HINDI INSIGHTS STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
सरकार की राजस्व प्राप्तियों में निम्नलिखित में से कौन शामिल नहीं है?
- भारत से आयात और निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाये जाने वाले कर।
- सार्वजनिक उपक्रमों की आय।
- सरकार द्वारा किए गए निवेश पर अर्जिय लाभ।
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
राजस्व प्राप्तियों कर और गैर-कर राजस्व में विभाजित किया जाता हैं।
कर राजस्व (Tax revenues) में केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए करों और अन्य शुल्कों से प्राप्त आय शामिल को शामिल किया जाता है। कर राजस्व, राजस्व प्राप्तियों का एक महत्वपूर्ण घटक, प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर होते हैं। प्रत्यक्ष करों को सीधे व्यक्तियों (व्यक्तिगत आयकर) और फर्मों (निगम कर) पर अधिरोपित किया जाता है। अप्रत्यक्ष करों में उत्पाद शुल्क (देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं पर लगाए गए शुल्क), सीमा शुल्क (भारत से आयात और निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाये जाने वाले कर) और सेवा कर शामिल होते हैं।
गैर-कर राजस्व (Non-tax revenue) में मुख्य रूप से ब्याज प्राप्तियां (केंद्र सरकार को ऋणों से प्राप्त, जो गैर-कर राजस्व की एकल सबसे बड़ी मद है), सरकार द्वारा किए गए निवेश पर प्राप्त लाभांश और लाभ, सरकार द्वारा प्रदान की गई सेवाएं पर शुल्क और अन्य प्राप्तियां शामिल हैं। इसमें विदेशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से नकद अनुदान सहायता भी शामिल है।
Incorrect
उत्तर: d)
राजस्व प्राप्तियों कर और गैर-कर राजस्व में विभाजित किया जाता हैं।
कर राजस्व (Tax revenues) में केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए करों और अन्य शुल्कों से प्राप्त आय शामिल को शामिल किया जाता है। कर राजस्व, राजस्व प्राप्तियों का एक महत्वपूर्ण घटक, प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर होते हैं। प्रत्यक्ष करों को सीधे व्यक्तियों (व्यक्तिगत आयकर) और फर्मों (निगम कर) पर अधिरोपित किया जाता है। अप्रत्यक्ष करों में उत्पाद शुल्क (देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं पर लगाए गए शुल्क), सीमा शुल्क (भारत से आयात और निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाये जाने वाले कर) और सेवा कर शामिल होते हैं।
गैर-कर राजस्व (Non-tax revenue) में मुख्य रूप से ब्याज प्राप्तियां (केंद्र सरकार को ऋणों से प्राप्त, जो गैर-कर राजस्व की एकल सबसे बड़ी मद है), सरकार द्वारा किए गए निवेश पर प्राप्त लाभांश और लाभ, सरकार द्वारा प्रदान की गई सेवाएं पर शुल्क और अन्य प्राप्तियां शामिल हैं। इसमें विदेशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से नकद अनुदान सहायता भी शामिल है।
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Question 2 of 5
2. Question
आप सरकार के राजस्व और पूंजीगत प्राप्तियों के मध्य अंतर कैसे करेंगे?
