HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsहाल ही में WHO ने औपचारिक रूप से यह संभावना व्यक्त की गई है कि नोवल कोरोनावायरस भीड़ भरे इनडोर स्थानों में हवा में विद्यमान रह सकता है। इस संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से वायुजनित रोग (Airborne Diseases) हैं?
- खसरा (Measles)
- क्षय रोग (TB)
- ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV)
- चिकनपॉक्स
सही उत्तर कुट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: b)
- संक्षेप में, WHO ने औपचारिक रूप से इस संभावना को स्वीकार किया है कि नोवल कोरोनावायरस भीड़ भरे स्थानों में हवा में विद्यमान रह सकता है, जहां “शॉर्ट-रेंज एरोसोल ट्रांसमिशन को समाप्त नहीं किया जा सकता है”।
- वायुजनित रोग (airborne disease) रोगजनकों (pathogens) के कारण होने वाली एक बीमारी है जो सूक्ष्म कणों द्वारा समय के साथ और दूर स्थानों पर हवा के माध्यम से प्रेषित हो सकती है।
- संबंधित रोगजनक वायरस, बैक्टीरिया या कवक हो सकते हैं, और वे श्वास, बात करने, खाँसी, छींकने, धूल, तरल पदार्थ के छिड़काव, टॉयलेट फ्लशिंग या इसी प्रकार की किसी भी गतिविधियों (जो एरोसोल कणों या बूंदों को उत्पन्न करते हैं) से फैल सकते हैं।
- एयरबोर्न ट्रांसमिशन रेस्पीरेटरी ड्रॉपलेट्स (respiratory droplets) द्वारा संचरण से अलग होता है। सूक्ष्म कणों (जो हवा द्वारा रोगजनकों को प्रेषित करते हैं) के विपरीत, रेस्पीरेटरी ड्रॉपलेट्स इस आकार की होती है कि वे उत्पन्न होने के बाद तेजी से धरातल पर गिर जाती हैं (आमतौर पर 5 माइक्रोन से अधिक)। इसके अलावा, जबकि रेस्पीरेटरी ड्रॉपलेट्स में ज्यादातर जल होता है, हवा में मौजूद कण अपेक्षाकृत शुष्क होते हैं, जो कई रोगजनकों को नुकसान पहुंचाते हैं, ताकि संक्रमण फैलाने की उनकी क्षमता कम या समाप्त हो जाए। इस प्रकार, हवा के माध्यम से प्रेषित होने वाले रोगजनकों की संख्या सीमित है।
- कई सामान्य संक्रमण कम से कम कुछ मामलों में हवा के द्वारा फैल सकते हैं, लेकिन यही तक सीमित नहीं हैं, जैसे: मिजिल्स मोर्बिलीवायरस, चिकनगुनिया वायरस; माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, इन्फ्लूएंजा वायरस, एंटरोवायरस, नोरोवायरस और कम सामान्यतः कोरोनोवायरस, एडेनोवायरस, और संभवत: रेस्पीरेटरी सिंकिटियल वायरस।
Incorrect
उत्तर: b)
- संक्षेप में, WHO ने औपचारिक रूप से इस संभावना को स्वीकार किया है कि नोवल कोरोनावायरस भीड़ भरे स्थानों में हवा में विद्यमान रह सकता है, जहां “शॉर्ट-रेंज एरोसोल ट्रांसमिशन को समाप्त नहीं किया जा सकता है”।
- वायुजनित रोग (airborne disease) रोगजनकों (pathogens) के कारण होने वाली एक बीमारी है जो सूक्ष्म कणों द्वारा समय के साथ और दूर स्थानों पर हवा के माध्यम से प्रेषित हो सकती है।
- संबंधित रोगजनक वायरस, बैक्टीरिया या कवक हो सकते हैं, और वे श्वास, बात करने, खाँसी, छींकने, धूल, तरल पदार्थ के छिड़काव, टॉयलेट फ्लशिंग या इसी प्रकार की किसी भी गतिविधियों (जो एरोसोल कणों या बूंदों को उत्पन्न करते हैं) से फैल सकते हैं।
- एयरबोर्न ट्रांसमिशन रेस्पीरेटरी ड्रॉपलेट्स (respiratory droplets) द्वारा संचरण से अलग होता है। सूक्ष्म कणों (जो हवा द्वारा रोगजनकों को प्रेषित करते हैं) के विपरीत, रेस्पीरेटरी ड्रॉपलेट्स इस आकार की होती है कि वे उत्पन्न होने के बाद तेजी से धरातल पर गिर जाती हैं (आमतौर पर 5 माइक्रोन से अधिक)। इसके अलावा, जबकि रेस्पीरेटरी ड्रॉपलेट्स में ज्यादातर जल होता है, हवा में मौजूद कण अपेक्षाकृत शुष्क होते हैं, जो कई रोगजनकों को नुकसान पहुंचाते हैं, ताकि संक्रमण फैलाने की उनकी क्षमता कम या समाप्त हो जाए। इस प्रकार, हवा के माध्यम से प्रेषित होने वाले रोगजनकों की संख्या सीमित है।
