HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 points‘पीएम केयर्स फंड’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- पीएम केयर्स फंड को FCRA के तहत छूट नहीं प्राप्त है, अतः इनके अंतर्गत विदेशी दान प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
- पीएम केयर्स फंड में किए जाने वाला दान को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) माना जाएगा।
- यह RTI अधिनियम के दायरे से बाहर है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: c)
- “पीएम केयर्स फंड (PM CARES Fund)” को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत छूट प्राप्त है और विदेशों से प्राप्त होने वाले दान के लिए एक पृथक खाता खोला गया है। विदेशों में स्थित व्यक्ति और संगठन पीएम केयर्स फंड में दान कर सकते हैं। यह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) के समान ही है। उल्लेखनीय है कि 2011 से PMNRF के अंतर्गत सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में विदेशी योगदान प्राप्त किया जा रहा है।
- पीएम-केयर्स फंड में दान की गई राशि पर इनकम टैक्स से 100% छूट प्राप्त है। यह राहत आयकर कानून के सेक्शन 80 (g) के तहत प्राप्त होगी। पीएम केयर्स फंड में दान की गई राशि को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) माना जाएगा।
- RTI अधिनियम, 2005 की धारा 2 (h) के तहत पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है।
Incorrect
उत्तर: c)
- “पीएम केयर्स फंड (PM CARES Fund)” को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत छूट प्राप्त है और विदेशों से प्राप्त होने वाले दान के लिए एक पृथक खाता खोला गया है। विदेशों में स्थित व्यक्ति और संगठन पीएम केयर्स फंड में दान कर सकते हैं। यह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) के समान ही है। उल्लेखनीय है कि 2011 से PMNRF के अंतर्गत सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में विदेशी योगदान प्राप्त किया जा रहा है।
- पीएम-केयर्स फंड में दान की गई राशि पर इनकम टैक्स से 100% छूट प्राप्त है। यह राहत आयकर कानून के सेक्शन 80 (g) के तहत प्राप्त होगी। पीएम केयर्स फंड में दान की गई राशि को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) माना जाएगा।
- RTI अधिनियम, 2005 की धारा 2 (h) के तहत पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsवन धन योजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वन धन योजना पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और TRIFED की एक पहल है।
- इसका उद्देश्यजनजातीय उत्पादों के मूल्यवर्धन के माध्यम से जनजातीय समुदायों की आय में सुधार करना है।
- जनजातीय उत्पादों का एकत्रीकरणस्वयं सहायता समूहों (SHGs) द्वारा किया जाएगा।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: b)
- जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा मौजूदा 18,000 स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से 50,000 वन SHGs तक पीएम वन धन योजना का विस्तार करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
- वन धन योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय और ट्राइफेड (आदिवासी सहकारी विपणन विकास फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) की एक पहल है। इसे 14 अप्रैल, 2018 को लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य जनजातीय उत्पादों के मूल्यवर्धन के माध्यम से जनजातीय समुदायों की आय में सुधार करना है।
- इस योजना को केंद्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप जनजातीय कार्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप TRIFED द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। राज्य स्तर पर, MFPs के लिए राज्य नोडल एजेंसी और जिला कलेक्टरों की जमीनी स्तर पर इस योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। स्थानीय रूप से केंद्रों का प्रबंधन एक प्रबंध समिति (एक SHG) द्वारा किया जाता है, जिसमें वन धन SHG के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- इकाई स्तर पर, SHG द्वारा वन धन विकास ’समुह’ का गठन करने वाले लगभग 30 सदस्यों द्वारा उत्पादों का एकत्रीकरण किया जाएगा। SHG भी क्षेत्र में उपलब्ध MFPs के आधार पर स्माल कटिंग और सेंसिंग टूल, डीकॉसीरेटर, ड्रायर, पैकेजिंग टूल आदि जैसे उपकरणों का उपयोग करके MFPs का प्राथमिक मूल्यवर्धन किया जायेगा।
Incorrect
उत्तर: b)
- जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा मौजूदा 18,000 स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से 50,000 वन SHGs तक पीएम वन धन योजना का विस्तार करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
- वन धन योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय और ट्राइफेड (आदिवासी सहकारी विपणन विकास फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) की एक पहल है। इसे 14 अप्रैल, 2018 को लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य जनजातीय उत्पादों के मूल्यवर्धन के माध्यम से जनजातीय समुदायों की आय में सुधार करना है।
- इस योजना को केंद्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप जनजातीय कार्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप TRIFED द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। राज्य स्तर पर, MFPs के लिए राज्य नोडल एजेंसी और जिला कलेक्टरों की जमीनी स्तर पर इस योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। स्थानीय रूप से केंद्रों का प्रबंधन एक प्रबंध समिति (एक SHG) द्वारा किया जाता है, जिसमें वन धन SHG के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- इकाई स्तर पर, SHG द्वारा वन धन विकास ’समुह’ का गठन करने वाले लगभग 30 सदस्यों द्वारा उत्पादों का एकत्रीकरण किया जाएगा। SHG भी क्षेत्र में उपलब्ध MFPs के आधार पर स्माल कटिंग और सेंसिंग टूल, डीकॉसीरेटर, ड्रायर, पैकेजिंग टूल आदि जैसे उपकरणों का उपयोग करके MFPs का प्राथमिक मूल्यवर्धन किया जायेगा।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsहाल ही में सरकार ने तापीय विद्युत् संयंत्रों को आपूर्ति किए जाने वाले कोयले की अनिवार्य धुलाई को समाप्त करने हेतु ‘पर्यावरण संरक्षण अधिनियम’ (Environment Protection Act) में संशोधन किया है। इस संदर्भ में धुले हुए कोयले का उपयोग करने के निम्नलिखित में से क्या लाभ हैं।
