HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsहाल ही में समाचारों में चर्चित ‘ग्रांड इथियोपियन रेनेसां डैम (Grand Ethiopian Renaissance Dam)’ निम्नलिखित में से किस नदी पर बनाया जा रहा है?
Correct
उत्तर: b)
- “ग्रांड इथियोपियन रेनेसां डैम (Grand Ethiopian Renaissance Dam)” जिसे पहले मिलेनियम बांध (Millennium Dam) के रूप में जाना जाता था। इथियोपिया में ब्लू नील नदी पर एक गुरुत्वाकर्षण बांध (gravity dam) है, जो 2011 से निर्माणाधीन है।
- इसका कार्य पूर्ण होने पर यह बांध अफ्रीका का सबसे बड़ा ‘पनबिजली संयंत्र (hydroelectric power plant)’ बन जायेगा।
Incorrect
उत्तर: b)
- “ग्रांड इथियोपियन रेनेसां डैम (Grand Ethiopian Renaissance Dam)” जिसे पहले मिलेनियम बांध (Millennium Dam) के रूप में जाना जाता था। इथियोपिया में ब्लू नील नदी पर एक गुरुत्वाकर्षण बांध (gravity dam) है, जो 2011 से निर्माणाधीन है।
- इसका कार्य पूर्ण होने पर यह बांध अफ्रीका का सबसे बड़ा ‘पनबिजली संयंत्र (hydroelectric power plant)’ बन जायेगा।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत ने ‘वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन‘ (CITES) की परिशिष्ट II में रोजवुड (Dalbergia sissoo) को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है।
- CITES के परिशिष्ट II में ऐसी प्रजातियाँ शामिल हैं जिनके निकट भविष्य में लुप्त होने का खतरा नहीं है। लेकिन इन प्रजातियों के जीवन के प्रति खरता उत्पन्न करने वाले व्यापार को नियंत्रित करना आवश्यक हैं।
- एक बार जब कोई वस्तु परिशिष्ट II में सूचीबद्ध हो जाती है, तो निर्यातकों को CITES से प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: c)
- भारत, बांग्लादेश और नेपाल की मदद से, “रोजवुड (Dalbergia sissoo)” को ‘वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन’ (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora: CITES) के परिशिष्ट II से हटाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा हैं। इसे आमतौर पर शीशम या रोजवुड के नाम से जाना जाता है। भारतीय उप-महाद्वीप के काष्ठ की कलात्मक वस्तुओं के कारीगरों और किसानों की आजीविका की रक्षा के लिए इसे संकटापन्न (threatened) श्रेणी से हटाना आवश्यकता है। ज्ञातव्य है कि भारत के पक्ष में मतदान करने के लिए CITES के दो-तिहाई सदस्य देशों का समर्थन की आवश्यकता होगी।
- वर्ष 2016 में जोहानिसबर्ग में COP (The Conference of Parties: COP) की बैठक में CITES के परिशिष्ट- II में डालबर्गिया सिसो सहित डालबर्गिया के सभी जीनस को परिशिष्ट II के तहत सूचीबद्ध किया गया था। इसका कारण मुख्य रूप से कई दक्षिण अमेरिकी और अफ्रीकी देशों द्वारा की शिकायतें थी कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डालबर्गिया की लकड़ी की मांग में हो रही वृद्धि थी, मुख्य रूप से चीन में इसके अवैध व्यापार में हो रही वृद्धि है, जिसके कारण डालबर्गिया की संख्या में कमी हो रही थी।
- एक बार जब कोई वस्तु परिशिष्ट II में सूचीबद्ध होती है, तो निर्यातकों को CITES से प्रमाण पत्र या अधिकृत स्थानीय निकाय से समकक्ष प्रमाणपत्र (शीशम के मामले में EPCH द्वारा जारी वृक्षा शिपमेंट प्रमाण पत्र) प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, जो एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है और छोटे स्तर के कारीगरों और किसानों की पहुंच से परे है।
- शीशम पर अनावश्यक व्यापार प्रतिबंधों ने भारत के 30,000 से अधिक कारीगरों के भविष्य को प्रभावित किया है जो प्रत्यक्ष रूप से शीशम की लकड़ी से संबंधित विभिन्न उत्पादों के निर्माण से जुड़े हुए हैं।
Incorrect
उत्तर: c)
