औद्योगिक इकाइयों में जैसे- सीमेंट उद्योग, रोलिंग मिलों, स्टील प्लांट तथा मीथेनॉल के उत्पादन में किया जा सकता है।