HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
आर्मी चींटियों (Army Ants) के बाद पक्षी सूक्ष्मजीवों के बीच निम्नलिखित में से किस प्रकार के सहजीवी संबंध का एक उदाहरण है?
Correct
उत्तर: c)
- सहभोजिता (Commensalism) जीवों के बीच एक प्रकार का सहजीवी संबंध है जिसमें एक जीव दूसरे को हानि पहुँचाए बिना लाभान्वित होता है।
- कई पक्षी आर्मी चींटियों (Army Ants) की तरह कुछ प्रजातियों के साथ एक सहभोजिता संबंध स्थापित करते हैं। बड़ी संख्या में सेना चींटियाँ जंगल में गमन करती रहती हैं, और चलते समय अपने रास्ते में पड़े हुए कई कीटों का भक्षण करती हैं। पक्षी इन सेना चींटियों का अनुसरण करते हैं और उन कीड़ों को खा जाते हैं जो उनसे बचने का प्रयास करते हैं। पक्षी अपने शिकार को आसानी से पकड़कर लाभान्वित होते हैं, जबकि सेना चींटियाँ पूरी तरह से अप्रभावित रहती हैं।
Incorrect
उत्तर: c)
- सहभोजिता (Commensalism) जीवों के बीच एक प्रकार का सहजीवी संबंध है जिसमें एक जीव दूसरे को हानि पहुँचाए बिना लाभान्वित होता है।
- कई पक्षी आर्मी चींटियों (Army Ants) की तरह कुछ प्रजातियों के साथ एक सहभोजिता संबंध स्थापित करते हैं। बड़ी संख्या में सेना चींटियाँ जंगल में गमन करती रहती हैं, और चलते समय अपने रास्ते में पड़े हुए कई कीटों का भक्षण करती हैं। पक्षी इन सेना चींटियों का अनुसरण करते हैं और उन कीड़ों को खा जाते हैं जो उनसे बचने का प्रयास करते हैं। पक्षी अपने शिकार को आसानी से पकड़कर लाभान्वित होते हैं, जबकि सेना चींटियाँ पूरी तरह से अप्रभावित रहती हैं।
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Question 2 of 5
2. Question
मैंग्रोव, लवणीय जल के मगरमच्छ, भारतीय अजगर, जंगली सुअर और रीसस बंदर निम्नलिखित में से किस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं?
Correct
उत्तर: a)
- भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पति और जीव।
- वनस्पतिजात: मैंग्रोव प्रजातियां, कैसुरिनास, और इंडिगो बुश जैसी घास।
- प्राणीजात: यह राष्ट्रीय उद्यान लवणीय जल के मगरमच्छ, भारतीय अजगर, इंडियन ब्लैक आइबिस, जंगली सूअर, रीसस बंदर, चीतल, डार्टर, कोबरा, मॉनिटर छिपकली का पर्यावास स्थल है। गहिरामाथा और आसपास के अन्य समुद्र तट ओलिव रिडले कछुओं के पर्यावास स्थल हैं। भितरकनिका में भारत में लवणीय जल के मगरमच्छों की सबसे बड़ी आबादी है।
Incorrect
उत्तर: a)
- भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पति और जीव।
- वनस्पतिजात: मैंग्रोव प्रजातियां, कैसुरिनास, और इंडिगो बुश जैसी घास।
- प्राणीजात: यह राष्ट्रीय उद्यान लवणीय जल के मगरमच्छ, भारतीय अजगर, इंडियन ब्लैक आइबिस, जंगली सूअर, रीसस बंदर, चीतल, डार्टर, कोबरा, मॉनिटर छिपकली का पर्यावास स्थल है। गहिरामाथा और आसपास के अन्य समुद्र तट ओलिव रिडले कछुओं के पर्यावास स्थल हैं। भितरकनिका में भारत में लवणीय जल के मगरमच्छों की सबसे बड़ी आबादी है।
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Question 3 of 5
3. Question
भारत में निम्नलिखित में से कौन-सी प्रजातियां प्राकृतिक रूप से पाई जाती हैं?
