HINDI - INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
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Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
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Question 1 of 5
1. Question
1 pointsहाल के आकलन के अनुसार, गुजरात में एशियाई शेरों की संख्या में 2015 और 2020 की गणना के बीच वृद्धि हुई है। इस संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- दो गणना वर्षों 2015 से 2020 के बीच गुजरात में गिर क्षेत्र के वनों में एशियाई शेरों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि हुई है।
- एशियाई शेर केवल गिर क्षेत्र के जंगल के संरक्षित क्षेत्रों में मौजूद हैं।
- IUCN रेड लिस्ट में एशियाई शेरों को ‘ संकटग्रस्त (Endangered)’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
गुजरात के गिर क्षेत्र के जंगल में एशियाई शेरों की संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले पांच वर्षों में लगभग 29% की वृद्धि हुई है। राज्य वन विभाग के अनुसार, शेरों की आबादी बढ़कर लगभग 674 हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में शेरों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।
वर्तमान में एशियाई शेरों का प्रवास क्षेत्रफल वर्ष 2015 के 22,000 वर्ग किमी से बढ़कर 30,000 वर्ग किमी हो गया है। एशियाई शेर सौराष्ट्र के संरक्षित क्षेत्रों और कृषि–चारागाह क्षेत्रों में निवास करते है।
IUCN रेड लिस्ट में इन्हें ‘संकटग्रस्त‘(Endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इनकी आबादी भारत में गुजरात राज्य तक ही सीमित है।
Incorrect
उत्तर: c)
गुजरात के गिर क्षेत्र के जंगल में एशियाई शेरों की संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले पांच वर्षों में लगभग 29% की वृद्धि हुई है। राज्य वन विभाग के अनुसार, शेरों की आबादी बढ़कर लगभग 674 हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में शेरों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।
वर्तमान में एशियाई शेरों का प्रवास क्षेत्रफल वर्ष 2015 के 22,000 वर्ग किमी से बढ़कर 30,000 वर्ग किमी हो गया है। एशियाई शेर सौराष्ट्र के संरक्षित क्षेत्रों और कृषि–चारागाह क्षेत्रों में निवास करते है।
IUCN रेड लिस्ट में इन्हें ‘संकटग्रस्त‘(Endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इनकी आबादी भारत में गुजरात राज्य तक ही सीमित है।
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Question 2 of 5
2. Question
1 pointsरेत खनन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- रेत खनन 2020 के लिए प्रवर्तन और निगरानी दिशा–निर्देश ऑनलाइन बिक्री और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए रेत और अन्य नदियों से प्राप्त होने वाली सामग्री की खरीद के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
- खान और खनिज (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1957 राज्य सरकारों को खनिजों के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए नियम बनाने हेतु प्राधिकृत करता है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: c)
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा 2018 में दिए गए आदेशों के बाद, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forests and Climate Change: MoEF) ने पहली बार देश में अवैध रेत खनन की निगरानी और जांच करने के दिशा–निर्देश जारी किए।
- मंत्रालय द्वारा जारी वर्ष 2020 में रेत खनन के लिए प्रवर्तन और निगरानी दिशा-निर्देश में राज्यों को नदियों की ऑडिट करने के लिए दिशा-निर्देशो में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:-
- सभी खनन क्षेत्रों की विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट को ऑनलाइन और पब्लिक डोमेन में रखा जाए;
- नदी के तल की स्थिति का बार–बार अध्ययन किया जाए;
- ड्रोन द्वारा हवाई सर्वेक्षण एवं ज़मीनी सर्वेक्षण के माध्यम से खनन क्षेत्रों की लगातार निगरानी की जाए।
- ज़िला स्तर पर समर्पित कार्य बलों की स्थापना की जाए।
- वर्ष 2020 में रेत खनन के लिए प्रवर्तन और निगरानी दिशा-निर्देश, ऑनलाइन बिक्री और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए रेत और अन्य नदियों से प्राप्त होने वाली सामग्री की खरीद के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इनमें नाइट–विजन ड्रोन के माध्यम से खनन गतिविधियों की रात्रि के समय निगरानी का भी प्रावधन किया गया है।
- हालांकि, MoEF ने पहले ही स्थायी रेत प्रबंधन दिशानिर्देश, 2016 (Sustainable Sand Management Guidelines, 2016) को लागू कर दिया है, जो भारत में रेत खनन के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि नियामकीय प्रावधानों के प्रभावी प्रवर्तन और उनकी निगरानी के लिए दिशा-निर्देशों की तत्काल आवश्यकता है।