- कुछ पूंजीगत प्राप्तियों के विपरीत राजस्व प्राप्तियां गैर-प्रतिदेय (non-redeemable) होती हैं।
- राजस्व प्राप्तियों के विपरीत पूंजीगत प्राप्तियां सदैव कर्ज का सृजन करने वाली होती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
उत्तर: a)
राजस्व प्राप्तियों और पूंजी प्राप्तियों के बीच मुख्य अंतर यह है कि राजस्व प्राप्तियों के मामले में, सरकार पर भविष्य में धन वापस करने का कोई दायित्व नहीं होता है, अर्थात, ये विमोचन योग्य (non-redeemable) नहीं हैं। लेकिन पूंजीगत प्राप्तियों के मामले में, सरकार, ब्याज के साथ राशि वापस करने के लिए बाध्य होती है।
पूंजीगत प्राप्तियां ऋण सृजक या गैर-ऋण सृजक हो सकती हैं।
ऋण प्राप्तियों के उदाहरण हैं – घरेलु स्तर पर सरकार द्वारा प्राप्त निवल उधार, विदेशी सरकारों से प्राप्त ऋण, RBI से से प्राप्त उधार। गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों के उदाहरण हैं – ऋणों की वसूली, सार्वजनिक उद्यमों की बिक्री से प्राप्त आय (अर्थात्, विनिवेश), आदि। ये ऋण का सृजन नहीं करते हैं।
Incorrect
उत्तर: a)
राजस्व प्राप्तियों और पूंजी प्राप्तियों के बीच मुख्य अंतर यह है कि राजस्व प्राप्तियों के मामले में, सरकार पर भविष्य में धन वापस करने का कोई दायित्व नहीं होता है, अर्थात, ये विमोचन योग्य (non-redeemable) नहीं हैं। लेकिन पूंजीगत प्राप्तियों के मामले में, सरकार, ब्याज के साथ राशि वापस करने के लिए बाध्य होती है।
पूंजीगत प्राप्तियां ऋण सृजक या गैर-ऋण सृजक हो सकती हैं।
ऋण प्राप्तियों के उदाहरण हैं – घरेलु स्तर पर सरकार द्वारा प्राप्त निवल उधार, विदेशी सरकारों से प्राप्त ऋण, RBI से से प्राप्त उधार। गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों के उदाहरण हैं – ऋणों की वसूली, सार्वजनिक उद्यमों की बिक्री से प्राप्त आय (अर्थात्, विनिवेश), आदि। ये ऋण का सृजन नहीं करते हैं।
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Question 3 of 5
3. Question
निम्नलिखित में से किन्हें गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) माना जाता हैं?
- चिट फंड कंपनियों को
- हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को
- वेंचर कैपिटल फंड कंपनियों को
- बीमा कंपनियों को
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correct
उत्तर: d)
मर्चेंट बैंकिंग कंपनियां, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉक ब्रोकिंग / सब-ब्रोकिंग, वेंचर कैपिटल फंड कंपनियां, निधि कंपनियां, बीमा कंपनियां और चिट फंड कंपनियां के कारोबार में संलग्न कंपनियां गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) होती हैं।
Incorrect
उत्तर: d)
मर्चेंट बैंकिंग कंपनियां, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉक ब्रोकिंग / सब-ब्रोकिंग, वेंचर कैपिटल फंड कंपनियां, निधि कंपनियां, बीमा कंपनियां और चिट फंड कंपनियां के कारोबार में संलग्न कंपनियां गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) होती हैं।
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Question 4 of 5
4. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- उपकर को देय कर पर अधिरोपित किया जाता है, कर योग्य आय पर नहीं।
- केवल प्रत्यक्ष करों पर ही उपकर अधिरोपित किया जा सकता है।
- करों के विपरीत, उपकरों को विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति हेतु अधिरोपित किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: c)
उपकर (cess) को देय कर पर लगाया जाता है और कर योग्य आय पर नहीं। अन्य अर्थों में, करदाता के लिए, यह कर पर अधिभार (surcharge) के समान होता है।
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों दोनों पर उपकर लगाया जा सकता है।
कर के विपरीत, उपकर को विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए लगाया जाता है। इससे प्राप्त आय को किसी भी प्रकार के सरकारी व्यय पर खर्च नहीं किया जा सकता है। उपकर के हालिया उदाहरण हैं: मोटर वाहनों पर अवसंरचना उपकर, स्वच्छ पर्यावरण उपकर, कृषि कल्याण उपकर (कृषि सुधार और किसानों के कल्याण के लिए), और शिक्षा उपकर। स्पष्ट अर्थों में, शिक्षा उपकर से प्राप्त आय का उपयोग पर्यावरण की स्वच्छता के लिए नहीं किया जा सकता है और इसका विपरीत स्थिति भी सही हैं (vice versa)।