- भारत, बांग्लादेश और नेपाल की मदद से, “रोजवुड (Dalbergia sissoo)” को ‘वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन’ (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora: CITES) के परिशिष्ट II से हटाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा हैं। इसे आमतौर पर शीशम या रोजवुड के नाम से जाना जाता है। भारतीय उप-महाद्वीप के काष्ठ की कलात्मक वस्तुओं के कारीगरों और किसानों की आजीविका की रक्षा के लिए इसे संकटापन्न (threatened) श्रेणी से हटाना आवश्यकता है। ज्ञातव्य है कि भारत के पक्ष में मतदान करने के लिए CITES के दो-तिहाई सदस्य देशों का समर्थन की आवश्यकता होगी।
- वर्ष 2016 में जोहानिसबर्ग में COP (The Conference of Parties: COP) की बैठक में CITES के परिशिष्ट- II में डालबर्गिया सिसो सहित डालबर्गिया के सभी जीनस को परिशिष्ट II के तहत सूचीबद्ध किया गया था। इसका कारण मुख्य रूप से कई दक्षिण अमेरिकी और अफ्रीकी देशों द्वारा की शिकायतें थी कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डालबर्गिया की लकड़ी की मांग में हो रही वृद्धि थी, मुख्य रूप से चीन में इसके अवैध व्यापार में हो रही वृद्धि है, जिसके कारण डालबर्गिया की संख्या में कमी हो रही थी।
- एक बार जब कोई वस्तु परिशिष्ट II में सूचीबद्ध होती है, तो निर्यातकों को CITES से प्रमाण पत्र या अधिकृत स्थानीय निकाय से समकक्ष प्रमाणपत्र (शीशम के मामले में EPCH द्वारा जारी वृक्षा शिपमेंट प्रमाण पत्र) प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, जो एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है और छोटे स्तर के कारीगरों और किसानों की पहुंच से परे है।
- शीशम पर अनावश्यक व्यापार प्रतिबंधों ने भारत के 30,000 से अधिक कारीगरों के भविष्य को प्रभावित किया है जो प्रत्यक्ष रूप से शीशम की लकड़ी से संबंधित विभिन्न उत्पादों के निर्माण से जुड़े हुए हैं।
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Question 3 of 5
3. Question
1 points‘वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES)’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- CITES एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसका राज्य और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठन द्वारा स्वेच्छा से अनुपालन किया जाता है।
- CITES द्वारा संरक्षित 70% से अधिक प्रजातियां वर्तमान में वन्यजीवों की प्रजातियां हैं।
- यदि कोई देश इस समझौते का उल्लंघन करता है, तो CITES द्वारा उस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है, जो उस देश को CITES में सूचीबद्ध प्रजातियों के व्यापार करने से प्रतिबंधित करता है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: c)
- CITES एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसका राज्य और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठन द्वारा स्वेच्छा से अनुपालन किया जाता है।
- यह वन्यजीवों और वन्यजीव उत्पादों यथा जीवित जानवरों और पौधों से लेकर भोजन, चमड़े का सामान एवं ट्रिंकेट (trinkets) के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है। इसे 1975 में यह सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ लागू किया गया था कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वनस्पतिजात और वन्यजीवों के अस्तित्व के समक्ष खतरा उत्पन्न न करें।
- वर्तमान में CITES द्वारा संरक्षित जानवरों की लगभग 5,800 प्रजातियाँ और पौधों की 30,000 प्रजातियाँ हैं। वन्यजीव के अधिकांश पशुओं जिनका व्यापार किया जाता है, उन्हें CITES द्वारा संरक्षण प्राप्त नहीं है।
- यदि कोई पार्टी समझौते का उल्लंघन करती है, तो CITES द्वारा उस प्रतिबंध आरोपित किया जा सकता है, जो उस देश को CITES द्वारा सूचीबद्ध प्रजातियों के व्यापार को प्रतिबंधित करता है। लेकिन देशों पर शायद ही कभी प्रतिबंध लगाया गया है और इस प्रक्रिया का अत्यधिक राजनीतिकरण हो सकता है। CITES की सदस्यता स्वैच्छिक होती है, इसलिए देश प्रतिबंधों को स्वीकृत करने के बजाय CITES की सदस्यता को त्याग सकता है।