- लाल सिर वाला गिद्ध
- उड़न गिलहरी
- कोआला
- गोल्डन लंगूर
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए।
Correct
उत्तर: c)
- लाल सिर वाले गिद्ध (red-headed vulture) को एशियाई किंग वल्चर, भारतीय काला गिद्ध या पांडिचेरी गिद्ध के रूप में भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला एक ओल्ड वर्ल्ड वल्चर है, जिसकी दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में कुछ आबादी पाई जाती है।
- उड़न गिलहरी (Flying squirrel), ग्लाइडिंग गिलहरी की 50 से अधिक प्रजातियों में से है। तीन प्रजातियां उत्तर अमेरिकी हैं, दो उत्तरी यूरेशिया में पाई जाती हैं, और अन्य सभी भारत के समशीतोष्ण एवं उष्णकटिबंधीय जंगलों और एशिया के अन्य भागों में पाई जाते हैं।
- गी गोल्डन लंगूर (Trachypithecus geei), जिसे गोल्डन लंगूर के नाम से भी जाना जाता है। यह विश्व का एक प्राचीन कपि है जो पश्चिमी असम के एक छोटे से क्षेत्र और भूटान के ब्लैक माउंटेन की तलहटी में पाया जाता है।
- कोआला (Koala) ऑस्ट्रेलिया का एक वानस्पतिक शाकाहारी मार्सूपियल है।
Incorrect
उत्तर: c)
- लाल सिर वाले गिद्ध (red-headed vulture) को एशियाई किंग वल्चर, भारतीय काला गिद्ध या पांडिचेरी गिद्ध के रूप में भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला एक ओल्ड वर्ल्ड वल्चर है, जिसकी दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में कुछ आबादी पाई जाती है।
- उड़न गिलहरी (Flying squirrel), ग्लाइडिंग गिलहरी की 50 से अधिक प्रजातियों में से है। तीन प्रजातियां उत्तर अमेरिकी हैं, दो उत्तरी यूरेशिया में पाई जाती हैं, और अन्य सभी भारत के समशीतोष्ण एवं उष्णकटिबंधीय जंगलों और एशिया के अन्य भागों में पाई जाते हैं।
- गी गोल्डन लंगूर (Trachypithecus geei), जिसे गोल्डन लंगूर के नाम से भी जाना जाता है। यह विश्व का एक प्राचीन कपि है जो पश्चिमी असम के एक छोटे से क्षेत्र और भूटान के ब्लैक माउंटेन की तलहटी में पाया जाता है।
- कोआला (Koala) ऑस्ट्रेलिया का एक वानस्पतिक शाकाहारी मार्सूपियल है।
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Question 4 of 5
4. Question
निम्न वर्षा वाले शुष्क क्षेत्रों में, कांटेदार झाड़ियाँ और छोटी-झाड़ियाँ उगती हैं। ऐसे पौधे नमी के निम्न स्तर के साथ कैसे अनुकूलित होते हैं?