- कई सामान्य संक्रमण कम से कम कुछ मामलों में हवा के द्वारा फैल सकते हैं, लेकिन यही तक सीमित नहीं हैं, जैसे: मिजिल्स मोर्बिलीवायरस, चिकनगुनिया वायरस; माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, इन्फ्लूएंजा वायरस, एंटरोवायरस, नोरोवायरस और कम सामान्यतः कोरोनोवायरस, एडेनोवायरस, और संभवत: रेस्पीरेटरी सिंकिटियल वायरस।
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Question 2 of 5
2. Question
1 points‘तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone: CRZ)’ के भीतर निम्नलिखित में से कौन-सी गतिविधियाँ निषिद्ध हैं।
- नए उद्योगों की स्थापना और बिना किसी अपवाद के मौजूदा उद्योगों का विस्तार करना।
- उद्योगों, कस्बों या नगरों और अन्य मानवीय अधिवासों से व्युत्पन्नित अनुपचारित कचरे और अपशिष्टों का निस्सरण करना।
- तापीय विद्युत संयत्रों से व्युत्पन्नित राख या अन्य अपशिष्ट की डंपिंग करना।
- दुर्लभ खनिजों का खनन करना जो CRZ क्षेत्रों के बाहर उपलब्ध नहीं हैं।
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: c)
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम ( the Environment (Protection) Act), 1986 की धारा 3 (1) और धारा 3 (2) (v) और पर्यावरण (संरक्षण) नियमावली 5 (3) (1986) के नियमों के तहत अधिसूचना, तटीय क्षेत्र को तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone: CRZ) घोषित करती है और CRZ में गतिविधियों को विनियमित करती है।
निम्नलिखित गतिविधियों को तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone: CRZ) के भीतर निषिद्ध घोषित किया गया है:
- नए उद्योगों की स्थापना और मौजूदा उद्योगों का विस्तार, सिवाय उन के जो प्रत्यक्षत: जल या प्रत्यक्ष रूप से फोरशोर सुविधाओं (foreshore facilities) आवश्यकताओं से संबंधित हैं;
- पर्यावरण और वन मंत्रालय में भारत सरकार की अधिसूचना में निर्दिष्ट खतरनाक पदार्थों का निर्माण या हैंडलिंग या भंडारण या निपटान;
- भण्डारण सहित मत्स्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना और विस्तार करना (अनुमति वाले क्षेत्रों में हैचरी और प्राकृतिक रूप से मछलियों को सुखाने को छोड़कर);
- जल (उपचार और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम (the Water (Prevention and Control of Pollution Act), 1974 के तहत अनुमोदन के साथ जलीय प्रणाली में उपचारित अपशिष्ट जल को प्रवाहित करने और स्टॉर्म जल के प्रवाह के अतिरिक्त, अपशिष्ट और अपशिष्टों के निपटान के लिए इकाइयों/तंत्र की स्थापना और विस्तार करना;
- उद्योगों, शहरों या कस्बों और अन्य मानव अधिवासों से अनुपचारित कचरे और अपशिष्टों का निस्सरण। इस अधिसूचना की तिथि से तीन वर्ष से अधिक नहीं होने पर, उचित समयावधि के भीतर, मौजूदा गतिविधियों को चरणबद्ध करने के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा योजनाएं लागू की जाएंगी।
- भूमि भराव या अन्यथा के प्रयोजनों के लिए कस्बे या शहर से उत्पन्नित अपशिष्ट की डंपिंग; मौजूदा गतिविधि (यदि कोई हो तो) को इस अधिसूचना की तिथि से 3 वर्ष के भीतर चरणबद्ध तरीके बंद किया जाएगा;
- तापीय विद्युत संयत्रों से व्युत्पन्नित राख या अन्य अपशिष्ट की डंपिंग करना।
- इसी प्रकार के अवरोधों सहित समुद्र के जल के प्राकृतिक मार्ग को पुनर्जीवित करना, फंडिंग या अवरुद्ध करना; तटीय अपरदन के नियंत्रण और जलमार्गों, चैनलों और बंदरगाहों की सफाई करने और सैंडबार की रोकथाम और ज्वारीय नियंत्रण, तूफानी जलीय अपवाह और लवणता के प्रवेश को रोकने वाली संरचनाओं और मीठे जल के पुनर्भरण संबंधी आवश्यकताओं को छोड़कर;
- रेत, चट्टानों और अन्य सब्सट्रेट सामग्रियों का खनन, उन दुर्लभ खनिजों को छोड़कर जो CRZ क्षेत्रों के बाहर उपलब्ध नहीं हैं;