Incorrect
उत्तर: c)
- CITES एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसका राज्य और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठन द्वारा स्वेच्छा से अनुपालन किया जाता है।
- यह वन्यजीवों और वन्यजीव उत्पादों यथा जीवित जानवरों और पौधों से लेकर भोजन, चमड़े का सामान एवं ट्रिंकेट (trinkets) के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है। इसे 1975 में यह सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ लागू किया गया था कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वनस्पतिजात और वन्यजीवों के अस्तित्व के समक्ष खतरा उत्पन्न न करें।
- वर्तमान में CITES द्वारा संरक्षित जानवरों की लगभग 5,800 प्रजातियाँ और पौधों की 30,000 प्रजातियाँ हैं। वन्यजीव के अधिकांश पशुओं जिनका व्यापार किया जाता है, उन्हें CITES द्वारा संरक्षण प्राप्त नहीं है।
- यदि कोई पार्टी समझौते का उल्लंघन करती है, तो CITES द्वारा उस प्रतिबंध आरोपित किया जा सकता है, जो उस देश को CITES द्वारा सूचीबद्ध प्रजातियों के व्यापार को प्रतिबंधित करता है। लेकिन देशों पर शायद ही कभी प्रतिबंध लगाया गया है और इस प्रक्रिया का अत्यधिक राजनीतिकरण हो सकता है। CITES की सदस्यता स्वैच्छिक होती है, इसलिए देश प्रतिबंधों को स्वीकृत करने के बजाय CITES की सदस्यता को त्याग सकता है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsबाथमीट्री (समुद्र तल के आकार और गहराई का मापन) का ज्ञान महत्वपूर्ण है क्योंकि?
- यह समुद्र परिसंचरण, ज्वार और जैविक हॉटस्पॉट सहित प्राकृतिक परिघटनाओं को समझने में सहायता करता है।
- यह तेल और गैस परियोजनाओं के अन्वेषण और अपतटीय पवन टर्बाइनों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
- यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में से एक को प्राप्त करने में सहायता करता है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: d)
- हाल ही में, समुद्री अन्वेषण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ने कहा कि इसके माध्यम से विश्व के समुद्र अधस्थल के लगभग पांचवें हिस्से की मैपिंग पूर्ण हो चुकी है।
- “निप्पॉन फाउंडेशन-GEBCO सीबेड 2030 प्रोजेक्ट”, जो कि 2030 तक संपूर्ण महासागरीय अधस्थल की मैपिंग को पूरा करने के प्रयासों का समन्वय कर रहा है, ने कहा है कि उसने वर्ल्ड हाइड्रोग्राफी डे (21 जून) को अपने नवीनतम ग्रिड में और 1.45 करोड़ वर्ग किलोमीटर नए बाथिमेट्रिक डेटा को जोड़ा है।
- बाथमीट्री (समुद्र तल के आकार और गहराई का मापन) संबंधी जानकारी समुद्र परिसंचरण, ज्वार और जैविक हॉटस्पॉट सहित प्राकृतिक परिघटनाओं को समझने में सहायक है। यह नेविगेशन, सुनामी का पूर्वानुमान, तेल और गैस परियोजनाओं के लिए अन्वेषण, अपतटीय पवन टर्बाइन के निर्माण, मत्स्यन संसाधन और केबल एवं पाइपलाइन बिछाने के लिए भी प्रमुख जानकारी प्रदान करता है।
- आपदा की परिस्थितियों के दौरान यह डेटा अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। एक विशेषज्ञ के अनुसार, समुद्री अधस्थल का पहले से की गई मैपिंग के कारण ही, जापान में वैज्ञानिकों ने 2011 के विनाशकारी तोहोकू भूकंप के के लिए जिम्मेदार शक्तियों का पता लगाने में सक्षम हो पाए थे।
- सीबेड 2030 दस्तावेज़ के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर के बेथमीट्रिक बेस मैप की आवश्यकता मलेशिया एयरलाइंस MH370 की खोज (जो 8 मार्च 2014 को गायब हो गया था) के परिप्रेक्ष में और अधिक स्पष्ट हो गई है।