- धुले हुए कोयले के प्रयोग से शुष्क ईंधन की दक्षता तथा गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
- इसे तापीय विद्युत् संयत्रों के समक्ष किसी प्रकार कि समस्या उत्पन्न नहीं होती हैं।
- धुला हुआ कोयला दहन, उत्सर्जन तथा स्थानीय वायु प्रदूषण के दृष्टिकोण से बेहतर होता है।
उपर्युक्त में से कौनसे कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: d)
- धुले हुए कोयले के प्रयोग से शुष्क ईंधन की दक्षता तथा गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
- सैधांतिक रूप में, कोयला धोने जैसी प्रक्रिया को सभी के लिए बेहतर माना जाता है। इससे तापीय विद्युत् संयत्रों के परिचालन के समक्ष समस्याएं उत्पन्न नहीं होती हैं।
- धुला हुआ कोयला दहन, उत्सर्जन तथा स्थानीय वायु प्रदूषण के दृष्टिकोण से बेहतर होता है और इससे उत्सर्जित राख तथा गैर-दहनशील सामग्री के अनावश्यक परिवहन में कमी आती है।
Incorrect
उत्तर: d)
- धुले हुए कोयले के प्रयोग से शुष्क ईंधन की दक्षता तथा गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
- सैधांतिक रूप में, कोयला धोने जैसी प्रक्रिया को सभी के लिए बेहतर माना जाता है। इससे तापीय विद्युत् संयत्रों के परिचालन के समक्ष समस्याएं उत्पन्न नहीं होती हैं।
- धुला हुआ कोयला दहन, उत्सर्जन तथा स्थानीय वायु प्रदूषण के दृष्टिकोण से बेहतर होता है और इससे उत्सर्जित राख तथा गैर-दहनशील सामग्री के अनावश्यक परिवहन में कमी आती है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsअंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका कार्य परमाणु ऊर्जा के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना और परमाणु हथियारों सहित किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिए इसके उपयोग को रोकना है।
- IAEA की स्थापना संयुक्त राष्ट्र संविधि के माध्यम से की गई थी।
- IAEA संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करती है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: b)
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency: IAEA), एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका कार्य परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना और परमाणु हथियारों सहित किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिए इसके उपयोग को रोकना है।
IAEA की स्थापना 29 जुलाई 1957 को एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी। IAEA को स्वयं की अंतर्राष्ट्रीय संधि ‘IAEA संविधि’ के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र संस्था के रूप से स्थापित किया गया था। ज्ञातव्य है कि IAEA संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करती है।
Incorrect
उत्तर: b)
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency: IAEA), एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका कार्य परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना और परमाणु हथियारों सहित किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिए इसके उपयोग को रोकना है।
IAEA की स्थापना 29 जुलाई 1957 को एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी। IAEA को स्वयं की अंतर्राष्ट्रीय संधि ‘IAEA संविधि’ के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र संस्था के रूप से स्थापित किया गया था। ज्ञातव्य है कि IAEA संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करती है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsराष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केन्द्र (NATIONAL CENTRE FOR POLAR AND OCEAN RESEARCH: NCPOR) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- NCPOR ने हिमालय में ‘हिमांश’ नामक उच्च ऊंचाई वाला एक अनुसंधान केंद्र स्थापित किया है।
- NCPOR पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के तहत कार्यरत है।
- NCPOR को आर्कटिक क्षेत्र और अंटार्कटिका महाद्वीप में अनुसंधान कार्य करने की अनुमति प्राप्त नहीं है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के तहत NCPOR द्वारा 2013 से पश्चिमी हिमालय में लाहौल-स्पीति (हिमाचल प्रदेश) में चंद्र बेसिन में अध्ययन किया जा रहा है।
- NCPOR द्वारा हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के एक सुदूरवर्ती स्थान, सुत्री ढाका में हिमालय में 4,000 मीटर की ऊंचाई पर ‘हिमांश‘ नामक एक उच्च ऊंचाई वाला अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है।
- NCPOR द्वारा आर्कटिक क्षेत्र और अंटार्कटिका महाद्वीप में भी अनुसंधान कार्य किया जा रहा है।
Incorrect
उत्तर: c)
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के तहत NCPOR द्वारा 2013 से पश्चिमी हिमालय में लाहौल-स्पीति (हिमाचल प्रदेश) में चंद्र बेसिन में अध्ययन किया जा रहा है।
- NCPOR द्वारा हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के एक सुदूरवर्ती स्थान, सुत्री ढाका में हिमालय में 4,000 मीटर की ऊंचाई पर ‘हिमांश‘ नामक एक उच्च ऊंचाई वाला अनुसंधान केंद्र स्थापित किया गया है।
- NCPOR द्वारा आर्कटिक क्षेत्र और अंटार्कटिका महाद्वीप में भी अनुसंधान कार्य किया जा रहा है।