- HTL के 200 मीटर के भीतर भूजल के निष्कर्षण और तंत्र का निर्माण; लेकिन 200 मीटर से 500 मीटर के क्षेत्र के भीतर इसे पेयजल, बागवानी, कृषि और मत्स्य पालन के लिए सामान्य कुओं के माध्यम से मैन्युअल रूप से किए जाने की ही अनुमति दी जाएगी;
- इस अधिसूचना के अनुलग्नक- I में विनिर्दिष्ट पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियाँ;
- LTL और HTL के बीच किसी भी निर्माण गतिविधि को छोड़कर उपचारित अपशिष्टों और अपशिष्ट जल को समुद्र में प्रवाहित करने वाली सुविधाओं के अलावा, शीतलन प्रयोजनों, तेल, गैस और इसी तरह की पाइपलाइनों के लिए समुद्र के जल को ले जाने की सुविधा और इस अधिसूचना के तहत अनुमत गतिविधियों के लिए आवश्यक सुविधाएँ; तथा
- अधिसूचना के तहत अनुमत के अलावा, सौंदर्यीकरण, मनोरंजन और इस तरह के उद्देश्य के लिए परिदृश्य शुल्क सहित रेत के टीलों और पहाड़ियों की प्राकृतिक विशेषताओं की ड्रेसिंग या परिवर्तन।
Incorrect
उत्तर: c)
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम ( the Environment (Protection) Act), 1986 की धारा 3 (1) और धारा 3 (2) (v) और पर्यावरण (संरक्षण) नियमावली 5 (3) (1986) के नियमों के तहत अधिसूचना, तटीय क्षेत्र को तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone: CRZ) घोषित करती है और CRZ में गतिविधियों को विनियमित करती है।
निम्नलिखित गतिविधियों को तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone: CRZ) के भीतर निषिद्ध घोषित किया गया है:
- नए उद्योगों की स्थापना और मौजूदा उद्योगों का विस्तार, सिवाय उन के जो प्रत्यक्षत: जल या प्रत्यक्ष रूप से फोरशोर सुविधाओं (foreshore facilities) आवश्यकताओं से संबंधित हैं;
- पर्यावरण और वन मंत्रालय में भारत सरकार की अधिसूचना में निर्दिष्ट खतरनाक पदार्थों का निर्माण या हैंडलिंग या भंडारण या निपटान;
- भण्डारण सहित मत्स्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना और विस्तार करना (अनुमति वाले क्षेत्रों में हैचरी और प्राकृतिक रूप से मछलियों को सुखाने को छोड़कर);
- जल (उपचार और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम (the Water (Prevention and Control of Pollution Act), 1974 के तहत अनुमोदन के साथ जलीय प्रणाली में उपचारित अपशिष्ट जल को प्रवाहित करने और स्टॉर्म जल के प्रवाह के अतिरिक्त, अपशिष्ट और अपशिष्टों के निपटान के लिए इकाइयों/तंत्र की स्थापना और विस्तार करना;
- उद्योगों, शहरों या कस्बों और अन्य मानव अधिवासों से अनुपचारित कचरे और अपशिष्टों का निस्सरण। इस अधिसूचना की तिथि से तीन वर्ष से अधिक नहीं होने पर, उचित समयावधि के भीतर, मौजूदा गतिविधियों को चरणबद्ध करने के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा योजनाएं लागू की जाएंगी।
- भूमि भराव या अन्यथा के प्रयोजनों के लिए कस्बे या शहर से उत्पन्नित अपशिष्ट की डंपिंग; मौजूदा गतिविधि (यदि कोई हो तो) को इस अधिसूचना की तिथि से 3 वर्ष के भीतर चरणबद्ध तरीके बंद किया जाएगा;
- तापीय विद्युत संयत्रों से व्युत्पन्नित राख या अन्य अपशिष्ट की डंपिंग करना।
- इसी प्रकार के अवरोधों सहित समुद्र के जल के प्राकृतिक मार्ग को पुनर्जीवित करना, फंडिंग या अवरुद्ध करना; तटीय अपरदन के नियंत्रण और जलमार्गों, चैनलों और बंदरगाहों की सफाई करने और सैंडबार की रोकथाम और ज्वारीय नियंत्रण, तूफानी जलीय अपवाह और लवणता के प्रवेश को रोकने वाली संरचनाओं और मीठे जल के पुनर्भरण संबंधी आवश्यकताओं को छोड़कर;
- रेत, चट्टानों और अन्य सब्सट्रेट सामग्रियों का खनन, उन दुर्लभ खनिजों को छोड़कर जो CRZ क्षेत्रों के बाहर उपलब्ध नहीं हैं;