Incorrect
उत्तर: c)
उपकर (cess) को देय कर पर लगाया जाता है और कर योग्य आय पर नहीं। अन्य अर्थों में, करदाता के लिए, यह कर पर अधिभार (surcharge) के समान होता है।
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों दोनों पर उपकर लगाया जा सकता है।
कर के विपरीत, उपकर को विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए लगाया जाता है। इससे प्राप्त आय को किसी भी प्रकार के सरकारी व्यय पर खर्च नहीं किया जा सकता है। उपकर के हालिया उदाहरण हैं: मोटर वाहनों पर अवसंरचना उपकर, स्वच्छ पर्यावरण उपकर, कृषि कल्याण उपकर (कृषि सुधार और किसानों के कल्याण के लिए), और शिक्षा उपकर। स्पष्ट अर्थों में, शिक्षा उपकर से प्राप्त आय का उपयोग पर्यावरण की स्वच्छता के लिए नहीं किया जा सकता है और इसका विपरीत स्थिति भी सही हैं (vice versa)।
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Question 5 of 5
5. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- आय पर लगाये गए प्रत्यक्ष कर, सामूहिक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु सरकार को निजी आय (व्यक्तिगत और फर्म दोनों) का अनिवार्य हस्तांतरण होते हैं।
- सभी करों और उपकरों की आय को भारत की संचित निधि (CFI) में जमा किया जाता है।
- जहाँ कर आय को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वित्त आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार साझा किया जाता है, वहीं उपकरों से प्राप्त आय को साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
उत्तर: d)
आय पर प्रत्यक्ष कर, सामूहिक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु सरकार को निजी आय (व्यक्तिगत और फर्म दोनों) का अनिवार्य हस्तांतरण होते हैं, जैसे कि स्कूली शिक्षा का विस्तार, स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि, या परिवहन संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार।
सरकार के दृष्टिकोण से, सभी करों और उपकरों से प्राप्त आय को भारत सरकार की संचित निधि (Consolidated Fund of India: CFI) में जमा किया जाता है। इसमें सरकार की सभी प्राप्तियां, व्यय, उधार लेना और उधार देना शामिल हैं। CFI विवरणों को प्रतिवर्ष केंद्रीय बजट दस्तावेजों के एक भाग के रूप में प्रकाशित किया जाता है। CFI से धन के आहरण के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक होती है। जहाँ कर आय को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वित्त आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार साझा किया जाता है, वहीं उपकर से प्राप्त आय को साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है। विशिष्ट सामाजिक आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, उपकरों को करों पर वरीयता दी जाती है क्योंकि इसे अधिरोपित करना, संशोधित करना और समाप्त करना अपेक्षाकृत आसान होता है।
Incorrect
उत्तर: d)
आय पर प्रत्यक्ष कर, सामूहिक उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु सरकार को निजी आय (व्यक्तिगत और फर्म दोनों) का अनिवार्य हस्तांतरण होते हैं, जैसे कि स्कूली शिक्षा का विस्तार, स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि, या परिवहन संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार।
सरकार के दृष्टिकोण से, सभी करों और उपकरों से प्राप्त आय को भारत सरकार की संचित निधि (Consolidated Fund of India: CFI) में जमा किया जाता है। इसमें सरकार की सभी प्राप्तियां, व्यय, उधार लेना और उधार देना शामिल हैं। CFI विवरणों को प्रतिवर्ष केंद्रीय बजट दस्तावेजों के एक भाग के रूप में प्रकाशित किया जाता है। CFI से धन के आहरण के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक होती है। जहाँ कर आय को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वित्त आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार साझा किया जाता है, वहीं उपकर से प्राप्त आय को साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है। विशिष्ट सामाजिक आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, उपकरों को करों पर वरीयता दी जाती है क्योंकि इसे अधिरोपित करना, संशोधित करना और समाप्त करना अपेक्षाकृत आसान होता है।