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 ने राज्य सरकारों को खनिजों के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए नियम बनाने हेतु अधिकृत किया है। लेकिन, हाल के दिनों में, यह देखा गया है कि देश में बड़ी संख्या में अवैध खनन के मामले सामने आए है।
- वर्ष 2020 के दिशा-निर्देशों को स्थायी रेत प्रबंधन दिशा-निर्देश, 2016 के साथ लागू किया जाना है, लेकिन ऐसी स्थिति में जहां इन दोनों दिशानिर्देशों के समुच्यों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, तो नवीन दिशा-निर्देशों को कानूनी वरीयता दी जाएगी।
Incorrect
उत्तर: c)
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा 2018 में दिए गए आदेशों के बाद, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forests and Climate Change: MoEF) ने पहली बार देश में अवैध रेत खनन की निगरानी और जांच करने के दिशा–निर्देश जारी किए।
- मंत्रालय द्वारा जारी वर्ष 2020 में रेत खनन के लिए प्रवर्तन और निगरानी दिशा-निर्देश में राज्यों को नदियों की ऑडिट करने के लिए दिशा-निर्देशो में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:-
- सभी खनन क्षेत्रों की विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट को ऑनलाइन और पब्लिक डोमेन में रखा जाए;
- नदी के तल की स्थिति का बार–बार अध्ययन किया जाए;
- ड्रोन द्वारा हवाई सर्वेक्षण एवं ज़मीनी सर्वेक्षण के माध्यम से खनन क्षेत्रों की लगातार निगरानी की जाए।
- ज़िला स्तर पर समर्पित कार्य बलों की स्थापना की जाए।
- वर्ष 2020 में रेत खनन के लिए प्रवर्तन और निगरानी दिशा-निर्देश, ऑनलाइन बिक्री और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए रेत और अन्य नदियों से प्राप्त होने वाली सामग्री की खरीद के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इनमें नाइट–विजन ड्रोन के माध्यम से खनन गतिविधियों की रात्रि के समय निगरानी का भी प्रावधन किया गया है।
- हालांकि, MoEF ने पहले ही स्थायी रेत प्रबंधन दिशानिर्देश, 2016 (Sustainable Sand Management Guidelines, 2016) को लागू कर दिया है, जो भारत में रेत खनन के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि नियामकीय प्रावधानों के प्रभावी प्रवर्तन और उनकी निगरानी के लिए दिशा-निर्देशों की तत्काल आवश्यकता है।
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 ने राज्य सरकारों को खनिजों के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए नियम बनाने हेतु अधिकृत किया है। लेकिन, हाल के दिनों में, यह देखा गया है कि देश में बड़ी संख्या में अवैध खनन के मामले सामने आए है।
- वर्ष 2020 के दिशा-निर्देशों को स्थायी रेत प्रबंधन दिशा-निर्देश, 2016 के साथ लागू किया जाना है, लेकिन ऐसी स्थिति में जहां इन दोनों दिशानिर्देशों के समुच्यों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, तो नवीन दिशा-निर्देशों को कानूनी वरीयता दी जाएगी।
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Question 3 of 5
3. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है।
- मूल्य के लिहाज से भारत में दुग्ध सबसे बड़ा उत्पाद है।
- भारत में उत्पादित दुग्ध का कुल मूल्य धान और गेहूं के कुल मूल्य से अधिक है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct
उत्तर: d)
मूल्य के लिहाज से भारत में दुग्ध सबसे बड़ा उत्पाद है। इसका मूल्य धान और गेहूं के कुल मूल्य से अधिक है। विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक होने के बावजूद, वर्तमान में भारत वृहत स्तर के कैप्टिव बाजार से एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभर रहा है।
Incorrect
उत्तर: d)
मूल्य के लिहाज से भारत में दुग्ध सबसे बड़ा उत्पाद है। इसका मूल्य धान और गेहूं के कुल मूल्य से अधिक है। विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक होने के बावजूद, वर्तमान में भारत वृहत स्तर के कैप्टिव बाजार से एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभर रहा है।
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Question 4 of 5
4. Question
1 pointsकोविड –19 के लिए रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट के द्वारा शरीर में निर्मित एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है।
- रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट को RT-PCR टेस्ट की तुलना में पॉजिटिव या नेगेटिव परीक्षण करने में कम समय लगता है।
- एंटीजन टेस्ट से प्राप्त पॉजिटिव परिणाम अत्यधिक सटीक होता है, साथ ही, गलत–निगेटिव (False Negatives) होने की संभावना भी अधिक होती है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: c)
RT-PCR टेस्ट की भांति, रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट का उपयोग व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाने के बजाय वायरस संक्रमण की जांच के लिए किया जाता है।
कोविड–19 रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट क्या है?