- HTL के 200 मीटर के भीतर भूजल के निष्कर्षण और तंत्र का निर्माण; लेकिन 200 मीटर से 500 मीटर के क्षेत्र के भीतर इसे पेयजल, बागवानी, कृषि और मत्स्य पालन के लिए सामान्य कुओं के माध्यम से मैन्युअल रूप से किए जाने की ही अनुमति दी जाएगी;
- इस अधिसूचना के अनुलग्नक- I में विनिर्दिष्ट पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियाँ;
- LTL और HTL के बीच किसी भी निर्माण गतिविधि को छोड़कर उपचारित अपशिष्टों और अपशिष्ट जल को समुद्र में प्रवाहित करने वाली सुविधाओं के अलावा, शीतलन प्रयोजनों, तेल, गैस और इसी तरह की पाइपलाइनों के लिए समुद्र के जल को ले जाने की सुविधा और इस अधिसूचना के तहत अनुमत गतिविधियों के लिए आवश्यक सुविधाएँ; तथा
- अधिसूचना के तहत अनुमत के अलावा, सौंदर्यीकरण, मनोरंजन और इस तरह के उद्देश्य के लिए परिदृश्य शुल्क सहित रेत के टीलों और पहाड़ियों की प्राकृतिक विशेषताओं की ड्रेसिंग या परिवर्तन।
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Question 3 of 5
3. Question
1 points‘ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव (Global Tiger Initiative: GTI)’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव (GTI) जंगली बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने के उद्देश्य से सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, नागरिक समाजों, संरक्षण और वैज्ञानिक समुदायों तथा निजी क्षेत्र का एक वैश्विक गठबंधन है।
- इस पहल का नेतृत्व सभी बाघ रेंज देशों (all tiger range countries: TRCs) द्वारा किया जाता है।
- GTI के दायरे में एशियाई शेर भी शामिल हैं।
- विश्व बैंक GTI के संस्थापक भागीदारों में से एक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: b)
- ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव (Global Tiger Initiative: GTI) को 2008 में सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, नागरिक समाजों, संरक्षण और वैज्ञानिक समुदायों तथा निजी क्षेत्र के वैश्विक गठबंधन के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य जंगली बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए एकजुट होकर कार्य करना था। 2013 में, स्नो लेपर्ड को शामिल करने के लिए इसका दायरा बढ़ाया गया था।
- GTI के संस्थापक भागीदारों में विश्व बैंक, वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF), स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन, सेव द टाइगर फंड और इंटरनेशनल टाइगर गठबंधन (40 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व) शामिल हैं। इस पहल का नेतृत्व 13 बाघ रेंज के देशों (TRCs) ने किया है।
- नवंबर 2010 में, बाघ रेंज देशों (all tiger range countries: TRCs) के नेताओं ने टाइगर संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा को अपनाने के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक अंतर्राष्ट्रीय टाइगर फोरम के तहत एकत्रित हुए और इसके कार्यान्वयन तंत्र का समर्थन किया, जिसे ग्लोबल टाइगर रिकवरी प्रोग्राम कहा जाता है। इसका लक्ष्य 2022 तक अपने भौगोलिक क्षेत्र में जंगली बाघों की संख्या को 3,200 से 7,000 से अधिक तक दोगुना करना है।
Incorrect
उत्तर: b)
- ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव (Global Tiger Initiative: GTI) को 2008 में सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, नागरिक समाजों, संरक्षण और वैज्ञानिक समुदायों तथा निजी क्षेत्र के वैश्विक गठबंधन के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य जंगली बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए एकजुट होकर कार्य करना था। 2013 में, स्नो लेपर्ड को शामिल करने के लिए इसका दायरा बढ़ाया गया था।