- महत्वपूर्ण रूप से, यह मानचित्र जलवायु परिवर्तन की बेहतर समझ सुनिश्चित करेगा। यह कैनियन सहित महासागरीय अधस्थलीय विशेषताएं और गहन समुद्री ज्वालामुखी, समुद्री जल का ऊर्ध्वाधर मिश्रण और महासागरीय धाराएँ जो गर्म और ठंडे जल के प्रवाह के लिए कन्वेयर बेल्ट के रूप में कार्य करती हैं जैसी परिघटनाएं जो मौसम तथा जलवायु को प्रभावित करती हैं आदि को समझने में सहायता करेगा।
- जलवायु परिवर्तन ने इन धाराओं के प्रवाह को प्रभावित किया है, और उनके बारे में अधिक जानकारी से वैज्ञानिकों को समुद्र-जल स्तर में वृद्धि सहित जलवायु के भविष्य के व्यवहार का पूर्वानुमान करने वाले मॉडल का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
- संपूर्ण वैश्विक महासागरीय अधस्थल का एक मानचित्र महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण और संधारणीय उपयोग से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
- यह वैश्विक पहल जापान के गैर-लाभकारी निप्पॉन फाउंडेशन और GECOCO (General Bathymetric Chart of the Oceans) के बीच एक संयुक्त पहल है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, GEBCO एकमात्र अंतर-सरकारी संगठन है, जो संपूर्ण महासागर के अधस्थल की मैपिंग करने के लिए अधिकृत है।
- इस परियोजना को 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (United Nations Ocean Conference) में लॉन्च किया गया था। यह अपने पांच केंद्रों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से उपलब्ध GEBCO ग्रिड में विश्व के महासागर के विभिन्न हिस्सों से बाथिमेट्रिक डेटा की प्राप्ति और संकलन का समन्वय और निगरानी करता है।
Incorrect
उत्तर: d)
- हाल ही में, समुद्री अन्वेषण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ने कहा कि इसके माध्यम से विश्व के समुद्र अधस्थल के लगभग पांचवें हिस्से की मैपिंग पूर्ण हो चुकी है।
- “निप्पॉन फाउंडेशन-GEBCO सीबेड 2030 प्रोजेक्ट”, जो कि 2030 तक संपूर्ण महासागरीय अधस्थल की मैपिंग को पूरा करने के प्रयासों का समन्वय कर रहा है, ने कहा है कि उसने वर्ल्ड हाइड्रोग्राफी डे (21 जून) को अपने नवीनतम ग्रिड में और 1.45 करोड़ वर्ग किलोमीटर नए बाथिमेट्रिक डेटा को जोड़ा है।
- बाथमीट्री (समुद्र तल के आकार और गहराई का मापन) संबंधी जानकारी समुद्र परिसंचरण, ज्वार और जैविक हॉटस्पॉट सहित प्राकृतिक परिघटनाओं को समझने में सहायक है। यह नेविगेशन, सुनामी का पूर्वानुमान, तेल और गैस परियोजनाओं के लिए अन्वेषण, अपतटीय पवन टर्बाइन के निर्माण, मत्स्यन संसाधन और केबल एवं पाइपलाइन बिछाने के लिए भी प्रमुख जानकारी प्रदान करता है।
- आपदा की परिस्थितियों के दौरान यह डेटा अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। एक विशेषज्ञ के अनुसार, समुद्री अधस्थल का पहले से की गई मैपिंग के कारण ही, जापान में वैज्ञानिकों ने 2011 के विनाशकारी तोहोकू भूकंप के के लिए जिम्मेदार शक्तियों का पता लगाने में सक्षम हो पाए थे।
- सीबेड 2030 दस्तावेज़ के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर के बेथमीट्रिक बेस मैप की आवश्यकता मलेशिया एयरलाइंस MH370 की खोज (जो 8 मार्च 2014 को गायब हो गया था) के परिप्रेक्ष में और अधिक स्पष्ट हो गई है।
- महत्वपूर्ण रूप से, यह मानचित्र जलवायु परिवर्तन की बेहतर समझ सुनिश्चित करेगा। यह कैनियन सहित महासागरीय अधस्थलीय विशेषताएं और गहन समुद्री ज्वालामुखी, समुद्री जल का ऊर्ध्वाधर मिश्रण और महासागरीय धाराएँ जो गर्म और ठंडे जल के प्रवाह के लिए कन्वेयर बेल्ट के रूप में कार्य करती हैं जैसी परिघटनाएं जो मौसम तथा जलवायु को प्रभावित करती हैं आदि को समझने में सहायता करेगा।
- जलवायु परिवर्तन ने इन धाराओं के प्रवाह को प्रभावित किया है, और उनके बारे में अधिक जानकारी से वैज्ञानिकों को समुद्र-जल स्तर में वृद्धि सहित जलवायु के भविष्य के व्यवहार का पूर्वानुमान करने वाले मॉडल का निर्माण करने में मदद मिलेगी।