इस टेस्ट में व्यक्ति की नाक से फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल का परीक्षण करके एंटीजन (बाह्य पदार्थ जो शरीर में एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है) का पता लगाया जाता है, जो SARS-CoV-2 वायरस में या इसके ऊपर पाया जाता है। यह टेस्ट परंपरागत प्रयोगशालाओं से बाहर देखभाल केद्रों पर किया जाता है, इसका उपयोग शीघ्र नैदानिक परिणाम प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट, RT-PCR टेस्ट से किस प्रकार भिन्न है?
RT-PCR वर्तमान में कोविड-19 के निदान के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड फ्रंटलाइन टेस्ट (gold standard frontline test) है। RT-PCR टेस्ट की भांति, रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट भी व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाने के बजाय वायरस संक्रमण की जांच करने के लिए किया जाता है। दोनों की क्रियाविधि प्रथक होती है, दोनों परीक्षणों के मध्य सबसे महत्वपूर्ण अंतर ‘समय’ का होता है। जैसा कि ICMR ने बताया है कि RT-PCR टेस्ट में न्यूनतम 2-5 घंटे लगते हैं, जिसमें नमूना का परिवहन करने के लिए भी लगने वाला समय जोड़ा जाता है। ये विनिर्देश RT-PCR परीक्षण के व्यापक उपयोग को सीमित करते हैं और ICMR सलाहकार राज्यों के विभिन्न कन्टेनमेंट जोन और अस्पताल में परीक्षण क्षमता के त्वरित वृद्धि को भी बाधित करते हैं। रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट में, संक्रमण के पॉजिटिव अथवा निगेटिव का पता अधिकतम 30 मिनट के अंदर लगाया जा सकता है।
रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट के परिणामों की सीमाएँ क्या हैं?
ये परीक्षण विशेष रूप से वायरस की पहचान के लिए किया जाते हैं तथा यह मॉलिक्यूलर पीसीआर परीक्षणों (Molecular PCR tests) की तरह संवेदनशील नहीं होते है। इसका अर्थ है कि एंटीजन टेस्ट के पॉजिटिव परिणाम अत्यधिक सटीक होते हैं, परन्तु इन परिणामों के गलत–निगेटिव (False Negatives) होने की संभावना भी अधिक होती है। इसलिए टेस्ट के नकारात्मक परिणाम से होने वाले संक्रमण को रोका नहीं जा सकता है।
एंटीजन टेस्ट के गलत-निगेटिव (False Negatives) परिणाम के कारण वायरस के संभावित प्रसार को रोकने या उपचार करने हेतु निर्णय लेने से पहले एंटीजन टेस्ट के निगेटिव परिणामों की पुष्टि के लिए PCR टेस्ट की आवश्यकता होती है।
Incorrect
उत्तर: c)
RT-PCR टेस्ट की भांति, रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट का उपयोग व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाने के बजाय वायरस संक्रमण की जांच के लिए किया जाता है।
कोविड–19 रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट क्या है?
इस टेस्ट में व्यक्ति की नाक से फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल का परीक्षण करके एंटीजन (बाह्य पदार्थ जो शरीर में एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है) का पता लगाया जाता है, जो SARS-CoV-2 वायरस में या इसके ऊपर पाया जाता है। यह टेस्ट परंपरागत प्रयोगशालाओं से बाहर देखभाल केद्रों पर किया जाता है, इसका उपयोग शीघ्र नैदानिक परिणाम प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट, RT-PCR टेस्ट से किस प्रकार भिन्न है?