- GTI के संस्थापक भागीदारों में विश्व बैंक, वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF), स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन, सेव द टाइगर फंड और इंटरनेशनल टाइगर गठबंधन (40 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व) शामिल हैं। इस पहल का नेतृत्व 13 बाघ रेंज के देशों (TRCs) ने किया है।
- नवंबर 2010 में, बाघ रेंज देशों (all tiger range countries: TRCs) के नेताओं ने टाइगर संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा को अपनाने के लिए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक अंतर्राष्ट्रीय टाइगर फोरम के तहत एकत्रित हुए और इसके कार्यान्वयन तंत्र का समर्थन किया, जिसे ग्लोबल टाइगर रिकवरी प्रोग्राम कहा जाता है। इसका लक्ष्य 2022 तक अपने भौगोलिक क्षेत्र में जंगली बाघों की संख्या को 3,200 से 7,000 से अधिक तक दोगुना करना है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsविश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO),निम्नलिखित में से किन्हें उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (neglected tropical disease: NTD) के रूप में मान्यता देता है।
- डेंगू और चिकनगुनिया
- कुष्ठ रोग
- सर्पदंश (Snakebite)
- मृदा-संचारित हेलमनिथेसिस
- लसीका फाइलेरिया
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: c)
उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (the neglected tropical disease: NTDs) संचारी रोगों का एक विविध समूह है जो 149 देशों में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय स्थितियों में प्रबल होता है। इससे एक अरब से अधिक लोग प्रभावित हैं और प्रतिवर्ष अरबों डॉलर की विकासशील अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित होती हैं। पर्याप्त स्वच्छता के बिना और संक्रामक वैक्टर और घरेलू पशुओं तथा पशुओं के साथ निकट संपर्क के, निर्धन आबादी सबसे बुरी तरह प्रभावित होती है। इसमें शामिल रोग है:
- बुरूली अल्सर
- चगास रोग
- डेंगू और चिकनगुनिया
- ड्रैकन्कुलस रुगणता (गिनी-कृमि रोग)
- फीताकृमिरोग (Echinococcosis)
- खाद्य जनित कम्पनटोडीस
- मानव अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस (नींद की बीमारी)
- लीशमैनिअसिस (Leishmaniasis)
- कुष्ठ रोग (हैन्सन रोग)
- लसीका फाइलेरिया
- माइकोटोमा, क्रोमोबलास्टोमोसिस और अन्य डीप मायकोसेस
- ऑन्कोकेशियासिस (river blindness)
- रेबीज
- स्केबीज और अन्य एक्टोपारासाइट्स
- सिस्टोसोमियासिस
- मृदा-संचारित हेलमनिथेसिस
- सर्पदंश का शिकार (Snakebite envenoming)
- टेनिआसिस/ सिस्टिसरकोसिस (Taeniasis /cysticercosis)
- ट्रेकोमा
- यवेस (एंडीमिक ट्रेपोनमेटोज़)
Incorrect
उत्तर: c)
उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (the neglected tropical disease: NTDs) संचारी रोगों का एक विविध समूह है जो 149 देशों में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय स्थितियों में प्रबल होता है। इससे एक अरब से अधिक लोग प्रभावित हैं और प्रतिवर्ष अरबों डॉलर की विकासशील अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित होती हैं। पर्याप्त स्वच्छता के बिना और संक्रामक वैक्टर और घरेलू पशुओं तथा पशुओं के साथ निकट संपर्क के, निर्धन आबादी सबसे बुरी तरह प्रभावित होती है। इसमें शामिल रोग है:
- बुरूली अल्सर
- चगास रोग
- डेंगू और चिकनगुनिया
- ड्रैकन्कुलस रुगणता (गिनी-कृमि रोग)
- फीताकृमिरोग (Echinococcosis)
- खाद्य जनित कम्पनटोडीस
- मानव अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस (नींद की बीमारी)
- लीशमैनिअसिस (Leishmaniasis)
- कुष्ठ रोग (हैन्सन रोग)
- लसीका फाइलेरिया
- माइकोटोमा, क्रोमोबलास्टोमोसिस और अन्य डीप मायकोसेस
- ऑन्कोकेशियासिस (river blindness)