- संपूर्ण वैश्विक महासागरीय अधस्थल का एक मानचित्र महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों के संरक्षण और संधारणीय उपयोग से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
- यह वैश्विक पहल जापान के गैर-लाभकारी निप्पॉन फाउंडेशन और GECOCO (General Bathymetric Chart of the Oceans) के बीच एक संयुक्त पहल है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, GEBCO एकमात्र अंतर-सरकारी संगठन है, जो संपूर्ण महासागर के अधस्थल की मैपिंग करने के लिए अधिकृत है।
- इस परियोजना को 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (United Nations Ocean Conference) में लॉन्च किया गया था। यह अपने पांच केंद्रों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से उपलब्ध GEBCO ग्रिड में विश्व के महासागर के विभिन्न हिस्सों से बाथिमेट्रिक डेटा की प्राप्ति और संकलन का समन्वय और निगरानी करता है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsलोकटक झील के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- लोकटक झील भारत की सबसे बड़ी ताजे जल की झील है और यह इसमें तैरने वाली फुमदी के लिए प्रसिद्ध है।
- इसमें स्थित केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है।
- यह उद्यान लुप्तप्राय सांगई का अंतिम प्राकृतिक पर्यावास स्थल है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: c)
- लोकटक झील (Loktak Lake) पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी ताज़े जल की झील है और यह फुमदी (अपघटन के विभिन्न चरणों वाले वनस्पति, मृदा और जैविक पदार्थों का विषम समूह) के लिए प्रसिद्ध है। यह झील मणिपुर के मोइरांग में अवस्थित है।
- इस फुमदी पर स्थित, केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान संकटग्रस्त सांगई (मणिपुर का राज्य पशु) या मणिपुर ब्राउन-एंटलर्ड हिरण (Manipur brown-antlered deer) का अंतिम प्राकृतिक पर्यावास है, जो एल्ड हिरणों (Eld’s deer) की तीन उप-प्रजातियों में से एक है।
पारिस्थितिक स्थिति और इसकी जैव विविधता मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, झील को आरंभ में 23 मार्च 1990 को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की एक आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया था। इसको 16 जून 1993 को मोंट्रेक्स रिकॉर्ड (Montreux Record) के तहत सूचीबद्ध किया गया था। ज्ञातव्य है कि मोंट्रेक्स रिकॉर्ड रामसर साइटों का एक रिकॉर्ड है जहां पारिस्थितिक विशेषताओं में परिवर्तन हुआ हैं, हो रहा हैं या होने की संभावना है।
Incorrect
उत्तर: c)
- लोकटक झील (Loktak Lake) पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी ताज़े जल की झील है और यह फुमदी (अपघटन के विभिन्न चरणों वाले वनस्पति, मृदा और जैविक पदार्थों का विषम समूह) के लिए प्रसिद्ध है। यह झील मणिपुर के मोइरांग में अवस्थित है।
- इस फुमदी पर स्थित, केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान संकटग्रस्त सांगई (मणिपुर का राज्य पशु) या मणिपुर ब्राउन-एंटलर्ड हिरण (Manipur brown-antlered deer) का अंतिम प्राकृतिक पर्यावास है, जो एल्ड हिरणों (Eld’s deer) की तीन उप-प्रजातियों में से एक है।
पारिस्थितिक स्थिति और इसकी जैव विविधता मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, झील को आरंभ में 23 मार्च 1990 को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की एक आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया था। इसको 16 जून 1993 को मोंट्रेक्स रिकॉर्ड (Montreux Record) के तहत सूचीबद्ध किया गया था। ज्ञातव्य है कि मोंट्रेक्स रिकॉर्ड रामसर साइटों का एक रिकॉर्ड है जहां पारिस्थितिक विशेषताओं में परिवर्तन हुआ हैं, हो रहा हैं या होने की संभावना है।