- ऐसे पौधों की जल का अधिक कुशलता से उपयोग करने के लिए आम तौर पर उथली जड़ें होती हैं।
- कुछ पौधों की पत्तियाँ कांटेदार और मोमी सतह वाली होती हैं जो वाष्पोत्सर्जन द्वारा होने वाली नमी की हानि को कम करती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
- कथन 1: ये वाटर टेबल से जल ग्रहण करने के लिए अत्यधिक लंबी जड़ प्रणाली विकसित करके रेगिस्तानी परिस्थितियों के साथ अनुकूल बनाए रखते हैं। मेसकाइट (mesquite) की जड़ें किसी भी रेगिस्तानी पौधे से सबसे लंबी जड़ें मानी जाती हैं और 80 फीट तक लंबी हो सकती हैं।
- कथन 2: कुछ पौधों में नमी को संग्रहित करने के लिए रसदार पत्ते होते हैं। कुछ में वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल की हानि को कम करने के लिए कांटेदार पत्ते होते हैं। मोमी पत्तियां मृदा की नमी का संरक्षण करती हैं।
Incorrect
उत्तर: b)
- कथन 1: ये वाटर टेबल से जल ग्रहण करने के लिए अत्यधिक लंबी जड़ प्रणाली विकसित करके रेगिस्तानी परिस्थितियों के साथ अनुकूल बनाए रखते हैं। मेसकाइट (mesquite) की जड़ें किसी भी रेगिस्तानी पौधे से सबसे लंबी जड़ें मानी जाती हैं और 80 फीट तक लंबी हो सकती हैं।
- कथन 2: कुछ पौधों में नमी को संग्रहित करने के लिए रसदार पत्ते होते हैं। कुछ में वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल की हानि को कम करने के लिए कांटेदार पत्ते होते हैं। मोमी पत्तियां मृदा की नमी का संरक्षण करती हैं।
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Question 5 of 5
5. Question
‘ग्लोबल साइल बायोडायवर्सिटी एटलस (Global Soil Biodiversity Atlas)’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसे यूनाइटेड कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) द्वारा तैयार किया गया है।
- भारत उन देशों में से एक है, जिनकी मृदा जैव-विविधता को सर्वाधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है।
- मृदा जैव-विविधता के अंतर्गत सूक्ष्म जीवों, सूक्ष्म-वनस्पतिजात और सूक्ष्म-प्राणीजात की उपस्थिति को शामिल किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
- “वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (World Wide Fund for Nature)” द्वारा तैयार ‘ग्लोबल साइल बायोडायवर्सिटी एटलस (Global Soil Biodiversity Atlas)’ के अनुसार, भारत की मृदा जैव-विविधता के समक्ष गंभीर संकट की स्थिति बनी हुई है।
- विश्व के लिए WWF’s का ‘जोखिम सूचकांक‘, धरातलीय विविधता, प्रदूषण और पोषक तत्वों का अतिभारण, अति-चराई, गहन कृषि, अग्नि, मृदा अपरदन, मरुस्थलीकरण और जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों का संकेत देता है। भारत उन देशों में शामिल है जिनकी मृदा जैव विविधता जोखिम के उच्चतम स्तर का सामना कर रही है।
- मृदा जैव-विविधता सूक्ष्म जीवों, सूक्ष्म-वनस्पतिजात (उदाहरण के लिए सूत्रकृमि और टार्डिग्रेड्स), और सूक्ष्म-प्राणीजात (चींटियां, दीमक और केंचुए) की उपस्थिति को समाहित करती है।
Incorrect
उत्तर: b)
- “वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (World Wide Fund for Nature)” द्वारा तैयार ‘ग्लोबल साइल बायोडायवर्सिटी एटलस (Global Soil Biodiversity Atlas)’ के अनुसार, भारत की मृदा जैव-विविधता के समक्ष गंभीर संकट की स्थिति बनी हुई है।
- विश्व के लिए WWF’s का ‘जोखिम सूचकांक‘, धरातलीय विविधता, प्रदूषण और पोषक तत्वों का अतिभारण, अति-चराई, गहन कृषि, अग्नि, मृदा अपरदन, मरुस्थलीकरण और जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों का संकेत देता है। भारत उन देशों में शामिल है जिनकी मृदा जैव विविधता जोखिम के उच्चतम स्तर का सामना कर रही है।
- मृदा जैव-विविधता सूक्ष्म जीवों, सूक्ष्म-वनस्पतिजात (उदाहरण के लिए सूत्रकृमि और टार्डिग्रेड्स), और सूक्ष्म-प्राणीजात (चींटियां, दीमक और केंचुए) की उपस्थिति को समाहित करती है।