RT-PCR वर्तमान में कोविड-19 के निदान के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड फ्रंटलाइन टेस्ट (gold standard frontline test) है। RT-PCR टेस्ट की भांति, रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट भी व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाने के बजाय वायरस संक्रमण की जांच करने के लिए किया जाता है। दोनों की क्रियाविधि प्रथक होती है, दोनों परीक्षणों के मध्य सबसे महत्वपूर्ण अंतर ‘समय’ का होता है। जैसा कि ICMR ने बताया है कि RT-PCR टेस्ट में न्यूनतम 2-5 घंटे लगते हैं, जिसमें नमूना का परिवहन करने के लिए भी लगने वाला समय जोड़ा जाता है। ये विनिर्देश RT-PCR परीक्षण के व्यापक उपयोग को सीमित करते हैं और ICMR सलाहकार राज्यों के विभिन्न कन्टेनमेंट जोन और अस्पताल में परीक्षण क्षमता के त्वरित वृद्धि को भी बाधित करते हैं। रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट में, संक्रमण के पॉजिटिव अथवा निगेटिव का पता अधिकतम 30 मिनट के अंदर लगाया जा सकता है।
रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट के परिणामों की सीमाएँ क्या हैं?
ये परीक्षण विशेष रूप से वायरस की पहचान के लिए किया जाते हैं तथा यह मॉलिक्यूलर पीसीआर परीक्षणों (Molecular PCR tests) की तरह संवेदनशील नहीं होते है। इसका अर्थ है कि एंटीजन टेस्ट के पॉजिटिव परिणाम अत्यधिक सटीक होते हैं, परन्तु इन परिणामों के गलत–निगेटिव (False Negatives) होने की संभावना भी अधिक होती है। इसलिए टेस्ट के नकारात्मक परिणाम से होने वाले संक्रमण को रोका नहीं जा सकता है।
एंटीजन टेस्ट के गलत-निगेटिव (False Negatives) परिणाम के कारण वायरस के संभावित प्रसार को रोकने या उपचार करने हेतु निर्णय लेने से पहले एंटीजन टेस्ट के निगेटिव परिणामों की पुष्टि के लिए PCR टेस्ट की आवश्यकता होती है।
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Question 5 of 5
5. Question
1 pointsहाइड्रोफोन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- हाइड्रोफोन जल के नीचे ध्वनिक संकेतों का पता लगाता है।
- हाइड्रोफोन ध्वनि तरंग को विद्युत वोल्टेज में परिवर्तित करके आसपास के वातावरण में दाब में होने वाले परिवर्तन का पता लगाता है।
- हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने भारतीय नदियों और झीलों में हाइड्रोफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
Correct
उत्तर: a)
ओडिशा के वन विभाग के अधिकारियों, वन्यजीव विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने चिलिका झील में 146 लुप्तप्राय इरावदी डॉल्फ़िन की उपस्थिति दर्ज की हैं। इन्होंने दावा किया है कि यह विश्व में जलीय स्तनपायी की सबसे बड़ी एकल लैगून आबादी है।
146 डॉल्फ़िनों की उपस्थिति को चिलिका विकास प्राधिकरण (CDA) द्वारा पुष्टि की गई है। CDA द्वारा वर्ष में डॉल्फ़िन की गिनती हाइड्रोफ़ोन द्वारा की जाती है।
चिलिका में वर्ष भर किए गए हाइड्रोफ़ोन मॉनीटरिंग के अनुसार, सबसे अधिक इरावदी डॉल्फ़िन (20-25) राजहंस क्षेत्र में, इसके पश्चात मगर्मुख और मालतीकुडा क्षेत्र दर्ज कि गई हैं।
Incorrect
उत्तर: a)
ओडिशा के वन विभाग के अधिकारियों, वन्यजीव विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने चिलिका झील में 146 लुप्तप्राय इरावदी डॉल्फ़िन की उपस्थिति दर्ज की हैं। इन्होंने दावा किया है कि यह विश्व में जलीय स्तनपायी की सबसे बड़ी एकल लैगून आबादी है।
146 डॉल्फ़िनों की उपस्थिति को चिलिका विकास प्राधिकरण (CDA) द्वारा पुष्टि की गई है। CDA द्वारा वर्ष में डॉल्फ़िन की गिनती हाइड्रोफ़ोन द्वारा की जाती है।
चिलिका में वर्ष भर किए गए हाइड्रोफ़ोन मॉनीटरिंग के अनुसार, सबसे अधिक इरावदी डॉल्फ़िन (20-25) राजहंस क्षेत्र में, इसके पश्चात मगर्मुख और मालतीकुडा क्षेत्र दर्ज कि गई हैं।