- रेबीज
- स्केबीज और अन्य एक्टोपारासाइट्स
- सिस्टोसोमियासिस
- मृदा-संचारित हेलमनिथेसिस
- सर्पदंश का शिकार (Snakebite envenoming)
- टेनिआसिस/ सिस्टिसरकोसिस (Taeniasis /cysticercosis)
- ट्रेकोमा
- यवेस (एंडीमिक ट्रेपोनमेटोज़)
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Question 5 of 5
5. Question
1 points‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency: BEE)’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) एक वैधानिक निकाय है जिसका प्राथमिक उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा गहनता में कमी करना है।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ऊर्जा के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने और इसके संरक्षण के लिए संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- स्टार लेबलिंग कार्यक्रम के तहत शामिल वस्तुओं में डीप फ़्रीज़र्स, लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर, घरेलू गैस स्टोव, बैलास्ट और माइक्रोवेव ओवन शामिल हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: d)
- भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत 1 मार्च 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency: BEE) की स्थापना की। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा गहनता को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढांचे के भीतर स्व-विनियमन और बाजार सिद्धांतों पर बल देने के साथ नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने में सहायता करना है।
- BEE के प्रमुख प्रचारक कार्यों में शामिल हैं
- ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करना और सूचना का प्रसार करना
- ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण के लिए तकनीकों में कर्मियों और विशेषज्ञों के प्रशिक्षण को व्यवस्थित करना
- ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में परामर्श सेवाओं को मजबूत करना
- अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना
- परीक्षण और प्रमाणन प्रक्रिया विकसित करना और परीक्षण सुविधाओं को बढ़ावा देना
- पायलट परियोजनाओं और प्रदर्शन परियोजनाओं के कार्यान्वयन को तैयार और सुविधाजनक बनाना
- ऊर्जा कुशल प्रक्रियाओं, उपकरणों, उपकरणों और प्रणालियों के उपयोग को बढ़ावा देना
- ऊर्जा कुशल उपकरणों या उपकरणों के उपयोग के लिए अधिमान्य उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाना
- ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के नवीन वित्तपोषण को बढ़ावा देना
- ऊर्जा के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने और इसके संरक्षण के लिए संस्थानों को वित्तीय सहायता देना
- ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण पर शैक्षिक पाठ्यक्रम तैयार करना
- ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रमों को लागू करना
- ऊर्जा कुशल भारत के निर्माण के अपने दृष्टिकोण की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए, सरकार-समर्थित ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने डीप फ़्रीज़र्स और लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर (LCAC) को जोड़कर ‘स्टार लेबलिंग प्रोग्राम‘ के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं की अपनी सूची का विस्तार किया है।
मानक और लेबलिंग कार्यक्रम (Standards & Labeling Program): यह योजना मई, 2006 में माननीय ऊर्जा मंत्री द्वारा शुरू की गई थी और वर्तमान में इन उपकरणों/अप्लाइअन्स पर लागू की गई है: एयर कंडीशनर (फिक्स्ड स्पीड), सीलिंग फैन, कलर टेलीविज़न, कंप्यूटर, डायरेक्ट कूल रेफ्रिजरेटर, वितरण ट्रांसफार्मर, घरेलू गैस स्टोव, फ्रॉस्ट फ्री रेफ्रिजरेटर, जनरल पर्पस इंडस्ट्रियल मोटर, मोनोसैट पंप, ओपनवेल सबमर्सिबल पंप सेट, स्टेशनरी टाइप वॉटर हीटर, सबमर्सिबल पंप सेट, टीएफएल, वॉशिंग मशीन (सेमी / टॉप लोड / फ्रंट लोड), गिट्टी, सॉलिड स्टेट इन्वर्टर, ऑफिस ऑटोमेशन प्रोडक्ट्स, डीजल इंजन चालित मोनोसेटपम्प्स फॉर एग्रीकल्चर पर्पस, डीज़ल जेनरेटर सेट, लेड लैम्प्स, रूम एयर कंडीशनर (वैरिएबल स्पीड), चिलर्स, एग्रीकल्चर पम्पसेट, माइक्रोवेव ओवन, डीप फ्रीजर, लाइट कमर्शियल एसी फिक्स्ड स्पीड, लाइट कमर्शियल एसी वेरिएबल स्पीड।
Incorrect
उत्तर: d)
- भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत 1 मार्च 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency: BEE) की स्थापना की। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा गहनता को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढांचे के भीतर स्व-विनियमन और बाजार सिद्धांतों पर बल देने के साथ नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने में सहायता करना है।
- BEE के प्रमुख प्रचारक कार्यों में शामिल हैं
- ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करना और सूचना का प्रसार करना
- ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण के लिए तकनीकों में कर्मियों और विशेषज्ञों के प्रशिक्षण को व्यवस्थित करना
- ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में परामर्श सेवाओं को मजबूत करना
- अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना
- परीक्षण और प्रमाणन प्रक्रिया विकसित करना और परीक्षण सुविधाओं को बढ़ावा देना
- पायलट परियोजनाओं और प्रदर्शन परियोजनाओं के कार्यान्वयन को तैयार और सुविधाजनक बनाना
- ऊर्जा कुशल प्रक्रियाओं, उपकरणों, उपकरणों और प्रणालियों के उपयोग को बढ़ावा देना
- ऊर्जा कुशल उपकरणों या उपकरणों के उपयोग के लिए अधिमान्य उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाना
- ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के नवीन वित्तपोषण को बढ़ावा देना
- ऊर्जा के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने और इसके संरक्षण के लिए संस्थानों को वित्तीय सहायता देना
- ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण पर शैक्षिक पाठ्यक्रम तैयार करना
- ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रमों को लागू करना
- ऊर्जा कुशल भारत के निर्माण के अपने दृष्टिकोण की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए, सरकार-समर्थित ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने डीप फ़्रीज़र्स और लाइट कमर्शियल एयर कंडीशनर (LCAC) को जोड़कर ‘स्टार लेबलिंग प्रोग्राम‘ के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं की अपनी सूची का विस्तार किया है।
मानक और लेबलिंग कार्यक्रम (Standards & Labeling Program): यह योजना मई, 2006 में माननीय ऊर्जा मंत्री द्वारा शुरू की गई थी और वर्तमान में इन उपकरणों/अप्लाइअन्स पर लागू की गई है: एयर कंडीशनर (फिक्स्ड स्पीड), सीलिंग फैन, कलर टेलीविज़न, कंप्यूटर, डायरेक्ट कूल रेफ्रिजरेटर, वितरण ट्रांसफार्मर, घरेलू गैस स्टोव, फ्रॉस्ट फ्री रेफ्रिजरेटर, जनरल पर्पस इंडस्ट्रियल मोटर, मोनोसैट पंप, ओपनवेल सबमर्सिबल पंप सेट, स्टेशनरी टाइप वॉटर हीटर, सबमर्सिबल पंप सेट, टीएफएल, वॉशिंग मशीन (सेमी / टॉप लोड / फ्रंट लोड), गिट्टी, सॉलिड स्टेट इन्वर्टर, ऑफिस ऑटोमेशन प्रोडक्ट्स, डीजल इंजन चालित मोनोसेटपम्प्स फॉर एग्रीकल्चर पर्पस, डीज़ल जेनरेटर सेट, लेड लैम्प्स, रूम एयर कंडीशनर (वैरिएबल स्पीड), चिलर्स, एग्रीकल्चर पम्पसेट, माइक्रोवेव ओवन, डीप फ्रीजर, लाइट कमर्शियल एसी फिक्स्ड स्पीड, लाइट कमर्शियल एसी वेरिएबल स्पीड।